Fact Check: क्या पायलट की सीट सरकने से हुआ था अहमदाबाद विमान हादसा? जानें वायरल मैसेज की सच्चाई
Photo- @PIBFactCheck/X

Fact Check: एयर इंडिया फ्लाइट AI-171 हादसे को लेकर सोशल मीडिया पर एक फर्जी मैसेज तेजी से वायरल हो रहा है. इस मैसेज में दावा किया जा रहा है कि विमान के ब्लैक बॉक्स से हादसे की वजह सामने आ गई है, जिसमें पायलट की सीट में खराबी को दुर्घटना का मुख्य कारण बताया गया है. लेकिन प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) ने इस संदेश को पूरी तरह झूठा करार दिया है. फर्जी मैसेज में कहा गया है कि टेकऑफ के दौरान पायलट की सीट का लॉकिंग मैकेनिज्म फेल हो गया, जिससे सीट अचानक पीछे खिसक गई.

इस दौरान कप्तान के हाथों से थ्रॉटल लीवर डिएक्टिवेट हो गया. इसके चलते विमान को पूरा जोर नहीं मिला और वह कुछ ही सेकंड में दुर्घटनाग्रस्त हो गया.

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एयर इंडिया फ्लाइट AI-171 हादसे को लेकर वायरल मैसेज फर्जी

सह-पायलट भी नहीं कर पाया कंट्रोल?

फर्जी मैसेज में यह दावा भी किया गया कि सह-पायलट कंट्रोल लेने की कोशिश करता रहा, लेकिन कप्तान की स्थिति की वजह से कंट्रोल्स तक पहुंच नहीं पाया. इस कारण बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर मेडिकल वर्ल्ड इमारत से टकरा गया और हादसे में कुल 270 लोगों की मौत हो गई. लेकिन PIB ने साफ कहा है कि यह मैसेज पूरी तरह बेबुनियाद और भ्रामक है.

PIB ने लोगों से अपील की है कि वे ऐसी अफवाहों पर विश्वास न करें और केवल सरकारी व आधिकारिक स्रोतों से प्राप्त जानकारी पर ही भरोसा करें.

आखिर क्या है असली मामला?

दरअसल, 12 जून को अहमदाबाद से लंदन गैटविक जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 टेकऑफ के 30 सेकंड बाद ही दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी. विमान मेहगनीनगर इलाके में स्थित बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल से जा टकराया था. हादसे में विमान में सवार 230 यात्रियों और 12 क्रू मेंबर्स में से केवल एक व्यक्ति की जान बच सकी. इसके अलावा हादसे में जमीन पर मौजूद 39 लोगों की भी मौत हुई.

हादसे की आधिकारिक जांच जारी

फिलहाल इस भीषण विमान हादसे की जांच DGCA और अन्य एविएशन एक्सपर्ट्स की टीम कर रही है. ब्लैक बॉक्स की रिकवरी हो चुकी है, लेकिन अभी तक उसकी आधिकारिक जांच रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं हुई है. किसी भी जांच एजेंसी ने अब तक ऐसा कोई बयान नहीं दिया है जैसा वायरल मैसेज में दावा किया जा रहा है.

फर्जी खबरों से सावधान रहें पाठक

यह पहली बार नहीं है जब किसी बड़े हादसे के बाद सोशल मीडिया पर फर्जी खबरें फैलने लगी हों. इसलिए जरूरी है कि हम सभी सच और झूठ में फर्क करना सीखें और अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ रिपोर्ट करें.