Speech On Independence Day 2023: स्वतंत्रता दिवस की 76वीं वर्षगांठ पर स्कूल प्रांगण में देने योग्य एक ओजस्वी भाषण!
स्वतंत्रता दिवस जैसे राष्ट्रीय पर्व की अभिव्यक्ति के अवसर पर भाषण एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है. यही वह माध्यम है, जिसके जरिये हम आज की पीढ़ी को बताते हैं कि आज हम जिस खुली हवा में आजादी की सांस ले रहे हैं, अपनी जिंदगी अपने तरीके से जी रहे हैं.
स्वतंत्रता दिवस जैसे राष्ट्रीय पर्व की अभिव्यक्ति के अवसर पर भाषण एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है. यही वह माध्यम है, जिसके जरिये हम आज की पीढ़ी को बताते हैं कि आज हम जिस खुली हवा में आजादी की सांस ले रहे हैं, अपनी जिंदगी अपने तरीके से जी रहे हैं, उसके लिए हमारे पूर्वजों ने बहुत खून-पसीना बहाया है, ब्रिटिश पुलिस की गोलियां, कोड़े और लाठियां सही है, जीवन के अहम हिस्से जेल में गुजारे हैं, तब कहीं जाकर आज हम एक आजाद भारतीय का जीवन जी रहे हैं. यह भी पढ़ें: Independence Day 2023: प्रत्येक वर्ष स्वतंत्रता दिवस पर यह दुविधा क्यों रहती है? जानें इसका समाधान!
कोई भी भाषण तभी प्रभावशाली होताहै, जब वह दर्शकों पर राष्ट्र प्रेम का अमिट छाप छोड़ी. इसके लिए उचित शब्दांकन, राष्ट्र प्रेम से लवरेज गीतों की पंक्तियां, आजादी के दौर के ओजस्वी नारे. स्वतंत्रता संग्राम के दौर का कोई घटनाक्रम, देश का विकास एवं जोशीला प्रस्तुति महत्वपूर्ण होता है.. स्वतंत्रता दिवस पर एक ऐसा ही भाषण यहां प्रस्तुत है.
आदरणीय मुख्य अतिथि महोदय, प्रधानाचार्य, शिक्षकगण एवं प्यारे बच्चों
आज जब सारा देश स्वतंत्रता दिवस की 76 वीं वर्षगांठ मना रहा है, इस अवसर पर इस मंच से मुझे दो शब्द बोलने का अवसर देकर मुझे गौरवान्वित किया गया है. इसके लिए किन शब्दों में आभार प्रकट करूं, क्योंकि किसी समय इसी प्रांगण में एक छात्र के रूप में मैंने भी जीवन के अहम एवं सुखद हिस्से गुजारे हैं.
साथियों, 15 अगस्त... महज एक तारीख भर नहीं है, यह वह पवित्र दिन है, जो हमें हमारे पूर्वजों द्वारा किये गये असंख्य बलिदानों की स्मृतियों को ताजा करवाती है. इसी दिन हमारा राष्ट्र औपनिवेशिक अत्याचार से मुक्त हुआ था. जिसके लिए असंख्य क्रांतिकारियों ने अपने पढ़ने-खेलने के दिनों की परवाह नहीं करते हुए ब्रिटिश हुकूमत की ईंट से ईंट बजाई, और हंसते हुए फांसी के फंदे पर झूल गये. एक तरफ क्रांतिकारियों के ‘खून का बदला खून’ की नीति अपनाई, तो वहीं महात्मा गांधी के अहिंसात्मक आंदोलनों ने अंग्रेजी हुकूमत को मतिभ्रम कर दिया. सुभाष चंद्र बोस, सरदार पटेल, पंडित जवाहर लाल नेहरू, डॉ राजेंद्र प्रसाद, लाल बहादुर शास्त्री, बाबा साहेब आंबेडकर आदि नेताओं के अथक परिश्रम एवं बलिदान के कारण ही हम स्वतंत्रता और संप्रभुता के अनमोल उपहार ‘आजादी’ का आनंद उठाते हैं.
आजादी के इस 77वें वर्ष तक आते-आते भारत ने हर क्षेत्र में खूब तरक्की की है. दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश भारत आज दूध, दाल, जूट के उत्पादन में दुनिया में नंबर वन, चावल, गेहूं, गन्ना, मूंगफली जैसे खाद्यान्न उत्पादन में दूसरे नंबर पर है. सैन्य शक्ति में भारत दुनिया में चौथे नंबर पर है. ऐसी मान्यता है कि अगर भारत अपनी जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण पा ले तो वित्तीय शक्ति के रूप में भी दुनिया में अपना विशेष स्थान बना सकेगा. इस देश की सबसे बड़ी ताकत यहां की युवा शक्ति है, जिसके आगे दुनिया भर के देश नतमस्तक होते हैं. हमारे पवित्र भारत भूमि के युवा अन्य देशों की भी बागडोर संभाल रहे हैं. दुनिया की सबसे बडी युवा शक्ति भारत के पास है.
मित्रों 15 अगस्त का यह राष्ट्रीय पर्व हर वर्ष हम मनाते हैं. हमारे दिलो-दिमाग में हम स्वतंत्र है, स्वतंत्र रहेंगे इसी भाव को हमें जागृत रखना है. आइये हम अपने राष्ट्र के आन-बान-शान के प्रतीक राष्ट्र-ध्वज को नमन करें और राष्ट्र हित रत रहने के अपने संकल्प को दोहराएं. अपने भाषण की समाप्ति करते हुए हम एक बार पूरे जोश और राष्ट्र प्रेम से ओतप्रोत होकर नारा लगाएंगे
जय हिंद जय भारत