Laxmi Puja Muhurat: लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त छूट गया? जानिए महानिशीथ काल में पूजन का सही समय
लक्ष्मी पूजा (Photo: File Image)

Laxmi Puja Muhurat: दिवाली (Diwali) का त्योहार 20 अक्टूबर को धूम धाम से मनाया गया, कुछ लोग आज 21 अक्टूबर को दिवाली मनाएंगे. ऐसे में लक्ष्मी पूजा (Laxmi Puja) का शुभ मुहूर्त तो 20 अक्टूबर को ही था. जो लोग 20 अक्टूबर को शुभ मुहूर्त में लक्ष्मी पूजा नहीं कर पाए वे 21 अक्टूबर को महानिशीथ काल में माता लक्ष्मी की पूजा कर सकते हैं. मां लक्ष्मी की पूजा के लिए प्रदोष काल सर्वोत्तम माना जाता है, जो सूर्यास्त के बाद का समय होता है. वहीं मां काली और सरस्वती की पूजा के लिए महानिशीथ काल शुभ होता है. महानिशीथ काल (Mahanishitha Kaal) एक अत्यंत विशेष और पवित्र समय होता है, जो हिंदू पंचांग के अनुसार आधी रात (मध्य रात्रि) के आसपास का काल होता है. यह काल दीपावली की रात विशेष रूप से लक्ष्मी पूजन या तंत्रिक साधना के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक अमावस्या की रात में महालक्ष्मी धरती पर आती हैं और हर घर में विचरण करती हैं. ऐसे में जो भी घर स्वच्छ और प्रकाशवान होता है वहां माता अंश रूप में ठहर जाती हैं. यह भी पढ़ें: Kali Puja 2025 Wishes: काली पूजा के इन भक्तिमय हिंदी Quotes, WhatsApp Messages, Facebook Greetings के जरिए प्रियजनों को दें बधाई

लक्ष्मी पूजन मुहूर्त (Laxmi Puja Muhurat)

दिवाली लक्ष्मी पूजन मुहूर्त (21 अक्टूबर 202): शाम 05 बजकर 50 मिनट से 05 बजकर 56 मिनट तक

प्रदोष काल मुहूर्त: शाम 05 बजकर 50 मिनट से 08 बजकर 18 मिनट तक

महानिशीथ काल: रात 11:36 से देर रात 12:25 तक

लक्ष्मी पूजा दिवाली के त्यौहार पर किया जाने वाला एक महत्वपूर्ण पूजा है, इसे स्थिर लग्न और प्रदोष काल के दौरान सही दिवाली मुहूर्त में किया जाना चाहिए. स्थिर लग्न का मतलब है, जब कोई व्यक्ति या कार्य जन्म ले रहा हो या शुरू हो रहा हो, उस समय पूर्वी दिशा में कौन-सा राशि चक्र का चिन्ह (राशि) उदय हो रहा है, वही उसका लग्न कहलाता है. स्थिर लग्न उन राशियों को कहा जाता है जो स्थायित्व (Stability) दर्शाती हैं, यानी जो जल्दी परिवर्तित नहीं होतीं और जिनका स्वभाव स्थिर होता है.

प्रदोष काल (Pradosh Kaal) हिन्दू धर्म और पंचांग के अनुसार एक विशेष और शुभ समय होता है, जो संध्या के समय आता है और पूजा-पाठ, व्रत, और धार्मिक कार्यों के लिए अत्यंत फलदायी माना जाता है.