वित्त मंत्री के रूप में निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने दूसरी बार बजट (Budget) पेश किया. उन्होंने पर्यटन और संस्कृति (Tourism And Culture) को बढ़ावा देने के लिए बजट में बड़ा ऐलान किया है. निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2020-21 में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 2500 करोड़ रुपए खर्च करने का प्रावधान रखा है. पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बजट में आठ नए संग्रहालयों की स्थापना का प्रस्ताव किया गया है. उनमें पांच प्रमुख पर्यटन स्थलों के आस-पास बुनियादी ढांचे का विकास भी शामिल है. निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार पांच पुरातात्विक स्थलों (Archaeological Sites) का कायाकल्प करेगी, जिनमें राखीगढ़ी (हरियाणा), हस्तिनापुर (उत्तर प्रदेश), शिवसागर (असम), धौलावीरा (गुजरात), आदिचेनल्लूर (तमिलनाडु) शामिल हैं.
दरअसल, इन सभी स्थलों का भारत के गौरवशाली इतिहास, संस्कृति और सभ्यता से गहरा संबंध है. इन स्थलों के कायाकल्प के साथ ही यहां म्यूजियम भी बनाए जाएंगे, ताकि पर्यटन को बढ़ावा मिले. इसके अलावा संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए एक डीम्ड यूनिवर्सिटी भी खोली जाएगी. चलिए जानते हैं उन पांच पुरातत्व स्थलों के बारे में, जिनका कायाकल्प किया जाएगा.
1- राखीगढ़ी (हरियाणा)
हरियाणा के हिसार जिले में स्थित राखीगढ़ी एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थान है. यहां हडप्पा काल और सिंधु घाटी सभ्यता के प्रमाण मिले हैं. इसी स्थान से 4,500 साल पुराने कंकाल के पेट्रस बोन के अवशेष भी मिले हैं. राखीगढ़ी आज भी हडप्पा काल के इतिहास को बयां करती है, यही कारण है कि इस स्थान ने पूरी दुनिया के पुरातत्वविंदों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है. अब सरकार राखीगढ़ी का कायाकल्प करेगी, ताकि यहां पर्यटन को बढ़ावा मिल सके.
2- हस्तिनापुर (उत्तर प्रदेश)
उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में स्थित हस्तिनापुर का जिक्र महाभारत काल में भी किया गया था. बजट में इस ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थल को विकसित करने और यहां म्यूजियम बनाने की घोषणा की गई है. महाभारत में हस्तिनापुर को कुरु वंश के राजाओं की राजधानी बताया गया है. जैन साहित्य में भी इस स्थल के महत्व का जिक्र मिलता है. इसके गौरवशाली इतिहास और संस्कृति से लोग रूबरू हो सकें, इसलिए अब इसका कायाकल्प किया जाएगा.
3- शिवसागर (असम)
असम के शिवसागर जिले में स्थित शिवसागर एक ऐतिहासिक धरोहल स्थल है. यहां अहोम राष्ट्र के बहुत से स्मारक स्थित हैं और इस जगह का इतिहास अहोम राजा शिव सिंह से जुड़ा हुआ है. यहां अहोम साम्राज्य ने करीब छह शताब्दी तक शासन किया था. इस बहु-सांस्कृतिक शहर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए शिवसागर का कायाकल्प किया जाएगा.
4- धौलावीरा (गुजरात)
गुजरात के कच्छ जिले में स्थित धौलावीरा प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता के इतिहास को बयां करता है. पांच हजार साल पहले यहां हडप्पा संस्कृति हुआ करती थी. हड़प्पा संस्कृति के इस नगर की जानकारी साल 1960 में हुई और 1990 तक इस स्थल की खुदाई चलती रही. भूकंप के कारण यहां का संपूर्ण क्षेत्र ऊंचा-नीचा हो गया, लेकिन इसके अवशेष आज भी पांच हजार साल पहले की संस्कृति को बयां करते हैं. इस स्थल को विकसित किए जाने के साथ ही यहां म्यूजियम बनाया जाएगा. यह भी पढ़ें: National Tourism Day 2020: ‘अतुल्य भारत’ जिसे निहारने की चाहत हर पर्यटक की दिली ख्वाहिश! जानें क्यों मनाते हैं राष्ट्रीय पर्यटन दिवस!
5- आदिचेल्लनूर (तमिलनाडु)
दक्षिण भारत के तमिलनाडु में स्थित आदिचेल्लनूर एक पुरातात्विक स्थल है, जिसके कायाकल्प का ऐलान बजट में किया गया है. सरकार ने इस ऐतिहासिक स्थल पर पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इस जगह को संवारने की घोषणा की है. यहां म्यूजियम बनाया जाएगा.
गौरतलब है कि नरेन्द्र मोदी द्वारा जनवरी 2020 में कोलकता में की गई घोषणा के अनुसार भारतीय संग्रहालय का पुनरुद्धार करने का प्रस्ताव किया गया है. इसके साथ ही ऐतिहासिक पुराने टकसाल भवन में मुद्रा-विषयक और व्यापार पर एक संग्रहालय स्थापित किया जायेगाा. उन्होंने कहा कि झारखंड के रांची में जनजातीय संग्रहालय की स्थापना में मदद की जाएगी. उन्होंने कहा कि पोत परिवहन मंत्रालय द्वारा लोथल, अहमदाबाद में हड़प्पा युग पर प्रकाश डालने के लिए एक पोत संग्रहालय स्थापित किया जायेगा. इसके साथ ही पूरे देश में चार और संग्रहालयों का नवीकरण किया जाएगा.