Auto Converted into Mini Garden: कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) के प्रकोप और लॉकडाउन (Lockdown) के कारण गार्डन (Garden), पार्क (Parks) और चिड़ियाघरों (Zoo) में घूमना लगभग हर किसी के लिए मुश्किल हो गया है. हालांकि ये सभी चीजें अब अनलॉक (Unlock) प्रक्रिया के तहत खुलने लगी हैं, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) का पालन करने की चिंता और कोविड-19 (COVID-19) संक्रमण का डर हमेशा लोगों के दिमाग में बना हुआ है. इसी बीच ओडिशा (Odisha) के भुवनेश्वर में एक ऑटो चालक (Auto Driver) ने अपनी ऑटो-रिक्शा को ही एक बगीचे (Auto Coverted into Mini Garden) में तब्दील करने का फैसला कर लिया, क्योंकि वह अपने घर को बहुत याद कर रहा था. ऑटो चालक ने अपने वाहन को मिनी गार्डन में तब्दील कर दिया, जिसमें सिर्फ हरे-भरे पौधे ही नहीं हैं, बल्कि उसमें फिश एक्वेरियम, पक्षियों और खरगोशों को भी रखा गया है. उनके मिनी ऑटो गार्डन की तस्वीरें इंटरनेट पर वायरल हो रही हैं.
भुवनेश्वर (Bhubaneswar) के ऑटो चालक सुजीत दिगल (Sujit Digal) कंधमाल (Kandhamal) के एक गांव से ताल्लुक रखते हैं और लॉकडाउन के कारण वह अपने घर वापस नहीं जा पाए हैं. शहर की भीड़भाड़ के बीच अकेलापन महसूस करने वाले सुजीत दिगल ने अपने ऑटो में कुछ साथियों को लाने का फैसला किया. उन्होंने अपने ऑटो में बनाए गए मिनी गार्डन में मछलियों, पक्षियों और खरगोशों को रखा है, जो उनका अकेलापन दूर करने में मदद करते हैं. उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा- मैं अक्सर घर नहीं जा सकता हूं, इसलिए मैंने इस तरह से अपने ऑटो को डिजाइन करने के बारे में सोचा. पौधे और पक्षी में गांव का दृश्य प्रदान करते हैं. यह भी पढ़ें: कोविड-19 से बचने के लिए ऑटोवाले ने रिक्शा के अंदर लगाया वॉश बेसिन, इस देसी जुगाड़ को देख आप भी रह जाएंगे दंग (Watch Viral Video)
देखें तस्वीरें-
Odisha: Sujit Digal, an auto driver in Bhubaneswar has converted his vehicle into a mini garden with plants, an aquarium, cages with birds & rabbits. He says, "I hail from a village in Kandhamal and I miss my native place. I feel suffocated in this big city." (12.10) pic.twitter.com/vaCTP1DjWd
— ANI (@ANI) October 12, 2020
उनके ऑटो की तस्वीरें ऑनलाइन साझा की गई हैं, लेकिन कुछ लोगों ने मछलियों, पक्षियों और खरगोशों को लेकर चिंता जाहिर की है. लोगों का कहना है कि भले ही उनके पालतू जानवर उन्हें कंपनी दे रहे होंगे, लेकिन व्यस्त सड़कों पर गाड़ी चलाते समय उनकी सुरक्षा का क्या? उन्होंने ऑटो के भीतर पौधे लगाने की इस पहल की सराहना की है, लेकिन ऑटो के भीतर बंद जानवरों को लेकर चिंता भी जताई है. गौरतलब है कि कुछ समय पहले पुणे में भी एक ऑटो चालक ने गर्मी को मात देने के लिए कुछ ऐसा ही किया था, लेकिन यहां चिंता की बात तो यह है कि ट्रैफिक में पूरे दिन ऑटो के भीतर बंद पक्षियों, मछलियों और खरगोश को तकलीफ हो सकती है.