Fact Check: COVID-19 संबंधित मैसेज, पोस्ट वाट्सएप ग्रुप में शेयर करने से होगी सजा ? PIB ने पड़ताल कर बताई सच्चाई
फेक न्यूज (Photo Credits: WhatsApp)

Coronavirus Fact Check: कोरोना वायरस से भारत में 42 लोगों की मौत हो गई है और इसके कंफर्म केसों का आंकड़ा 1200 के पार पहुंच गया है. दुनिया भर में हर दिन इसके संक्रमण के नए मामले सामने आ रहे हैं. भारत सहित कई देशों को लॉकडाउन कर दिया गया है. ऐसे में लोग अपने-अपने घरों में हैं और जानकारी के लिए सोशल मीडिया पर निर्भर हैं. वैसे तो सोशल मीडिया पर शुरू से अफवाहें फैलती हैं, लेकिन कोरोना वायरस को लेकर जिस कदर झूठी खबरें फैलाई जा रही हैं, जिसकी कोई सीमा नहीं है. इससे लोगों में भ्रम की स्थिति पैदा होती है. झूठी जानकारी किसी खतरनाक बीमारी जितनी ही जानलेवा होती है. हाल ही में वाट्सएप पर एक पोस्ट वायरल हुआ, जिसमें लिखा था कि कोरोना वायरस से संबंधित कोई कोई खबर या मैसेज मैसेजिंग एप के ग्रुप में फॉर्वड नहीं किया जा सकता. वायरल पोस्ट में कहा गया है कि अगर ऐसा हुआ तो ग्रुप के एडमिन सहित सभी सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. प्रेस ब्यूरो ऑफ इंडिया (PIB) ने इस वायरल पोस्ट की छानबीन की और इसे झूठा ठहराया.

वायरल पोस्ट में लिखा है- '' ग्रुप के सभी सदस्यों को सूचित किया जाता है कि केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस से जुड़े किसी भी पोस्ट को फॉर्वड करना जुर्म है. सिर्फ सरकारी एजेंसी कोरोना पर पोस्ट कर सकती है. अगर कोई गलत जानकारी शेयर की जाती है तो ग्रुप के एडमिन सहित सभी सदस्यों पर IT एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी. ''

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यह पोस्ट गृह मंत्रालय के नाम पर शेयर किया जा रहा है. पोस्ट वायरल होने पर PIB ने सफाई दी कि गृह मंत्रालय ने ऐसा कोई आदेश नहीं दिया है. PIB ने लोगों से सच्ची जानकारी शेयर करने का अनुरोध किया है.

देखें PIB का ट्वीट...

गृह मंत्रालय ने लॉकडाउन के दौरान पालन करने वाले कुछ नियमों का निर्देश जारी किया है. मंत्रालय के मुताबिक, कोई भी व्यक्ति फेक न्यूज़ या अफवाहें फैलाता पकड़ा गया तो उसे दो साल तक की सज़ा हो सकती है.

Fact check

Fact Check: COVID-19 संबंधित मैसेज, पोस्ट वाट्सएप ग्रुप में शेयर करने से होगी सजा ? PIB ने पड़ताल कर बताई सच्चाई
Claim :

वाट्सएप पर वायरल एक पोस्ट में लिखा था कि कोरोना वायरस से संबंधित कोई कोई खबर या मैसेज मैसेजिंग एप के ग्रुप में फॉर्वड नहीं किया जा सकता. पोस्ट में कहा गया है कि अगर ऐसा हुआ तो ग्रुप के एडमिन सहित सभी सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

Conclusion :

PIB ने इस खबर को झूठा ठहराया है. उनका कहना है कि गृह मंत्रालय ने ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया है.

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