छत्तीसगढ़ में एक साथ 15 किन्नरों ने रचाई सामूहिक शादी, कहा- 'हमें भी जीवनसाथी चुनने का हक'

रायपुर: अब तक आपने कई सामूहिक शादी (Mass Marriages) के बारे में सूना होगा. लेकिन हम आपको आज किन्नरों (Transgenders) के सामूहिक शादी के बारे में बताने जा रहे है. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक साथ 15 किन्नरों ने पारंपरिक रीति-रिवाज के साथ सात फेरे लेकर शादी रचाई. शादी में बारात के साथ ढोल- नगाड़े भी बचते देखा गया. इस शादी को लेकर किन्नरों का कहना है कि उन्हें भी जीवन साथी चुनने का हक कानून ने दिया है. इसलिए एक दूसरे के साथ शादी करके पति-पत्नी के रूप में रहना चाहते हैं.

खबरों के अनुसार इन किन्नरों की शादी रायपुर में शनिवार को रखी गई है. दुल्हन बनीं सभी 15 किन्नरों ने पुरुषों के साथ हिंदू रीति-रिवाजों से शादी की. शादी से एक दिन पहले शुक्रवार के दिन सभी किन्नरों की हल्दी, सगाई और संगीत की रस्में भी हुईं. इन किन्नरों की बारात ढोल-नगाड़ो पर नाच-गाने के साथ आई. किन्नरों की सामूहिक शादी देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी थी. मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो किन्नरों का सामूहिक शादी देश में पहली बार देखने को मिला है. यह भी पढ़े: बरेली: लड़की के घरवालों ने धूमधाम से की शादी, बाद में पता चला किन्नर है दूल्हा, मच गया बवाल

हमें भी जीवन साथी चुनने का है अधिकार

इस शादी को लेकर मधु नाम की किन्नर ने कहा कि 'ये बहुत पहले ही हो जाना चाहिए था, क्योंकि हम किन्नरों के पास अपनी खुशियां और दुख बांटने वाला कोई नहीं होता है. कोई हमारी तकलीफों को नहीं समझता है. लेकिन भारतीय कानून ने हमें भी अब शादी करने की आजादी दी है. ऐसे में अब हम भी जीवन साथी चुन सकते हैं.

बता दें, पिछले साल 2018 में सितंबर के महीने में सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिकता को अवैध बताने वाली IPC की धारा 377 को वैध करार दिया था. कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला करते हुए LGBT समुदाय को दूसरे नागरिकों के बराबर ही अधिकार दिए थे. इसके बाद से किन्नरों की स्थिति में सुधार आना शुरू हुआ है. ऐसे में किन्नरों को भी अन्य नागरिकों की तरह पूरे अधिकार हैं.