World Blood Donor Day 2022: 14 जून को ही क्यों मनाया जाता है विश्व रक्तदाता दिवस? जानें इसका महत्व एवं उद्देश्य!
प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo Credits Pixabay)

रक्त के बिना हम जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते. यही वजह है कि जब कोई किसी जरूरतमंद को रक्त का दान कर उसका जीवन बचाता है तो रक्तदाता उसके लिए देवतुल्य बन जाता है. रक्त हमारे जीवन के लिए कितना कितना महत्वपूर्ण है इसे शब्दों में व्यक्त करने की आवश्यकता नहीं है. रक्त हमारी नलिकाओं में लाइफ लाइन बनकर दौड़ता है. इसीलिए जब किसी जरूरतमंद को कोई रक्तदान करता है तो रक्तदाता उसके लिए देवतुल्य हो जाता है. क्योंकि हम अपने शरीर का थोड़ा-सा रक्त देकर किसी के जीवन को बचा सकते हैं. रक्तदान की महत्ता को देखते हुए 14 जून को विश्व रक्तदाता दिवस मनाया जाता है. ताकि ट्रांसफ्यूजन के लिए सुरक्षित रक्त और रक्त उत्पादों की जरूरतों के संदर्भ में लोगों को जागरूक किया जा सके. इस दिवस विशेष पर रक्तदाता के योगदान पर उसे सम्मानित करने के लिए भी मनाया जाता है, जो बिना कोई कीमत लिए रक्तदान में हिस्सा लेते हैं.

विश्व रक्तदाता दिवस का महत्व!

रक्त की आवश्यकता हर किसी को कभी भी हो सकती है. दुनिया के अधिकांश देशों के निम्न और मध्यम वर्ग वाले रक्त की कमी का सामना करते हैं और रक्त उपलब्ध नहीं होने के कारण अपना जीवन गंवाते हैं. विश्व रक्तदाता दिवस विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक महत्वपूर्ण पहल है. जिसके माध्यम से राष्ट्रीय रक्त दाता संगठनों को राष्ट्रीय और स्थानीय मिशन को सशक्त करके स्वैच्छिक रक्तदान कार्यक्रमों को मजबूत और विस्तारित करने में मदद मिलती है. यह भी पढ़ें : Vat Purnima Vrat 2022: अखंड सौभाग्य के लिए सुहागन स्त्रियां रखती हैं वट पूर्णिमा व्रत, जानें इसका महात्म्य, शुभ मुहूर्त एवं पूजा विधि!

रक्त एवं रक्त से संबंधित उत्पाद कई लोगों की जान बचाने में अहम भूमिकाएं निभाते हैं. मसलन गर्भावस्था और प्रसव से संबंधित रक्तस्राव से पीड़ित गर्भवती स्त्रियां, मलेरिया एवं कुपोषण की वजह से एनीमिया से पीड़ित छोटे-छोटे बच्चे, आपातकालीन परिस्थितियों, आपदाओं एवं दुर्घटनाग्रस्तों, रक्त और बोन मैरो विकार से पीड़ित लोगों को तत्काल रक्तदान कर उनकी जान बचाई जा सकती है.

विश्व रक्तदाता दिवस का इतिहास!

कम लोगों को ज्ञात होगा कि विश्व रक्त दाता दिवस वास्तव में कार्ल लैंडस्टीनर की जयंती के रूप में मनाया जाता है. कार्ल का जन्म 14 जून 1868 को हुआ था. कार्ल को एबी ब्लड ग्रुप सिस्टम की खोज करके स्वास्थ्य विज्ञान में उनके अपार योगदान के लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार दिया गया था. उनके जन्मदिन को आधार मानकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने साल 2004 में, पहली बार विश्व रक्तदाता दिवस मनाया. उद्देश्य बस यही था कि  सभी देशों को निर्धन एवं असहायों को रक्तदान कर उनके जीवन को बचाने के लिए रक्तदाताओं को प्रोत्साहित किया जा सके.

क्या है इसका उद्देश्य!

विश्व स्वास्थ्य संगठन का उद्देश्य साल 2022 तक पूरे विश्व को स्वैच्छिक एवं अवैतनिक रक्तदान को प्रोत्साहित करना तथा जरूरतमंदों तक सुरक्षित रक्त पहुँचाना है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के आँकड़ों के अनुसार वर्तमान में करीब 76 ऐसे देश है, जो स्वैच्छिक और अवैतनिक रक्तदान करते है. 43 देश ऐसे हैं जो अपने परिवार, रिश्तेदारों, दोस्तों या पैसों के लिए रक्तदान करते है. इस अभियान के तहत हर साल लाखों लोगों की रक्त की जरूरतों को पूरा करके उनके जीवन को बचाया जाता है. गर्भवती महिलाओं, प्रसव के दौरान अत्यधिक रक्तस्राव, गंभीर दुर्घटना,शैल्य चिकित्सा रोगियों, एवं कैंसर रोगियों जैसों के लिए रक्तदान किया जाता है.