मंगलवार को इन वस्तुओं के सेवन से दूर होते हैं मगल दोष? जानें कब किन वस्तुओं का सेवन करें

हिंदू शास्त्रों में ग्रहों में मंगल ग्रह को सेनापति माना गया है क्योंकि अगर मंगल आप पर मेहरबान है तो आपके जीवन में सर्वत्र मंगल ही मंगल होता है. लेकिन अगर आपकी कुण्डली में मंगल-दोष हो, तो जीवन में शुभता कम हो जाती है, कदम-कदम पर आपके साथ अमंगल होता है, बनते हुए कार्य बिगड़ते हैं, घर में अशांति एवं बीमारियों के साथ नकारात्मक शक्तियां सक्रिय होती हैं.

बजरंगबली हनुमान (File Photo)

हिंदू शास्त्रों में ग्रहों में मंगल ग्रह को सेनापति माना गया है क्योंकि अगर मंगल आप पर मेहरबान है तो आपके जीवन में सर्वत्र मंगल ही मंगल होता है. लेकिन अगर आपकी कुण्डली में मंगल-दोष हो, तो जीवन में शुभता कम हो जाती है, कदम-कदम पर आपके साथ अमंगल होता है, बनते हुए कार्य बिगड़ते हैं, घर में अशांति एवं बीमारियों के साथ नकारात्मक शक्तियां सक्रिय होती हैं. लेकिन ज्योतिष शास्त्र में इसका उपचार उल्लेखित है. मान्यता है कि प्रत्येक मंगलवार के दिन हनुमानजी का व्रत रखने के साथ सुंदरकांड का पाठ करें तो हनुमानजी प्रसन्न होते हैं और मंगल-दोष से मुक्ति मिलती है. ज्योतिष शास्त्रियों का मानना है, सुंदरकांड पाठ के उपरांत अगर निम्न वस्तुओं का सेवन किया जाये तो मंगल दोष से राहत मिलती है. यह भी पढ़ें: सोमवार को भगवान शिव का ऐसे करें ध्यान! होगा सारी समस्याओं का समाधान!

* चुकंदर का सेवन करें

अगर आपकी कुंडली में मंगल दोष है तो उसे किसी न किसी रूप में चुकंदर का सेवन करना चाहिए. कहा जाता है कि मंगल का शरीर में रक्त पर विशेष प्रभाव होता है. अगर जातक को एनिमिक की शिकायत है तो उसे हर मंगलवार के दिन चुकंदर का सेवन करना चाहिए, इससे मंगल दोष कम होता है और शुभता की प्राप्ति होती है.

* हनुमान जी को बेसन की बूंदी चढ़ाएं

मंगलवार के दिन व्रत रखें और हनुमान जी की विधिवत पूजा करें और प्रसाद में बेसन की बूंदी का लड्डू चढ़ाएं. पूजा एवं आरती के पश्चात यह प्रसाद लोगों में वितरित करें और स्वयं भी खायें ऐसा करने से मंगल आपके अनुकूल भाव दर्शाता है. मंगल दोष दूर होता है.

* हनुमान जी को ये मौसमी फल अर्पित करें

हनुमान जी को लड्डू के अलावा केले, अनार और आम के फल बहुत पसंद हैं. अगर ज्योतिषी के अनुसार आपकी कुंडली में मंगल का दोष हो तो प्रत्येक मंगलवार को उपवास रखते हुए हनुमान जी को उपयुक्त फलों को प्रसाद के रूप में अर्पित करें. यह प्रसाद बच्चों एवं अन्य लोगों को बांट दें. अगर आसपास बंदर हो तो उसे भी एक फल खाने के लिए देने के बाद स्वयं भी प्रसाद खायें, ऐसा करने से बजरंगबली प्रसन्न होते हैं और भक्त को मंगल दोष से मक्ति प्रदान करते हैं.

* तांबे के गिलास में पानी पीयें

अगर आपकी कुण्डली में मंगल भारी है अथवा मंगल दोष है तो सुबह सूर्योदय के पश्चात सुबह उठकर तांबे के गिलास में जल ग्रहण करें. स्नान करने के पश्चात लाल रंग का रक्षा-सूत्र पहनें और सूर्य को अर्घ्य देते हुए हनुमान चालीसा का पाठ करें

* लाल मसुर दाल का सेवन करें

मंगल दोष से मुक्ति पाने के लिए कम से कम पांच मंगलवार का व्रत रखते हुए सूर्यास्त के पश्चात व्रत का पारण करते वक्त मसुर की दाल से बने व्यंजन का सेवन करें. मगर ध्यान रहे, व्यंजन में नमक का प्रयोग हरगिज नहीं करें, और बेहतर होगा कि अगर पारण के पहले लाल मसुर की दाल का दान करें,

नाते रिश्तेदारों को मिठाई वितरित करें

मंगलदोष से मुक्ति पाने के लिए प्रत्येक मंगलवार को प्रसाद में मिठाई चढ़ाएं और इसे भारी तादाद में नाते-रिश्तेदारों में वितरित करवाने के बाद स्वयं भी प्रसाद ग्रहण करें. लेकिन इस बात का अवश्य ध्यान रखें कि भगवान को चढे हुए प्रसाद को वितरित करने से पूर्व इसे जूठा करके नहीं वितरित करें, वरना मंगल दोष का प्रभाव बना रहेगा.

नोट- इस लेख में दी गई तमाम जानकारियों को प्रचलित मान्यताओं के आधार पर सूचनात्मक उद्देश्य से लिखा गया है और यह लेखक की निजी राय है. इसकी वास्तविकता, सटीकता और विशिष्ट परिणाम की हम कोई गारंटी नहीं देते हैं. इसके बारे में हर व्यक्ति की सोच और राय अलग-अलग हो सकती है.

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