सेक्स पावर बढ़ाने के चक्कर में लोग अक्सर कर बैठते हैं ये गलतियां

भारतीय समाज में आज भी सेक्स के बारे में खुलकर बात नहीं होती है. सेक्स को लेकर कोई भी परेशानी या बीमारी हो लोग अपने परिवार या डॉक्टर्स को बताने से शर्माते हैं. ऐसे समय में वो सुनी सुनाई बातों पर ध्यान देते हैं और सुनी सुनाई दवाइयों को सहारा लेते है...

प्रतीकात्मक तस्वीर (File Image)

भारतीय समाज में आज भी सेक्स (Sex) के बारे में खुलकर बात नहीं होती है. सेक्स को लेकर कोई भी परेशानी (Sex Related Problems) या बीमारी हो लोग अपने परिवार या डॉक्टर्स को बताने से शर्माते हैं. ऐसे समय में वो सुनी सुनाई बातों पर ध्यान देते हैं और सुनी सुनाई दवाइयों को सहारा लेते है, किताब पढ़ते हैं, विज्ञापन देखकर दवाई खाते हैं जो आगे चलकर बहुत हानिकारक साबित होता है. लोग बचपन में की गई गलतियों को जवानी में सुधारने की कोशिश करते है जो कभी-कभी बहुत भारी पड़ जाती है.

हर जगह दीवारों पर हकिम, वैद के विज्ञापन दिखाई देते हैं जिस पर हस्तमैथुन (Masturbation) के बारे में गलत धारणाएं लिखी होती हैं. हस्तमैथुन को ऐसा दिखाने की कोशिश करते हैं जैसे वो को बहुत बड़ी बीमारी हो. लेकिन सच तो ये है कि हस्तमैथुन कोई बीमारी नहीं है और इससे शरीर पर कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ता है. इसका बुरा प्रभाव तब पड़ेगा जब इसके बारे में आप गलतफहमी पालेंगे. हर चीज की अति नुक्सान पहुंचाती है, चाहे वो कोई भी चीज हो. सेक्स पावर बढ़ाने के चक्कर में लोग कई गलतियां कर जाते हैं आइए आपको बताते हैं उन गलतियों के बारे में.

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तेल का इस्तेमाल: अक्सर विज्ञापन में कई प्रकार के तेल के बारे में दिखाया जाता है और ये दावा किया जाता है कि इस तेल की मालिश से सेक्स पावर बढ़ जाएगा और सेक्स में बहुत मजा आएगा. लोग इस बात को सच भी मान लेते हैं, जबकि सच तो ये हैं कि ऐसा कोई तेल नहीं है. सांडे का तेल सेक्स पावर बढ़ाने वाला माना जाता है लेकिन इस बात की सच्चाई साबित नहीं की जा सकी है.

टॉनिक: सेक्स पावर बढ़ाने के लिए लोग विज्ञापन देखने के बाद टॉनिक खरीदते हैं. जबकि ये सब झूठ है सेक्स पावर बढ़ाने के लिए ऐसी को टॉनिक नहीं है. ऐसी टॉनिक को पीने के बाद शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ता है.

अश्लील किताबें: कई बार लोग सुनी सुनाई बातों पर ध्यान देकर अश्लील किताबें पढ़ते हैं. ताकि उनकी सेक्स पावर बढ़ सके. दरसल इस तरह की किताबें पढ़ने से वासना तो बढ़ती है लेकिन आगे चलकर ये बीमार कर देती है.

सड़क छाप दवाइयां व नुस्खे: कई बार लोग सड़कों के किनारे तंबू लगाए बाबाओं की दुकानों से दवा खरीदते देखे जाते हैं. ऐसी दवाओं के नाम पर यहां कुछ जड़ी-बूटी आदि रखी होती है. लोग यह सोच नहीं पाते कि अगर इनकी दवाओं में सचमुच असर करने की ताकत होती, तो ये अपना माल बेचकर रातोंरात मालामाल न हो गए होते.

लिंग बढ़ाने वाले प्रोडक्ट: विज्ञापनों में खास तरह के यंत्र या सेक्स टॉय से लिंग का साइज बढ़ाने का दावा किया जाता है. लेकिन आज तक ऐसा कोई प्रोडक्ट नहीं है और न ही बनेगा जो लिंग का साइज बढ़ाता हो. मेडिकल साइंस के मुताबिक लिंग की लंबाई ज्यादा या कम होने का सेक्स के आनंद से कोई लेना-देना नहीं है. इसके बाद भी लोग अपने लिंग की लंबाई बढ़ाने की नाकाम कोश‍िश करते हैं.

कुल मिलाकर मामला यह है कि अगर पाचन-शक्त‍ि दुरुस्त कर ली जाए, तो शरीर स्वाभाविक रूप से पुष्ट बन जाता है. इससे केवल सेक्स ही नहीं बल्कि हर काम में लिए स्फूर्ति और बल मिलता है.

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