
इस्लाम धर्म के अनुसार शब-ए-बारात फजीलत और इबादत की रात होती है, जिसमें मुसलमान अल्लाह तबारक व तआला से अपनी गुनाहों की मांगते हैं. इसका शाब्दिक अर्थ ‘प्रायश्चित की रात’ कहा जा सकता है. हालांकि इसे ‘चराग ए बारात’, ‘बारात नाइट’, ‘बेरात कंदिली’, या ‘निस्फू सियाबन’ के नाम से भी जाना जाता है. रात की फजीलतों के कारण यह इस्लाम की सबसे पवित्र रातों में एक है. इस रात लोग अपने पूर्वजों के पापों का प्रायश्चित करने और उन्हें नरक की आग से बचाने के लिए करते हैं. ‘शब-ए-बारात में हर मुसलमान पूरी रात जागकर नमाज अदा करते हैं, और अपने गुनाहों की माफी मांगते हैं. मान्यता है कि शब-ए-बारात के रहमत या मगफिरत की रात को सच्चे दिल से इबादत करने पर अल्लाह सारे गुनाहों को माफ कर देता है. शब-ए-बारात सेलिब्रेशन के लिए यहां कुछ कोट्स और मैसेज दिये जा रहे हैं, इन्हें भेजकर शब-ए-बारात सेलिब्रेट कर सकते हैं.
* ’रात को नया चांद मुबारक, चांद को चांदनी मुबारक,
फलक को सितारे मुबारक, सितारों को बुलन्दी मुबारक,’
आपको शब-ए-बारात मुबारक!
* ’अगर आप खुद को माफ कर सकते हैं
तो आप दूसरों को भी माफ कर सकते हैं.’
शब-ए-बारात’ आपको मुबारक हो!
* ‘जवाब खुदा है हर सवाल का, तू नए-नए सवाल ना बना,
ये रहमत की रात है बंदे, तू वबाल ना बना.’
शब-ए-बारात मुबारक!
* ‘आज की शब रौशनी की जरूरत नहीं, आज चांद आसमान से मुस्कुराएगा,
तुम दुआओं का सिलसिला जारी रखना, रहमतों का गुलिस्तां जमीं पर आएगा.’
शब-ए-बारात 2024 मुबारक!
* ’या अल्लाह मैं तुझसे मांगता हूं, ऐसी माफी जिसके बाद कोई गुनाह ना हो,
ऐसी सेहत जिसके बाद कोई बीमारी ना हो, ऐसी रजा जिसके बाद कोई नाराजगी ना हो.’
शब-ए-बारात मुबारक!
* ’रहमतों की आई है रात, नमाजों का रखना साथ,
मनवा लेना रब से हर बात, दुआ में रखना हमें भी याद.’
शब-ए-बारात मुबारक!
* ’जवाब खुदा है हर सवाल का, तू नए-नए सवाल ना बना,
ये रहमत की रात है बंदे, तू वबाल ना बना.’
शब-ए-बारात मुबारक!
* ’आज है मौका इबादत का, आज है मौका दुआओं का,
कर लो आज जी भर के अल्लाह को याद, आएगा फिर यह दिन एक साल बाद.’
शब-ए-बारात 2024 की मुबारकबाद..
* या अल्लाह शब-ए-बारात की मुबारक रात, के सदके हमें बख्श दे
और हमारी दुआएं कुबूल फरमा, मेरी तरफ से आप सबको
शब-ए-बारात मुबारक हो!
* ’रहमतों की आई है रात, दुआ है आप सदा रहें आबाद
दुआ में रखना हमें भी याद’
मुबारक हो आपको ‘शब-ए-बारात’!