दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को एक वकील को अदालत की आपराधिक अवमानना के लिए छह महीने के साधारण कारावास की सजा सुनाई. वकील ने हाई कोर्ट और जिला न्यायपालिका के मौजूदा न्यायाधीशों के खिलाफ अपमानजनक आरोप लगाए थे. जस्टिस कुमार कैत और शलिंदर कौर की खंडपीठ ने कहा कि अवमाननाकर्ता वीरेंद्र सिंह को बिना शर्त माफी मांगने का अवसर दिया गया था, लेकिन उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया और अपने लगाए आरोपों पर कायम रहे. कोर्ट ने कहा, इससे पता चलता है कि उन्हें अपने आचरण पर कोई पश्चाताप नहीं है. कोर्ट ने कहा, 'इस न्यायालय की राय है कि अवमाननाकर्ता को अपने आचरण और कार्यों के लिए कोई पश्चाताप नहीं है. नतीजतन, हम उसे ₹2,000/- के जुर्माने के साथ 6 महीने की अवधि के लिए साधारण कारावास की सजा देते हैं और जुर्माना अदा न करने पर उसे 7 दिनों के साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी. दिल्ली हाई कोर्ट ने पति की मौत के बाद 29 सप्ताह की गर्भवती महिला को दी गर्भपात की इजाजत.
The Court observed that the contemnor Virendra Singh was given the opportunity to tender an unconditional apology but he refused to do the same and stood by the allegations he had made.#DelhiHighCourt #contemptcase #judge
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— Bar & Bench (@barandbench) January 10, 2024
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