गोरखपुर, 1 दिसंबर : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश सरकार के समाज कल्याण विभाग की तरफ से होने वाला मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कार्यक्रम एक तरफ सामाजिक समता का प्रतीक हैं तो वहीं दूसरी तरफ यह समाज की बड़ी विकृति दहेज प्रथा पर प्रहार भी है. सामूहिक विवाह कार्यक्रम में जाति, मत, मजहब, क्षेत्र, भाषा का कोई बंधन नहीं है. हिंदू, मुस्लिम या अन्य मतावलंबी, सभी अपनी-अपनी परंपरा के अनुरूप विवाह के पवित्र बंधन में जुड़ रहे हैं. साथ ही यह कार्यक्रम दहेज, बाल विवाह और अस्पृश्यता के खिलाफ सरकार द्वारा शुरू की गई एक लड़ाई और अभियान भी है.
सीएम योगी रविवार को हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (खाद कारखाना) के परिसर में 1,200 जोड़ों के मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह समारोह को संबोधित कर रहे थे. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कई बार दहेज के कारण योग्य कन्याएं विवाह बंधन से नहीं जुड़ पाती थीं, ऐसे में सामूहिक विवाह कार्यक्रम से जुड़ने वाले सभी युवक-युवतियों ने दहेज के खिलाफ समाज में आदर्श प्रस्तुत किया है. यह भी पढ़ें : मणिपुर: कुकी-जो समुदाय के 12 मृतकों का अंतिम संस्कार पांच दिसंबर को चुराचांदपुर में किया जाएगा
उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत वर्ष 2017 से अब तक सात साल में 3 लाख 84 हजार शादियां करा चुकी है. यह सत्र संपन्न होने पर यह संख्या 4 लाख से अधिक हो चुकी होगी. गरीब बेटियों को दहेज के भेड़ियों से बचाने के लिए मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह के कार्यक्रम हर जिले में हो रहे हैं. सरकार की मंशा है कि कोई बेटी दहेज के कारण अनब्याही न रहे. इसके लिए ही सामूहिक विवाह कार्यक्रम को अभियान रूप में चलाया जा रहा है.
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि जब अच्छी सरकार होती है तो अच्छे कार्य होते हैं. 2014 में जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने अच्छे कार्यों की श्रृंखला खड़ी कर दी. महिलाओं के लिए 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' जैसी योजना चलाई, नारी गरिमा की रक्षा के लिए गांव-गांव, घर-घर व्यक्तिगत शौचालय बनवाए. मुफ्त रसोई गैस कनेक्शन दिए, मुफ्त राशन और जिनके पास आवास नहीं थी, उन्हें आवास दिए. बीमारी के उपचार के लिए पांच लाख रुपये तक के इलाज लिए आयुष्मान कार्ड दिए.
उन्होंने कहा कि सरकार हर तबके को लाभान्वित कर रही है. श्रमिकों के बच्चों की मुफ्त शिक्षा के लिए अटल आवासीय विद्यालय चल रहे हैं, निराश्रित, दिव्यांगजन आदि 1 करोड़ लोगों को 12 हजार रुपये सालाना पेंशन दिया जा रहा है. कन्या सुमंगला योजना के तहत 20 लाख बेटियों के स्वावलंबन के लिए 25 हजार रुपये का पैकेज दिया गया है.
उन्होंने यह भी कहा कि आज विवाह बंधन में जुड़ने वाले युवा और उनके अभिभावक इसलिए भी भाग्यशाली हैं कि उनके विवाह का निमंत्रण स्वयं प्रशासन दे रहा है. समाज कल्याण विभाग की तरफ से आयोजित इस समारोह में 1,200 जोड़े विवाह के पावन बंधन में बंधे. नवयुगलों में हिंदू, मुस्लिम दोनों शामिल रहे. सभी नव दंपतियों को आशीर्वाद देते हुए सीएम योगी ने उनके सुखमय और मंगलमय जीवन की कामना की.
उन्होंने मंच से दस नवयुगलों को उपहार-शगुन किट भेंट किया. उपहार देने के दौरान मुख्यमंत्री ने जोड़ों से आत्मीय संवाद भी किया. मंच पर जोड़ों को आशीर्वाद देने के अलावा मुख्यमंत्री कार्यक्रम स्थल के मुख्य मंडप में भी गए. मंडप की व्यवस्थाओं का जायजा लेने के साथ उन्होंने नवयुगलों और उनके अभिभावकों को विवाह की शुभकामनाएं दी.