इंदिरा जयसिंह (Indira Jaising) एक बड़ी शख्सियत हैं उनकी गिनती दुनिया की पावरफुल महिलाओं में होती है. इंदिरा जयसिंह भारत में मानव अधिकार मामलो की वकिल मानी जाती हैं. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर इंदिरा जयसिंह का एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे सुनने के बाद माहिलाओं का आत्मविश्वास और बढ़ जाएगा. उन्हें भी लगेगा की किसी की पत्नी होने की पहचान के आलावा उनका अपना वजूद है और हैसियत है. भारत में महिलाएं शादी से पहले अपने पिता के नाम से जानी जाती हैं और शादी के बाद पति के सरनेम से. इंदिरा जयसिंह ने कोर्ट रूम में मिसेज ग्रोवर कहे जाने की बात पर आपत्ति जताई है और इसका जमकर विरोध किया.
प्रशांत भूषण अवमानना मामले की सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल (K. K. Venugopal) ने वरिष्ट वकील आनंद ग्रोवर की पत्नी कह दिया. इस बात पर इंद्रा जयसिंह ने तुरंत आपत्ति जताई और कहा कि उनका खुद का एक व्यक्तित्व है. इंदिरा जयसिंह ने अटॉर्नी जनरल को अपनी बात वापस लेने को कहा. उन्होंने अटॉर्नी जनरल से कहा 'श्रीमान आप अपनी टिपण्णी वापस लीजिए. मैं अपने आप में एक व्यक्ति हूं. उन्होंने कहा कि वो किसी की पत्नी के अलावा एक व्यक्ति के रूप में अलग अस्तित्व रखती हैं.
उन्होंने कोर्ट रूम में अपनी बात को बड़ी ही बेबाकी से रखी और कहा हमारी पहचान एक वकील के रूप में है, ना कि किसी की पत्नी या पति के रूप में. इसीलिए हमें अपना नाम बदलने की जरूरत नहीं पड़ी. इसलिए मैं सिर्फ श्रीमती इंद्रा जयसिंह हूं. उनकी बातचीत के बाद अटॉर्नी जनरल ने स्वीकार किया कि इंदिरा जयसिंह एक अच्छी अधिवक्ता हैं.