How Diwali is Celebrated Across India: दिवाली (Diwali) रोशनी का त्योहार है. लोग मिट्टी के दिए में तेल डालकर दीपक जलाते हैं, पटाखे फोड़कर और पारंपरिक पकवान के जरिए दिवाली का त्योहार मनाते हैं. इस बार दिवाली का त्योहार 27 अक्टूबर रविवार को मनाया जाएगा. यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतिक है. भारत में दिवाली का त्योहार मनाने को लेकर अलग-अलग पौराणिक कथाएं हैं. एक कथा पौराणिक कथा अनुसार दिवाली वह दिन है जब राम रावण का वध करने के बाद अपनी पत्नी, भाई और हनुमान के साथ अयोध्या लौटे थे. कुछ समुदायों के लिए दिवाली उस दिन के रूप में मनाई जाती है, जब पांडव 13 साल के वनवास और छिपने के बाद अपने घर देश लौट आए थे. बहुत से लोग दिवाली इसलिए भी मनाते हैं क्योंकि समुद्र मंथन के बाद समुद्र में से माता लक्ष्मी निकली थी, तबसे दिवाली यानी लक्ष्मी पूजा की जाती है.
भारत के पूर्वी क्षेत्रों के लोग दिवाली का त्योहार इसलिए मनाते हैं क्योंकि इस दिन माता काली ने राक्षसों का वध कर पाप का सर्वनाश किया था. दक्षिणी लोग दिवाली इसलिए मनाते हैं क्योंकि इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर का वध कर बुराई पर सर्वनाश किया था. इस दिन को नरक चतुर्दशी भी कहते हैं. यही नहीं सिख लोग दिवाली इसलिए मनाते हैं क्योंकि इसी दिन गुरु गोबिंद सिंह जी ने ग्वालियर के किले स एकै लोगों को मुक्त किया था. जैन धर्म में दिवाली इसलिए मनाया जाता है क्योंकि इस दिन महावीर ने निर्वाण प्राप्त किया था.
भारत में दिवाली का त्योहार अलग-अलग कारणों की वजह से मनाया जाता है. लेकिन इसका अर्थ और मतलब सिर्फ एक ही है. बुराई पर अच्छाई की जीत. इस त्योहार एक मानाने के कारण भले अलग हैं लेकिन तरीका सिर्फ एक ही है और वो है जगमगाती रोशनी और दिए. ये दिए अंधकार को दूर कर रोशनी फैलाने का मैसेज देते हैं. दिवाली भारत का सबसे बड़ा त्योहार है, इसकी रंगीन रोशनी से पूरा देश रोशन हो जाता है. इन चमकदार रंगों का हिस्सा बनें और इस दिवाली पूरे भारत को रोशन करें.