Welcome 2023: नववर्ष के पहले दिन बन रहे हैं दो बेहद शुभ योग! प्लान कर लें! इस दिन किये कार्य सफलता के साथ लाभ देते हैं!
साल 2022 का दिसंबर महीना समाप्ति की ओर अग्रसर है. हर किसी को प्रतीक्षा है नये वर्ष 2023 की. मन में उत्कंठा है कि आने वाला नया वर्ष ग्रहों की चाल के मुताबिक कैसा गुजरेगा, खासकर साल की शुरूआत में ग्रहों की गतिविधियां क्या दर्शा रही हैं, क्योंकि मान्यता है कि अगर साल की शुरुआत अच्छी होगी तो पूरा साल अच्छी बीतता है.
साल 2022 का दिसंबर महीना समाप्ति की ओर अग्रसर है. हर किसी को प्रतीक्षा है नये वर्ष 2023 की. मन में उत्कंठा है कि आने वाला नया वर्ष ग्रहों की चाल के मुताबिक कैसा गुजरेगा, खासकर साल की शुरूआत में ग्रहों की गतिविधियां क्या दर्शा रही हैं, क्योंकि मान्यता है कि अगर साल की शुरुआत अच्छी होगी तो पूरा साल अच्छी बीतता है. ज्योतिषाचार्य पंडित रविंद्र पांडेय यहां बता रहे हैं, पहली जनवरी 2023 की खास बातें...
इन 2 योग से हो रही है नववर्ष की शुरुआत!
नव वर्ष 2023 की शुरुआत शुभ योग में होने जा रही है. साल 2023 की पहली जनवरी की शुरुआत शिव योग से हो रही है. ज्योतिष गणनाओं के अनुसार सूर्योदय से प्रातः 07.23 मिनट तक शिव योग रहेगा, इसकी समाप्ति के साथ ही सिद्ध योग शुरू हो जायेगा. ज्योतिष शास्त्र बताता है कि शिव योग एवं सिद्ध योग में किये गये सभी कार्य सफलता के साथ उत्तम फल देने वाला होता है. शुभ एवं मंगल कार्यों के लिए सर्वोत्तम योग माने जाते हैं. ऐसी भी मान्यता है कि इस दिन शुरू किये गये कार्य पूरे साल अच्छे परिणाम देने वाले होते हैं. यह भी पढ़ें : Use of Room Heater in Winter: सर्दी में रूम हीटर खरीदते या प्रयोग करते वक्त रखें इन बातों का ध्यान! लापरवाही ले सकती है जान!
शिव योग का महात्म्य!
मान्यताओं के अनुसार शिव का अर्थ शुभ होता है, अर्थात शिव योग बहुत ही शुभ दायक होता है. इस दौरान पूजा के समय किया गया किसी भी मंत्र का जाप पूर्ण फल प्रदान करता है. इसलिए शिव योग में शुरू किये गये कार्य न केवल शुभता लाते हैं, बल्कि कार्य पूरा भी होता है.
सिद्धि योग का महात्म्य!
गौरतलब है कि दिन, नक्षत्र और तिथि के बीच सकारात्मक संबंध होने पर सिद्धि योग का निर्माण होता है. उदाहरण के लिए सोमवार के दिन नवमी या दशमी तिथि हो और रोहिणी, मृगशिरा, पुष्य, श्रवण और शतभिषा में से कोई नक्षत्र है, तो सिद्धि योग बनता है. सिद्धि योग काफी शुभ माना जाता है. इस योग में जो भी कार्य किये जाते हैं उसमें सफलता जरूर मिलती है. इसलिए किसी भी तरह के शुभ कार्य करने के लिए सिद्धि योग को प्राथमिकता दी जाती है.
सूर्य, शनि एवं गुरू बृहस्पति का योग
साल के पहले दिन सूर्य (रविवार) तिथि में शनि देव एवं देव गुरू बृहस्पति अपनी-अपनी राशि में रहेंगे. ज्योतिष गणना के अनुसार ग्रहों की यह स्थिति सर्वोत्तम एवं बेहद शुभकारी मानी जाती है, क्योंकि शनि देव मकर राशि और बृहस्पति मीन राशि के स्वामी हैं. ज्योतिष शास्त्र बताता है कि जब कोई ग्रह अपने ही घर में निवास करता है तो वह सभी राशियों को शुभ फल प्रदान करता है. इसलिए अगर आपके मन में नये साल पर कोई कार्य शुरू करने की योजना बन रही है तो पहली जनवरी को शुरू कर सकते हैं, बेहतर परिणाम प्राप्त हो सकते हैं.
शुभ मुहूर्त!
अभिजीत मुहूर्त: 12.03 PM से 12.45 PM (1 जनवरी 2023) इस मुहूर्त में शुभ कार्य किए जा सकते हैं.
राहु काल: 04.17 PM से 05.35 PM (1 जनवरी 2023)
नोट: राहु काल में शुभ कार्य नहीं किए जाते.
शुभ नहीं है राहु और चंद्रमा की युति!
पंचांगों के अनुसार साल 2023 के पहले दिन (1 जनवरी 2023) चंद्रमा मेष राशि में प्रवेश कर रहा है. यहां ध्यान देने की बात यह है कि पापी ग्रह माना जाने वाला राहु ग्रह पहले से ही विराजमान है. ज्योतिष शास्त्र में यह स्थिति शुभ नहीं मानी जाती, क्योंकि राहु ग्रह के साथ चंद्रमा का संयोग ग्रहण योग का निर्माण करती है, जिसे शुभ नहीं माना जाता है.