Putrada Ekadashi 2019: पांच तरह के श्रापितों को नहीं मिलता कुलदीपक! श्राप-मुक्ति के लिए करें ये उपाय
श्रावण पुत्रदा एकादशी (Photo Credit-Twitter)

इंसान चांद पर पहुंच जाये या मंगल ग्रह पर. लेकिन विकास के इस होड़ में भी ‘श्रॉप’, ‘आह’ अथवा ‘आशीर्वाद’ की कहानियां आज भी गाहे-बगाहे देखने-सुनने को मिलती रहती हैं. मान्यता है कि अकसर अगर कोई हर तरह से समर्थ होने के बावजूद संतान सुख से वंचित रहता है तो हो सकता है वह किसी के श्राप का असर हो. कभी-कभी संतान होती भी है तब भी वह संतान-सुख से वंचित रहता है. अगर लंबे अर्से से आप भी एक अदद कुलदीपक की चाहता पूरी नहीं कर पाये हैं तो पूर्व जन्म में किये गये गलत कर्मों के कारण स्वयं पर लगे श्राप का निवारण अवश्य करवा लें. पौराणिक ग्रंथों में योगों एवं श्रापों की कथाएं उल्लेखित हैं, जिनसे ग्रस्त होने के कारण आप सर्व साधन सम्पन्न होने के बावजूद वारिस के लिए तरस कर रह जाते हैं. ज्योतिषियों का मानना है कि हिंदू आध्यात्म्य में पांच तरह के श्राप होते हैं, जो संतानोत्पति में बाधक बनते हैं. आइये जानें क्या हैं ये श्राप और इनसे मुक्ति के क्या उपाय हैं.

हिंदू कैलेंडरों में वर्णित कृष्णपक्ष एवं शुक्लपक्ष की एकादशियों का बड़ा महत्व होता है. इस दिन भगवान श्री विष्णु जी की पूजा-अर्चना की परंपरा निभाई जाती है. मान्यता है कि श्रावण शुक्लपक्ष की एकादशी जिसे पुत्रदा अथवा पवित्रा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है, इस दिन विधिवत ढंग से श्रीहरि की पूजा करने से संतानोत्पत्ति के रास्ते में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं.

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मातृ श्राप का असर एवं निदान

पूर्व अथवा इस जन्म में अगर आप किसी वजह से मातृ श्राप से ग्रस्त हैं तो निश्चित रूप से आपके संतान उत्पत्ति की राह में रुकावटें आ सकती हैं. श्राप से मुक्ति पाने के लिए श्रापग्रस्त व्यक्ति को रामेश्वरम जाकर स्नान करने के पश्चात दूध से भरा चांदी का पात्र दान करना चाहिए. चांदी का पात्र आपसे सामर्थ्य् के अनुसार छोटा-बड़ा किसी भी आकार का हो सकता है. कहा जाता है कि ऐसा करने से मातृ श्राप से मुक्ति मिलती है, और आप संतान प्राप्ति का सपना साकार कर सकते हैं.

ब्राह्मण द्वारा श्रापित

अकसर लोग भिक्षा अथवा किसी अन्य प्रयोजन से घर आये ब्राह्मणों का अपमान करने से नहीं चूकते. ऐसे में वे ब्राह्मण के श्राप के शिकार हो जाते हैं. अगर आप लंबे अर्से से संतान-सुख से वंचित हैं, तो इसके पीछे ब्राह्मण श्राप भी एक मुख्य वजह हो सकती है. ब्राह्मण श्राप से छूटने के लिए चंद्रायण व्रत करना चाहिए. अगर आप सामर्थ्यवान हैं तो किसी उच्च कोटि के ब्राह्मण को एक गाय का दान करिये. मान्यता है कि ऐसा करने से आपकी संतान सुख की चाहत अवश्य पूरी होगी.

पत्नी श्राप का प्रभाव

अकसर लोग पत्नी को पैर की जूती समझते हैं. उन्हें लगता है कि पत्नी है उनकी हर गल्तियों या ज्यादतियों को बर्दाश्त कर लेगी. लेकिन कभी-कभी ना चाहते हुए भी पत्नी के मुख से निकली आह श्राप बनकर पति पर टूट पड़ती है. अगर आपको लगता है कि आप पत्नी श्राप के शिकार हैं तो आपको श्री लक्ष्मीनारायण की प्रतिमा की स्थापना करवाकर विधिवत तरीके से उसकी पूजा-अर्चना करनी चाहिए. इसके अलावा श्रेष्ठ ब्राह्मण को एक गाय का दान अथवा कन्यादान का सुख हासिल करें, पत्नी श्राप से मुक्ति का यही प्रभावशाली उपाय है.

प्रेत जनित श्राप

कभी-कभी ऐसा भी सुनने को मिलता है कि संतान-सुख में प्रेत की बाधा आपको लगातार निराश करती है. अगर आपको लगता है कि आप पर किसी प्रेत की साया है, जिसकी वजह से आप संतान सुख नहीं उठा पा रहे हैं तो इससे मुक्ति पाने के लिए आपको गया तीर्थ स्थल जाकर विधिवत श्राद्ध करना चाहिए. श्राद्ध क्रम के पश्चात एक या अधिक ब्राह्मणों को भोजन कराएं एवं यदि संभव है तो किसी एक ब्राह्मण को एक गाय का दान करें, आपको पुत्र-रत्न की प्राप्ति अवश्य होगी

भातृ श्राप का दण्ड

बड़े अथवा छोटे भाई से मिले श्राप का असर भी बहुत घातक होता है, और आप संतान सुख से वंचित रह सकते हैं. अगर आपके पुरोहित इस बात की पुष्टि करते हैं तो इस श्राप से मुक्ति पाने के लिए भगवान विष्णु जी की पूरे विधि-विधान के साथ पूजा करें. उनकी कथा सुनें तथा यमुना या फिर कृष्णा नदी में स्नान करें एवं हो सके तो घर के आसपास पीपल का एक वृक्ष लगायें और उसे बड़ा होने तक उसकी सेवा करें. सच्ची श्रद्धा के साथ ऐसा करने से आप संतान-सुख हासिल करने का सपना अवश्य पूरी कर सकते हैं.

नोट- इस लेख में दी गई तमाम जानकारियों को केवल सूचनात्मक उद्देश्य से लिखा गया है. इसकी वास्तविकता, सटीकता और विशिष्ट परिणाम की हम कोई गारंटी नहीं देते हैं. इसमें दी गई जानकारियों को किसी बीमारी के इलाज या चिकित्सा सलाह के लिए प्रतिस्थापित नहीं किया जाना चाहिए. इस लेख में बताए गए टिप्स पूरी तरह से कारगर होंगे या नहीं इसका हम कोई दावा नहीं करते है, इसलिए किसी भी टिप्स या सुझाव को आजमाने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें.