बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) की औरंगाबाद बेंच ने हाल ही में एक नाबालिग से बलात्कार (Rape Of Minor) के लिए एक व्यक्ति की सजा को बरकरार रखते हुए इस बात पर जोर दिया कि 6 साल की एक बलात्कार पीड़िता से लोगों के पूरे नाम याद रखने की उम्मीद नहीं की जा सकती है.
न्यायमूर्ति विभा कंकनवाड़ी और न्यायमूर्ति वाईजी खोबरागड़े की खंडपीठ ने बलात्कार के आरोपी के तर्क को खारिज करते हुए यह टिप्पणी की कि चूंकि 6 साल की पीड़िता को अपना पूरा नाम याद नहीं है, इसलिए पुलिस या उसके माता-पिता ने उसे गलत तरीके से फंसाने के लिए उसे सिखाया होगा.
“छह साल की लड़की से यह उम्मीद नहीं की जा सकती कि वह दूसरे व्यक्ति का पूरा नाम बताएगी, जो पास के इलाके में रहता है. वह उस व्यक्ति को पहले या अंतिम नाम से जानती होगी या उस व्यक्ति की पहचान उस व्यक्ति के बच्चे के नाम से कर सकती है.
आपको बता दें कि अदालत सितंबर 2012 में नाबालिग लड़की से बलात्कार के लिए सत्र न्यायाधीश द्वारा 2015 में दोषी ठहराए गए व्यक्ति द्वारा दायर अपील पर विचार कर रही थी.
Cannot expect 6-year-old rape survivor to remember full name of accused; Bombay High Court upholds conviction of rapist
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— Bar & Bench (@barandbench) April 19, 2023
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