नई दिल्ली, 2 मार्च: सोशल मीडिया (Social Media) पर इन दिनों एक खबर बड़ी तेजी से वायरल हो रही है. इस वायरल खबर में दावा किया गया है कि संघ लोक सेवा आयोग (Union Public Service Commission) द्वारा ज्वाइंट सेक्रेटरी व डायरेक्टर के 30 पदों हेतु जारी की गई लेटरल एंट्री भर्ती के लिए अनारक्षित वर्ग के उम्मीदवार ही आवेदन कर सकते हैं. बता दें कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रही यह खबर पूरी तरह से फेक हैं. पीआईबी फैक्ट चेक (PIB Fact Check) में यह दावा फर्जी पाया गया है. पीआईबी फैक्ट चेक में बताया गया है कि उचित योग्यता वाले सभी उम्मीदवार रिक्त पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं.
बता दें कि यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा को दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है. यह परीक्षा तीन चरणों में आयोजित की जाती है. इस परीक्षा को उत्तीर्ण करने वाले छात्रों को देश के अहम पदों पर तैनात किया जाता है. इन दिनों देश में लेटरल एंट्री की वजहों से यह परीक्षा काफी चर्चा में है.
हाल ही में लेटरल एंट्री से पदों के लिए नोटिफिकेशन जारी किया था. इस नोटिफिकेशन को लेकर विपक्ष मौजूदा सरकार पर हमलावर है. विपक्ष का मानना है कि मौजूदा सरकार लेटरल एंट्री के जरिए अपने लोगों को ब्यूरोक्रेसी में शामिल करने की कोशिश कर रही है.
एक खबर में दावा किया गया है कि यूपीएससी द्वारा ज्वॉइंट सेक्रेटरी व डायरेक्टर के 30 पदों हेतु जारी की गई लेटरल एंट्री भर्ती के लिए अनारक्षित वर्ग के उम्मीदवार ही आवेदन कर सकते हैं।#PIBFactCheck: यह दावा #फर्जी है। अपेक्षित योग्यता वाले उम्मीदवार इन पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं। pic.twitter.com/1RS2MKX0Vt
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) March 2, 2021
लेटरल एंट्री को आसान शब्दों में समझें तो इसका मतलब होता है यूपीएससी की परीक्षा पास किए बिना ब्यूरोक्रेसी में उच्च पद पर आसीन होना. इसके लिए सरकार ने कड़े नियम भी बनाए हैं. लेटरल एंट्री भर्ती में वहीं व्यक्ति चुना जाता है जिसे अपने कार्यक्षेत्र में बेहतरीन सफलता हासिल होती है.
लेटरल एंट्री में केंद्र सरकार का कहना है कि कई बार प्रशासनिक अधिकारी कई कामों को करने में सफल नहीं हो पाते हैं. एस में में उस कार्य क्षेत्र का कोई विशेषज्ञ है तो उसे लेटरल एंट्री के जरिए इस कार्य को पूरा करने का मौका देना चाहिए.