25 अप्रैल 2024 को शुक्र ग्रह अस्त होने के साथ ही विवाह समेत तमाम शुभ-मंगल कार्य पर रोक लग गई थी. अब 7 जुलाई को शुक्र ग्रह के उदय होने के साथ एक बार पुनः विवाह के लिए शुभ लग्न निकलने लगे हैं. लेकिन ये शुभ घड़ी मात्र 6 दिन के होंगे, क्योंकि 17 जुलाई 2024 को देवशयनी एकादशी के साथ चातुर्मास प्रारंभ हो जायेगा, और हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार चातुर्मास काल में एक बार फिर विवाह आदि पर रोक लग जाते हैं. ज्योतिष शास्त्री संजय शुक्ल के अनुसार जुलाई में वे 6 दिन कौन-कौन से हैं, जब विवाह के लग्न बन रहे हैं, साथ-ही बतायेंगे वैवाहिक प्रक्रिया से कौन-कौन से ग्रह प्रभावशाली हो सकते हैं.
विवाह से जुड़े हैं गुरु और शुक्र
ज्योतिष शास्त्री के अनुसार 3 जून को गुरु उदय हो चुके हैं, 7 जुलाई को शुक्र उदय होंगे, इसके साथ ही शादी-विवाह के बंद द्वार खुल जाएंगे. जुलाई में विवाह का पहला मुहूर्त 9 जुलाई को निकला है. 17 जुलाई को श्रीहरि के योग-निद्रा में जाने के साथ चातुर्मास शुरू हो जायेगा. 12 नवंबर 2024 देवउठनी एकादशी तक विवाह आदि कार्यो पर रोक लग जाएगी. पंडित संजय शुक्ल के अनुसार वैवाहिक कार्यों में गुरु और शुक्र का बड़ा महत्व होता है. कोई ग्रह जो सूर्य के ज्यादा करीब आते हैं तो अमुक ग्रह की शक्ति एवं चमक कम हो जाती है. इसे ग्रह का अस्त होना कहते हैं. लेकिन ज्यों-ज्यों ग्रह सूर्य से दूर होते जाते हैं, उसकी चमक तेज होने लगती है. इसे ग्रह का उदय होना कहते हैं. 3 जून को गुरू उदय हो चुके हैं, 7 जुलाई को शुक्र उदय होंगे, और तभी से शादी के शुभ मुहूर्त निकलने लगते हैं यह भी पढ़ें : Lal Krishna Advani: लालकृष्ण आडवाणी की अब कैसी है तबीयत? बुधवार को AIIMS दिल्ली में कराया गया था भर्ती- Video
जुलाई 2024 में इतने दिन बन रहे हैं वैवाहिक मुहूर्त
09 जुलाई, 2024 मंगलवार: शुभ विवाह मुहूर्त: 02.28 PM से 06.56 PM तक नक्षत्र माघ
11 जुलाई, 2024 बुधवार: शुभ विवाह मुहूर्त: 01:04 PM से 04.09 (12 जुलाई) AM तक नक्षत्र उत्तरा फाल्गुनी
12 जुलाई, 2024 शुक्रवार: शुभ विवाह मुहूर्त: 05.15 AM से 05:32 AM (13 जून) तक, नक्षत्र हस्त
13 जुलाई, 2024 शनिवार: शुभ विवाह मुहूर्त: 05.32 AM से दोपहर 03:05 PM तक, नक्षत्र हस्त
14 जुलाई, 2024 रविवार: शुभ विवाह मुहूर्त: 10.06 PM से अगले दिन 05.33 AM तक, नक्षत्र स्वाति
15 जुलाई, 2024 सोमवार: शुभ विवाह मुहूर्त: 05.33 AM से देर रात 12:30 AM तक, नक्षत्र स्वाति
सुखी वैवाहिक जीवन के मित्र ग्रह श्रेय किस ग्रह को
पंडित संजय शुक्ल के अनुसार गुरु वधु के लिए शुक्र वर के लिए सुख कारक है. इसलिए शादी विवाह के मुहूर्त में इन ग्रहों का उदय होना जरूरी है. इसी तरह गुरु वैवाहिक जीवन में तो शुक्र दांपत्य जीवन के कारक ग्रह हैं. यही वजह है कि इन दोनों ग्रहों के अस्त होने पर विवाह आदि नहीं किये जाते. शुभ विवाह के लिए दोनों ग्रहों का उदय होना आवश्यक होता है. वे गुरू और शुक्र ही हैं, जिनकी बदौलत वैवाहिक जीवन सफल होते हैं. जातक की कुंडली में अगर गुरू और शुक्र की स्थिति मजबूत होती है तो दांपत्य जीवन में उचित सामंजस्य बना रहता है.