देवभूमि उत्तराखंड (Uttarakhand) में देवी-देवताओं के कई चमत्कारी मंदिर (Temples) स्थित हैं, जिनकी ख्याति देश ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी फैली हुई है. यही वजह है कि देश और दुनिया से भक्त उत्तराखंड के अद्भुत मंदिरों में दर्शन करने के लिए आते हैं और अपनी मुरादों की झोली भरकर वापस जाते हैं. हालांकि मंदिरों में आने वाले भक्त भगवान के दरबार में हाथ फैलाकर अपनी मन्नत मांगते हैं, लेकिन क्या आपने कभी किसी मंदिर में खत लिखकर (letter) किसी भक्त (Devotee) को भगवान (God) से मन्नत मांगते हुए देखा है? इसके अलावा क्या आपने मंदिर में भगवान के सामने स्टैंप पेपर के जरिए किसी से न्याय की गुहार लगाते देखा है?
आपको यह सुनकर भले ही अटपटा सा लगे, लेकिन देवभूमि उत्तराखंड में एक ऐसा मंदिर स्थित है, जहां भक्त चिट्ठी लिखकर मन्नत मांगते हैं और स्टैंप पेपर के जरिए भगवान से न्याय की गुहार लगाते हैं. इतना ही नहीं जब इन भक्तों की मुराद पूरी हो जाती है तो वो चढ़ावे के तौर पर यहां घंटियां चढ़ाते हैं. चलिए जानते हैं इस अद्भुत मंदिर की महिमा.
दरअसल, उत्तराखंड में गोलू देवता के कई मंदिर हैं, लेकिन अल्मोड़ा जिले (Almoda District) में स्थित चितई गोलू देवता का मंदिर (Golu Devta Temple) काफी लोकप्रिय है और स्थानीय लोग उन्हें न्याय के देवता के तौर पर पूजते हैं. गोलू देवता को उत्तराखंड में कई नामों से पुकारा जाता है. उन्हें भगवान शिव और कृष्ण का अवतार माना जाता है. यहां लोग देश ही नहीं, विदेशों से भी मन्नत और न्याय मांगने के लिए आते हैं. यह भी पढ़ें: शनि देव को नाराज कर सकती हैं आपकी ये 5 गलतियां, पूजा के दौरान रखें इन बातों का खास ख्याल
यहां आनेवाले भक्त भगवान से मन्नत मांगने के लिए आवेदन पत्र लिखते हैं. इतना ही नहीं कई लोग स्टैंप पेपर पर लिखकर गोलू देवता से न्याय की गुहार लगाते हैं. जिन लोगों की मन्नत पूरी हो जाती है वो यहां घंटियों का चढ़ावा चढ़ाते हैं. मंदिर की घंटियों को देखकर आप इस बात का अंदाजा आसानी से लगा सकते हैं कि गोलू देवता के दरबार से कोई खाली हाथ नहीं लौटा है.
बता दें कि चितई गोलू देवता का मंदिर अल्मोड़ा से आठ किलोमीटर दूर पिथौरागढ़ हाईवे पर है. इस मंदिर में सफेद घोड़े में सिर पर पगड़ी पहने हुए गोलू देवता की प्रतिमा विराजमान है और उनके हाथों में धनुष-बाण है.