National Postal Day 2024: कब है राष्ट्रीय डाक दिवस? जानें इसका इतिहास, महत्व, कुछ रोचक फैक्ट और तेजी से बढ़ते महिला डाकघर!

भारत में प्रत्येक वर्ष 10 अक्टूबर को राष्ट्रीय डाक दिवस मनाया जाता है. वस्तुतः इसी दिन भारतीय डाक सेवा की स्थापना हुई थी, अतः इसी उपलक्ष्य में इस दिन को भारतीय राष्ट्रीय डाक दिवस के रूप में चुना गया.

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National Postal Day 2024: भारत में प्रत्येक वर्ष 10 अक्टूबर को राष्ट्रीय डाक दिवस मनाया जाता है. वस्तुतः इसी दिन भारतीय डाक सेवा की स्थापना हुई थी, अतः इसी उपलक्ष्य में इस दिन को भारतीय राष्ट्रीय डाक दिवस के रूप में चुना गया. यह अवसर देश में डाक सेवाओं की भूमिकाओं, संचार और कनेक्टिविटी में उनके योगदान का सम्मान करता है.

इस दिवस विशेष का मुख्य उद्देश्य डाक सेवा की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करना है और लोगों को उनकी सेवाओं के बारे में जागरूक करना है. भारतीय डाक सेवा न केवल पत्रों एवं पार्सलों की डिलीवरी करती है, बल्कि यह वित्तीय सेवाएं, सरकारी सेवाएं और विभिन्न प्रकार की सुविधाएं आदि भी मुहैया कराती हैं. ये भी पढ़े:World Post Day 2023: कब और कैसे शुरू हुआ विश्व डाक दिवस? जानें डाक के बारे में कुछ रोचक प्रसंग!

राष्ट्रीय डाक दिवस का महत्व!

भारतीय डाक सेवा लोगों को दूर-दूर तक संवाद स्थापित करने का एक सस्ता और प्रभावशाली माध्यम है, यह दिन डाक कर्मचारियों के समर्पण और उनकी मेहनत को मान्यता देने का भी अवसर है, राष्ट्रीय डाक दिवस भारतीय डाक विभाग के इतिहास, उपलब्धियों, और तकनीकी युग में निरंतर प्रासंगिकता को दर्शाता है, साथ ही डाक कर्मचारियों के समर्पण और कड़ी मेहनत को भी सम्मानित करता है. डाक सेवाओं के महत्व के बारे में जागरूकता की बात करता है. राष्ट्रीय डाक दिवस नई पीढ़ी को संचार के सबसे पुराने तरीके के बारे में शिक्षित करने का भी एक माध्यम है.

तेजी से बढ़ते महिला पोस्ट ऑफिस!

पिछले कुछ अर्से से महिलाओं ने हर उन क्षेत्रों में कदम रखा है, जहां कभी केवल पुरुषों का वर्चस्व हुआ करता था. ऐसी ही एक सेवा पोस्ट ऑफिस भी है. साल 2013 में दिल्ली में पहली बार महिला पोस्ट ऑफिस शुरू हुआ, जहां पोस्टल असिस्टेंट से लेकर उप डाकपाल तक की सारी सेवाएं महिलाओं द्वारा निर्वाह की जाती थीं. महिलाओं के सराहनीय और समर्पित भाव से किये गये कार्यों को देखते हुए इसकी शाखाएं बढ़ाई गईं. महिलाओं ने भी जॉब के लिए इसे सुरक्षित माना. प्राप्त आंकड़ों के अनुसार साल 2021 में भारत में लगभग 1300 महिला पोस्ट ऑफिस खुले, जहां विभिन्न पदों पर केवल महिला कर्मचारी ही कार्य करती हैं.

राष्ट्रीय डाक दिवस का इतिहास!

भारतीय डाक सेवा की स्थापना 10 अक्टूबर 1854 में हुआ था, जब ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत में डाक सेवाएं शुरू करते हुए पहली बार इसका गठन किया था. इसी उपलक्ष्य में प्रत्येक वर्ष 10 अक्टूबर को भारतीय डाक दिवस मनाया जाता है. इस दिवस विशेष का मुख्य उद्देश्य डाक सेवा के महत्व को उजागर करते हुए जन-जन में इसकी भूमिका को स्वीकारना है. गौरतलब है कि भारतीय डाक सेवा विभाग ने वर्षों से देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. यह सेवा ना केवल पत्रों और पार्सल के वितरण में मदद करती है, बल्कि वित्तीय सेवाएं, बीमा और अन्य सेवाएं भी प्रदान करती है.

राष्ट्रीय डाक दिवस के फैक्ट!

ऐतिहासिक महत्व: राष्ट्रीय डाक दिवस भारत में डाक सेवा की स्थापना की याद दिलाता है, जो 1854 में शुरू हुई थी. यह संचार और कनेक्टिविटी में डाक सेवाओं के महत्व को दर्शाता है.

डाक सेवाओं को बढ़ावा देना: इसका मुख्य उद्देश्य मेल डिलीवरी, वित्तीय सेवाओं और लॉजिस्टिक्स सहित समाज में डाक सेवाओं की भूमिका के बारे में जागरूकता बढ़ाना है.

वैश्विक पालन: दुनिया के कुछ 9 अक्टूबर को विश्व डाक दिवस मनाते हैं, जिसे दुनिया भर में डाक सेवाओं की भूमिका को बढ़ावा देने के लिए 1969 में यूनिवर्सल पोस्टल संघ ने स्थापित किया था.

नवाचार पर ध्यान: यह दिन डाक सेवाओं में आधुनिकीकरण और नई खोजों की आवश्यकता पर भी जोर देता है, जिससे डिजिटल प्रौद्योगिकियों सहित बदलते संचार रुझानों के अनुकूल होने हेतु प्रोत्साहित किया जाता है.

सामुदायिक जुड़ाव: जनता को शामिल करने और उन्हें रोजमर्रा की जिंदगी में डाक प्रणाली के महत्व के बारे में शिक्षित करने हेतु प्रदर्शनियों, सेमिनार और वर्कशॉप जैसी गतिविधियां आयोजित किया जाता है.

 

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