आज 14 फरवरी से खरमास (Kharma) शुरू हो चुका है, आज से एक माह तक सभी शुभ कार्य वर्जित हो जाएंगे. आज शाम 6:03 बजे सूर्य बृहस्पति की राशि मीन राशि में प्रवेश करेंगे और 14 अप्रैल की रात 2:33 बजे तक मीन राशि में रहेंगे. सूर्य के राशि परिवर्तन को खरमास (?kharmas) या मलमास (Malmas) कहा जाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब सूर्य बृहस्पति की राशि धनु या मीन में प्रवेश करते हैं तो खरमास या मलमास लग जाता है. हिंदू धर्म में इस दौरान विवाह, गृह प्रवेश, नया व्यापार, भूमि पूजन, मूंडन आदि कार्य वर्जित होते हैं. खर का अर्थ दुष्ट होता है और मास का अर्थ महीना होता है. इसलिए खरमास को दुष्टमास भी कहा जाता है.
सभी कार्यों के लिए गुरु बृहस्पति के बल की आवश्यकता होती है, सूर्य के गुरु की राशि मे जाने से गुरु का बल कम हो जाता है, इसलिए इस दौरान कोई भी शुभ कार्य फलित नहीं होता है.ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य को सबसे प्रधान ग्रह माना जा है, सूर्य एक राशि में एक महीने तक वास करते हैं. सूर्य के एक राशि से दूसरी राशि में जाने की प्रक्रिया को संक्रांत कहा जाता है. यह भी पढ़ें: Wednesday Special: बुधवार को इन कार्यों से घर की सारी बाधाएं होती है दूर, आर्थिक मार्ग होता है प्रशस्त
ऐसा कहा जाता है कि खरमास के दौरान सूर्यदेव की उपासना करनी चाहिए. सुबह जल्दी उठकर उगते हुए सूर्य को अर्घ देना चाहिए, ऐसा करना शुभ माना जाता है और सूर्य की कृपा हमेशा आप पर बनी रहती है. साल में खरमास दो बार लगता है. सूर्य जब धनु और मीन राशि में आते हैं, तभी खरमास का महीना लगता है.