ब्यूटी विद ब्रेन की मिसाल हैं इमरान खान की पार्टी की सबसे युवा नेता मोमिना बासित, देखें Photos
मोमिना बासित (Photo Credit-Instagram)

इस्लामाबादः बीते 25 जुलाई को पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में चुनाव हुए जिसमें इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ ने जीत हासिल की. जीत के बाद इमरान खान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ लेने जा रहे है. चुनावों के बीच इमरान खान की पार्टी पीटीआई की सबसे युवा नेता मोमिना बासित अपनी खूबसूरती के चलते चर्चा में रहीं. आजकल ये युवा नेता सोशल मीडिया पर छाई हुई हैं. मोमिना भी केपीके से चुनाव जीत हो चुकी हैं. वह पीटीआई की सबसे कम उम्र की महिला हैं जो प्रांतीय एसेंबली में पहुंच रही हैं. इंस्टाग्राम पर मोमिना के हजारों फॉलोअर्स हैं देखिए उनके Photos-

बता दें कि हजारा से चुनाव जीतने वाली पहली महिला पीटीआई, केपीके में भी सरकार बना सकती है. मोमिना को रिजर्व सीट होने की वजह से टिकट मिली थी और उन्‍होंने हजारा डिविजन से चुनाव जीता है. हजारा डिविजन से कभी भी किसी महिला ने चुनाव नहीं लड़ा था. यह भी पढ़े- इमरान खान करेंगे वह काम जो अबतक कोई प्रधानमंत्री नहीं कर पाया है

मोमिना हजारा क्षेत्र में पीटीआई की महिला विंग की प्रेसीडेंट हैं. इसके अलावा सवाई प्रोजेक्‍ट की को-ऑर्डिनेटर भी हैं. यह भी- इमरान खान की पूर्व पत्नी जेमिमा है बेहद खुबसूरत, देखें अनदेखी तस्वीरें

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मोमिना इंस्‍टाग्राम, फेसबुक और ट्विटर पर काफी पॉपुलर हैं. इंस्‍टाग्राम पर मोमिना को 19 हजार से भी ज्‍यादा लोग फॉलो करते हैं. यह भी पढ़े-इमरान खान प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं तो दूसरी तरफ उनकी बेटी को लेकर आयी यह खबर

केपीके में महिलाओं के लिए 21 सीटें आ‍रक्षित हैं और पीटीआई ने 15 महिलाओं को टिकट दिया था. मोमिना की ही तरह इस समय डॉक्‍टर सुमैरा शैम्‍स की भी काफी चर्चा है. सुमैरा लोअर डिर की रहने वाली हैं. यह खैबर का एक ऐसा इलाका हैं जहां पर महिलाओं के वोट डालने पर पाबंदी है. यह भी पढ़े-सुनील गावस्कर को मिला इमरान खान का न्योता, कहा- सरकार से अनुमति मिली तो ही होंगे शामिल

गौरतलब है कि पाकिस्तान की 342 सीटों वाली नेशनल एसेम्बली में 272 सीटों पर प्रत्यक्ष निर्वाचन होता है. किसी भी पार्टी को सरकार बनाने के लिए कुल में से 172 सीटों की जरूरत होती है, हालांकि निर्वाचित 272 सीटों में उसे 137 सीटें ही चाहिए होती हैं.सदन में 60 सीटें महिलाओं के लिए जबकि 10 सीटें धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित हैं.