Surya Grahan 2023: कितना दिव्य होगा यह हाइब्रिड सूर्य ग्रहण? जानें ग्रहण किन-किन देशों में राजनीतिक उथल-पुथल कर सकता है!
साल का पहला सूर्य ग्रहण के बस कुछ ही घंटे शेष हैं. भारतीय समयानुसार 20 अप्रैल 2023 की सुबह 07.04 AM से सूर्य ग्रहण लगेगा और दोपहर 12.29 PM तक रहेगा, लेकिन चूंकि यह सूर्य ग्रहण भारत में नजर नहीं आएगा, इसलिए भारत में सूतक काल मान्य नहीं रहेगा.
साल का पहला सूर्य ग्रहण के बस कुछ ही घंटे शेष हैं. भारतीय समयानुसार 20 अप्रैल 2023 की सुबह 07.04 AM से सूर्य ग्रहण लगेगा और दोपहर 12.29 PM तक रहेगा, लेकिन चूंकि यह सूर्य ग्रहण भारत में नजर नहीं आएगा, इसलिए भारत में सूतक काल मान्य नहीं रहेगा. लेकिन अन्य देश-दुनिया पर इसके अलग-अलग प्रभाव पड़ सकते हैं, इसे हाइब्रिड सूर्य ग्रहण भी कहा जा रहा है. ज्योतिष शास्त्र इस संदर्भ में क्या कहता है आइये जानते हैं... यह भी पढ़ें: Solar Eclipse 2023 Live Streaming: साल का पहला सूर्य ग्रहण आज, जानें कब, कैसे और कहां लाइव देख सकते हैं यह खगोलीय घटना
क्या खास होगा इस सूर्य ग्रहण में?
खगोल शास्त्रियों के अनुसार इस बार भारत में सूर्य ग्रहण नजर नहीं आएगा, लेकिन यह सूर्य ग्रहण कुछ अलग और दिव्य दिखेगा. प्राप्त खबरों के अनुसार इस बार तीन तरह के सूर्य ग्रहण दिखेंगे, जिन्हें वैज्ञानिक भाषा में हाइब्रिड सूर्य ग्रहण का नाम दिया गया है. ज्योतिषियों के अनुसार सूर्यग्रहण के समय सूर्य अपनी उच्च राशि मेष में राहु और बुध के साथ प्रवेश करेंगे. कहा जा रहा है कि इस सूर्य ग्रहण का मूल असर कुछ राशि विशेष पर नकारात्मक हो सकता है, तो कुछ राशि के जातकों के लिए शुभता का प्रतीक भी साबित हो सकता है.
क्या है हाइब्रिड सूर्य ग्रहण?
ज्योतिष शास्त्रियों के अनुसार कुछ देशों में हाइब्रिड सूर्य ग्रहण होगा. यह ग्रहण आंशिक, पूर्ण एवं कुंडलाकार ग्रहण का मिश्रण होता है. वैज्ञानिकों के अनुसार हाइब्रिड सूर्य ग्रहण 100 साल में एक बार लगता है. हाइब्रिड सूर्य ग्रहण के दौरान चंद्रमा की दूरी धरती से न बहुत अधिक होती है न कम. इस दुर्लभ सूर्य ग्रहण में कुछ सेकंड के लिए सूर्य के चारों ओर रिंग जैसी आकृति बनती है. इसे रिंग ऑफ फायर कहते हैं. हाइब्रिड सूर्य ग्रहण इसलिए खास होता है, क्योंकि यह ऐसा ग्रहण है, जिसमें एक ही दिन 3 तरह के सूर्य ग्रहण नजर आएगा. ये आंशिक, पूर्ण और कुंडलाकार में होगा.
सूर्य ग्रहण की अवधि
07.04 AM से 12.29 PM (20 जुलाई 2023)
कुल अवधि 05 घंटे 24 मिनट
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस सूर्य ग्रहण के दो दिन बाद बृहस्पति प्रवेश करेंगे. यह ग्रहण भारत में नजर नहीं आयेगा, इसलिए सूतक काल के नियम लागू नहीं होंगे, लेकिन जहां तक राशिफल के जातकों की बात है तो सूर्य ग्रहण का सभी 12 राशियों पर लागू होगा.
दुनिया में कहां-कहां दिखेगा ग्रहण?
साल का यह पहला सूर्य ग्रहण चीन, अमेरिका, फिजी, जापान, सुमोआ, माइक्रोनेशिया, मलेशिया, सोलोमन, सिंगापुर, थाइलैंड, कंबोडिया, अंटार्कटिका, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, पापुआ न्यू गिनी, हिंद महासागर, दक्षिण प्रशांत महासागर इंडोनेशिया, फिलीपींस इन जगहों पर स्थानीय समयानुसार सूर्य ग्रहण नजर आयेगा.
कुछ देशों में विवाद या युद्ध की स्थिति बन सकती है!
दुनिया के कई देशों में यह ग्रहण दिखेगा, लेकिन जहां तक प्रभावित होने वाले देशों की बात करें तो ज्योतिषी प्रभावों के अनुसार यूक्रेन में युद्ध के कारण हालात बदतर हो सकते हैं. कुछ देश-विशेष में छोटी-मोटी झड़प या युद्ध की संभावनाएं उत्पन्न हो सकती है. इसके साथ-साथ कुछ देशों में संक्रामक रोगों के उभरने की भी संभावनाओं से इँकार नहीं किया जा सकता. दोस्त देशों के राजनेताओं के आपसी रिश्तों में खटास आ सकती है, जिससे हालात बुरे बन सकते हैं. अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन की मित्रता में खिंचाव आ सकता है. लेकिन भारत पर राजनीतिक या आर्थिक किसी भी तरह का कोई असर नहीं पड़ेगा.