अगर आ जाए भूकंप? तो अपनी जान बचाने के लिए उठाएं ये कदम

भूकंप आने के बाद ज्यादातर लोग बौखला जाते हैं, उन्हें समझ नहीं आता क्या करें और क्या नहीं? भूकंप एक ऐसी आपदा है जो बिना बताए कहीं भी कभी भी आ सकती है. भूकंप आया है या नहीं ये समझने में भी लोगों को वक्त लग जाता है. अगर आपके आस-पास की जमीन हिल रही है तो समझ जाएं की भूकंप आ रहा है और चौकन्ना हो जाएं...

प्रतीकात्मक तस्वीर, (Photo Credit: फाइल फोटो)

भूकंप (Earthquake) आने के बाद ज्यादातर लोग बौखला जाते हैं, उन्हें समझ नहीं आता क्या करें और क्या नहीं? भूकंप एक ऐसी आपदा है जो बिना बताए कहीं भी कभी भी आ सकती है. भूकंप आया है या नहीं ये समझने में भी लोगों को वक्त लग जाता है. अगर आपके आस-पास की जमीन हिल रही है तो समझ जाएं की भूकंप आ रहा है और चौकन्ना हो जाएं.

भूकंप एक ऐसी आपदा है जिसका पहले से अनुमान लगाना मुश्किल है. साइंस के बहुत आगे पहुंच जाने के बाद और तमाम आधुनिक सुविधाओं के बावजूद भूकंप आने के समय, इसके असर का दायरा और एक्यूरेट तीव्रता बताना मुश्किल है. ऐसे वक्त पर दिमाग शांत रखें और कुछ सावधानियां बरतकर अपने आपको और दूसरों को बचाने की कोशिश करें. आइए हम आपको बताते हैं इससे बचने के कुछ उपाय.

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अगर घर के आस पास खुली जगह नहीं है और आपके पास उतना वक्त नहीं है तो किसी मजबूत टेबल या अन्य फर्निचर के नीचे घुसकर बैठ जाएं और कंपन बंद होने तक वहीं बैठे रहें. यदि आपके पास मेज या डेस्क नहीं है, अपने चेहरे और सिर को भुजाओं से ढकें और इमारत के अंदरूनी कोने में झुक कर खड़े रहें.

भूकंप आने पर खुली जगह पर चले जाएं, जहां आस पास कुछ भी न हो.

लाइट्स, टीवी, फ्रिज, गैस सिलेंडर या गैस पाईप लाइन बंद कर दें.

बड़ी अलमारियों या पेड़ के नीचे न खड़े रहें, भूकंप से ये आपके ऊपर गिर सकते हैं.

ऊंची बिल्डिंग या बिजली के खंभे के नीचे न खड़े रहें, लिफ्ट का इस्तेमाल न करें.

जब तक भूकंप के झटके जारी हैं, तब तक एक ही जगह पर बैठे रहें.

आपको बता दें दिल्ली एनसीआर और आसपास के इलाकों में बुधवार 20 फरवरी की सुबह भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए, हालांकि इसके किसी तरह के नुकसान की कोई सूचना नहीं है. बताया जा रहा है कि भूकंप का केन्द्र दिल्ली के उत्तर में था.

 

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