प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को हाईकोर्ट्स के चीफ जस्टिस और मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन में कहा "2015 में हमने करीब 1800 ऐसे क़ानूनों को चिन्हित किया था जो अप्रासंगिक हो चुके थे. इनमें से जो केंद्र के कानून थे, ऐसे 1450 क़ानूनों को हमने खत्म किया. लेकिन राज्यों की तरफ से केवल 75 कानून ही खत्म किए गए हैं.

प्रधानमंत्री ने कहा "2047 में जब देश अपनी आज़ादी के 100 साल पूरे करेगा, तब हम देश में कैसी न्याय व्यवस्था देखना चाहेंगे? हम किस तरह अपने न्याय व्यवस्था को इतना समर्थ बनाएँ कि वो 2047 के भारत की आकांक्षाओं को पूरा कर सके, उन पर खरा उतर सके, ये प्रश्न आज हमारी प्राथमिकता होना चाहिए."

इससे पहले पीएम मोदी ने कहा "राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों का ये संयुक्त सम्मेलन हमारी संवैधानिक खूबसूरती का सजीव चित्ररण है. हमारे देश में जहां एक ओर ज्यूडिशरी की भूमिका का संविधान संरक्षक की है वहीं विधान मंडल नागरिकों की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करती है."

In 2015, we identified about 1800 laws that had become irrelevant. Out of these, the Centre abolished 1450 such laws. But, only 75 laws have been abolished by the States: PM Modi pic.twitter.com/1fZzpYwfib

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