तुलसी के पत्ते के फायदे: धर्म और आध्यात्म से लेकर चिकित्सा एवं वास्तु जैसे तमाम क्षेत्रों में तुलसी (Tulsi Vivah 2019) को तमाम गुणों से युक्त माना गया है. यह छोटा-सा पौधा अपने भीतर तमाम गुणों को समेटे हुए है. इसीलिए तुलसी को सर्वगुण सम्पन्न माना जाता है. तुलसी के पौधे की दो प्रजातियां होती हैं. 'श्रीतुलसी' जिसकी पत्तियां हरी होती हैं तथा बैंगनी रंग की 'कृष्ण तुलसी'(Krishna Tulsi). कुछ लोग 'कृष्ण तुलसी' को श्रेष्ठ मानते हैं, परंतु अधिकांश विद्वानों का मत है कि दोनों के समान गुण एवं प्रभाव होते हैं. तुलसी के पौधे की अहमियत इसी से चलता है कि तकरीबन हर हिंदू घर में तुलसी का पौधा होता है. बल्कि बहुत सारे गैरहिंदू एवं नास्तिक भी अपने घरों में तुलसी रखते हैं, उनके अनुसार तुलसी से घर में साकारात्मक ऊर्जा आती है.
हिंदू धर्म में तुलसी का पौधा अत्यधिक पवित्र माना जाता है. लोग इसे घर के आंगन अथवा दरवाजे के सामने या बगीचे में लगाते हैं. तुलसी अपेक्षाकृत ज्यादा ऑक्सीजन छोड़ता है, इससे आसपास का वातावरण शुद्ध रहता है. इसीलिए र लोग अपने घर और दफ्तरों में तुलसी का पौधा लगाते हैं. भारतीय संस्कृति के चिर-पुरातन ग्रंथों एवं वेद-पुराणों में भी तुलसी के गुणों एवं उसकी उपयोगिता की व्याख्या की गयी है, वहीं तुलसी का प्रयोग ऐलोपैथी, होमियोपैथी और यूनानी दवाओं में भी खूब किया जाता है.
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चिकित्सा जगत से लेकर आध्यात्मिक पक्ष के लोगों का कहना है कि जो व्यक्ति प्रतिदिन तुलसी के पांच पत्ते खाता है, उसे कभी किसी तरह की बीमारी नहीं होती. आइये जानें तुलसी के इस छोटे से पौधे से आम इंसान क्या क्या लाभ उठा सकता है.
*घर के सामने अथवा बगीचे में एक तुलसी का पौधा लगाने से घर के आसपास मच्छर अथवा कीड़े-मकोड़े घर में प्रवेश नहीं करते.
*नियमित रूप से तुलसी के पत्ते खाने से रक्त साफ रहता है. त्वचा और बाल स्वस्थ एवं चमकीले होते हैं.
*यौन रोगों के तहत पुरुषों में शारीरिक कमजोरी होने पर तुलसी के बीजों का इस्तेमाल काफी फायदेमंद होता है. इसके साथ ही नपुंसकता में भी तुलसी का बीज काफी फायदेमंद साबित होता है.
*महिलाओं की अनियमित पीरियड की स्थिति में भी तुलसी का बीज काफी फायदेमंद साबित होता है. मासिक चक्र नियमित बना रहे इसके लिए तुलसी के छः से सात पत्तों का रोजाना सेवन करना लाभदायक साबित होता है.
*सर्दी, जुकाम अथवा हलका-फुलका बुखार हो तो तुलसी के पांच से सात पत्तों के साथ काली मिर्च, एवं मिश्री को एक साथ उबालकर काढ़ा तैयार करें और उसका सेवन करें अथवा इन्हें पीसकर इसकी गोलियां बनाकर खाने से भी लाभ होता है.
*दस्त की शिकायत होने पर तुलसी के पत्तों का नियमित सेवन करें अथवा तुलसी एवं जीरे को पीसकर इसे दिन में तीन से चार बार चाटने से दस्त पर नियंत्रण लगता है.
*मुंह से दुर्गंध आ रही है तो तुलसी के कुछ पत्ते चबाइये, मुंह का दुर्गंध खत्म हो जाता है.
*अगर किसी वजह से कहीं छोटी-मोटी चोट लग जाये तो तुलसी के पत्ते के साथ फिटकरी मिलाकर घाव पर लगाने से घाव अपेक्षाकृत जल्दी भर जाता है. क्योकि तुलसी में एंटी-बैक्टीरियल तत्व होते हैं, जो घाव को सुखाने में मदद करते हैं.
*तुलसी में एंटी बैक्टीरियल तत्व होने के कारण कील-मुंहासों पर तुलसी के पत्ते का इस्तेमाल करने से कील-मुहांसों से चेहरे पर किसी भी तरह के निशान नहीं रह जाते.
*कुछ आयुर्वेदाचार्यों ने तुलसी के बीज से कैंसर का भी इलाज संभव है, हालांकि इस संदर्भ में किसी तरह की लिखित दावा नहीं किया गया है.
*धूम्रपान से होने वाले नुकसान और ट्यूबर क्लोसिस जैसी बीमारियों के लिए तुलसी का इस्तेमाल करते हैं, क्योंकि इसमें विटामिन सी, कैफेने, इयूजेनॉल और सिनीओल प्रचुर मात्रा में पाया जाता है.
तुलसी की एक खूबी यह है कि यह डिटॉक्सीफिर का काम भी करती है. यह शरीर में उपस्थित यूरिक एसिड को हटाती है, जिसकी वजह से किडनी में स्टोन्स पैदा होते हैं. इसके अलावा तुलसी का ज्यादा उपयोग करने से पेशाब ज्यादा होता है, जिसकी वजह से किडनी साफ होती है.