आज से तक़रीबन 52 साल पहले जब लापता हुए एयर इंडिया की फ्लाइट का मलबा पिछले साल मिला तो हर कोई दंग रह गया. 24 जनवरी 1966 की सुबह 117 यात्रियों को लेकर एयर इंडिया की फ्लाइट मुंबई से लंदन के लिए उड़ान भरी लेकिन किसी को भी अंदाजा नहीं था की यह इसकी आखिरी उड़ान है. एयर इंडिया की फ्लाइट बेरूत से निकलने के बाद नेविगेशन सिस्टम फेल होने की वजह भटक गया और आल्प्स पर्वत के पास क्रैश हो गया.
मॉन्ट ब्लैंक में अवशेषों की खोजबीन के लिए घूमने वाले डेनियर रोश को पिछले साल एक प्लेन के अवशेष मिले. खोज के दौरान रोश को एक फ्लाइट का इंजन का हिस्सा और इंसानी शरीर के हिस्से मिले. माना जा रहा है कि ये उसी बदनसीब लोगों के शरीर के टुकड़े है जो एयर इंडिया प्लेन क्रैश में इसी जगह मारे गए थे.
डेनियल का कहना है कि मानव शरीर के जो हिस्से उन्हें मिले हैं, वो 1966 वाली बोइंग फ्लाइट में बैठी किसी महिला के हो सकते हैं. उन्हें प्लेन के चार जेट इंजन का एक हिस्सा भी मिला है. ये हिस्से मिलने पर उन्होंने केमोनिक्स वेली में लोकल इमरजेंसी सर्विस को जानकारी दी जिसके बाद अवशेषों को हेलिकॉप्टर से जांच के लिए लैब में लेकर आया गया. जांच में पता चला की जो हाथ का एक हिस्सा और एक पैर का ऊपरी हिस्सा मिला हैं, वो दो अलग लोगों के है.
गौरतलब है की पहले भी हादसे वाली जगह से कई भारतीय अखबार और कैमरे मिल चुके है. वहीँ 2013 में फ्रांसीसी पर्वतारोहियों को इस जगह एक मेटल बॉक्स मिला था, जिस पर एयर इंडिया का लोगो था. साथ ही, दो लाख 25 हजार पाउंड की कीमत के रूबी, नीलम और पन्ने मिले थे. जिससे यह अवशेष उसी क्रैश हुए एयर इंडिया की फ्लाइट का होने से इंकार नहीं किया जा सकता.
हालांकि वर्ष 1950 में भी एयर इंडिया की ही एक और फ्लाइट इसी पर्वत के पास क्रैश हुई थी.