अगर आप अपने काम से प्यार करते हैं तो उसके इजहार करने के कई तरीके हैं. इनमें से एक तरीका है नियमित काम पर जाना और छुट्टी न लेना. लेकिन हर कोई अपने काम के प्रति इतना समर्पित नहीं होता. हालांकि लार्सन एंड टूब्रो (Larsen and Toubro) के रिटायर्ड नॉन एग्जिक्यूटिव चेयरमेन अनिल कुमार मणिभाई नाइक (Anil Kumar Manibhai Naik) ने इस बात को अपने 50 साल के करियर में कुछ ज्यादा ही सीरियस ले लिया. उन्होंने 50 साल (50 Years) लगातार काम किया यानी पिछले 50 साली की नौकरी में उन्होंने एक भी छुट्टी नहीं ली.
अनिल कुमार मणिभाई नाइक ने काम को अलविदा तब कहा जब वे रिटायर हो गए. 'बिजनेस इनसाइडर' की रिपोर्ट के मुताबिक, जब नाइक रिटायर हुए तो उन्हें 2018 में 19 करोड़ रुपये से ज्यादा मिले, क्योंकि उन्हें पांच दशकों में जितनी छुट्टियां मिलनी तय थीं, उन्होंने एक भी नहीं ली थी. हाल ही में 70वें गणतंत्र दिवस के मौके पर अनिल कुमार मणिभाई नाइक को भारत के दूसरे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण सम्मान के लिए चुना गया. यह भी पढ़ें- पत्नी चुनाव हार गई तो पति घर-घर जाकर वोटरों से वापस मांग रहा बांटे गए रुपये
उन्हें यह सम्मान व्यापार और उद्योग जगत में उल्लेखनीय योगदान देने के लिए दिया गया. अनिल कुमार मणिभाई नाइक लार्सन एंड टूब्रो में 1965 में बतौर जूनियर इंजीनियर शामिल हुए थे. साल 1986 में इसी कंपनी के जनरल मैनेजर नियुक्त किए गए और फिर 2003 में नाइक लार्सन एंड टूब्रो लिमिटेड के चेयरमैन का पद संभाला.