23 दिसंबर को देश के पांचवें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह (Chaudhary Charan Singh)का जन्मदिन होता है. चौधरी चरण सिंह ने किसानों के हित में कई अहम काम किए है. इसलिए उनके जन्मदिन को हर साल किसान दिवस (Kisan Diwas) मनाया जाता है. हमेशा से भारत की अर्थव्ययवस्था में किसानों का अहम योगदान रहा है. इस दिन का उद्देश्य किसानों के महत्व और राष्ट्र के समग्र सामाजिक और आर्थिक विकास में उनके मूल्यवान योगदान के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देना है. केंद्र सरकार भी किसानों के हित में कई कदम उठा रही है. इस लेख में हम किसानों के लिए केंद्र सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों के बारे में जानेंगे.
किसानों की आय बढ़ी
किसानों की कुल मुद्रास्फीति-समायोजित आय में दो गुना इजाफा हुआ है, या कई राज्यों में यह लगभग दोगुनी हुई है. आज भारत विश्व में सर्वाधिक कृषि उपज के उत्पादन के मामले में पहले या दूसरे स्थान पर रहता है और 3.75 लाख करोड़ मूल्य की कृषि उपज का रिकॉर्ड निर्यात किया गया है. यह भी पढ़ें : Kisan Diwas 2022 Messages: किसान दिवस पर ये मैसेजेस WhatsApp Stickers और HD Images के जरिए भेजकर दें कृषि दिन की शुभकामनाएं
कृषि बजट में लगभग 6 गुना वृद्धि
किसानों के कल्याण के कृषि बजट को वर्ष 2013-14 के 22 हजार करोड़ रु से 5.5 गुना बढ़ाकर 2022-23 में 1.32 लाख करोड़ रु. किया गया. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत वर्ष 2021-22 में 16 हजार करोड़ रूपए आवंटित हुए और 2016 से 2022 तक 38 करोड़ किसानों को इस योजना में पंजीकृत किया गया है. इसके अलावा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से देश के 11.37 करोड़ किसानों को लाभ पहुंचा है. किसानों के हित में उठाए गए ये कदम स्पष्ट रूप से केंद्र सरकार की सकारात्मक सोच और मजबूत इच्छा शक्ति को दर्शाते हैं .
योजनाओं से हुआ किसानों को लाभ
पीएम मोदी ने देश के किसानो को कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों में बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय कृषि विकास योजना की शुरुआत की. इस योजना के अंतर्गत किसानो को केंद्र सरकार द्वारा अतिरिक्त सहायता प्रदान की जाती है. प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में भी करीब 136 फीसदी का इजाफा करते हुए इसे बढ़ाकर 15,511 करोड़ रूपए कर दिया है. कृषि ऋण प्रवाह को भी बढ़ाकर 2022-23 में 18.5 लाख करोड़ रूपए कर दिया है. इसके अलावा किसान क्रेडिट कार्ड योजना के अंतर्गत पिछली सरकार के समय में 6.46 करोड़ किसान थे, लेकिन आज 9.28 करोड़ किसानों को इसका लाभ मिल रहा है.
डिजिटलाइजेशन से फायदा
डिजिटलाइजेशन के माध्यम से सरकार द्वारा किसानों को दी जाने वाली सहायता राशि अब सीधे किसानों तक पहुंचने लगी है. इससे किसानों को कारोबार करने के नए मौके मुहैया हुए हैं और वे उनका फायदा उठा पा रहे हैं. केंद्र सरकार ने किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए बीज से बाजार तक एक नई अवधारणा बनाई है जिसमें डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन एक चमत्कार साबित हुआ है. इस मिशन ने किसान की परिस्थितयों और जीवनस्तर में बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है.
ई-नाम मंडी
इस योजना से किसान घर बैठे अपनी फसल का विक्रय कर सकते है. इस योजना के तहत देश की विभिन्न मंडियों को इससे जोड़ा जा रहा है. देशभर में 1.74 करोड़ से अधिक किसान इससे जुड़ चुके है और 2.36 लाख व्यापारों को ई-नाम के जरिए पंजीकृत किया गया है.
सॉयल हेल्थ कार्ड
सॉइल हेल्थ कार्ड स्कीम को भारत सरकार द्वारा वर्ष 2015 में देश के किसानो को लाभ पहुंचाने के लिए शुरू की गयी | इस योजना के अंतर्गत देश के किसानों की जमीन की मिट्टी की गुणवत्ता का अध्ययन करके एक अच्छी फ़सल प्राप्त करने में सहायता दी जाती है| सॉयल हेल्थ कार्ड के अंतर्गत 22.71 करोड़ कार्ड बनाए गए और देशभर में 11 हजार 531 टेस्टिंग प्रयोगशालाएँ मंजूर की गईं.
कनेक्टिंग किसान
सरकार ने किसान रेल की अवधारणा शुरू की, जिसके अंतर्गत देशभर में 167 रूट्स पर 2359 रेलों के फेरे लगे और 7.88 लाख टन से ज्यादा कृषि उत्पाद ढोया गया. किसान उड़ान के तहत 33 कार्गो टर्मिनल्स से 12 से ज्यादा कृषि उत्पादों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाया गया.
एग्री स्टार्ट अप
पहले कृषि क्षेत्र में केवल 100 स्टार्ट-अप काम कर रहे थे लेकिन पिछले 7-8 सालों में यह संख्या बढ़कर 4,000 से ज्यादा हो गई है. पहले केवल दो बड़े फूड पार्क थे लेकिन अब इनकी संख्या 23 हो गई है. वर्ष 2021-22 तक ही समयसीमा से काफी पहले भारत ने 10% इथेनॉल ब्लेंडिंग टारगेट को हासिल कर लिया है और इसके परिणामस्वरुप किसानों को 40,600 करोड़ रुपये से अधिक का समय पर भुगतान किया गया है केंद्र सरकार ने किसानों को आधुनिक डिजिटल तकनीक देकर उन्हें सशक्त और क्षमतावान बनाया है. डिजिटल तकनीक के माध्यम से किसान कई तरह की परेशानियों से बच गए हैं और लूट-भ्रष्टाचार और बिचौलियों से उन्हें मुक्ति मिली है. देश में एग्री स्टार्ट अप एक नया इतिहास रच रहे हैं. सरकार की नीतियों, योजनाओं और पहलों से किसानों को फायदा हो रहा है. इसी का परिणाम है कि विभिन्न संस्थानों द्वारा जारी की गई रिपोर्ट्स ये साफ पता चलता है कि किसानों की कुल मुद्रास्फीति-समायोजित आय में दो गुना इजाफा हुआ है.