International Students' Day 2019: अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस 17 नवंबर को क्यों मनाया जाता है, जानें इसका महत्व और इतिहास

17 नवंबर को अंतर्राष्ट्रीय स्टूडेंट्स डे मनाया जाता है, इसे मनाने के पीछे बहुत पुराना ऐतिहासिक कारण है. 1933 में जर्मनी में एडोल्फ हिटलर सत्ता में आया और एक साल में जर्मनी ने अपनी सीमाओं के बाहरी क्षेत्र में आक्रामक दावे करने शुरू कर दिए. 1938 में हिटलर ने आस्ट्रिया को अपनी होम कंट्री में जोड़ लिया.

इंटरनैशनल स्टूडेंट्स डे, (फोटो क्रेडिट्स: फाइल फोटो)

International Students' Day 2019: 17 नवंबर को अंतर्राष्ट्रीय स्टूडेंट्स डे (International Students' Day 2019) मनाया जाता है, इसे मनाने के पीछे बहुत पुराना ऐतिहासिक कारण है. 1933 में जर्मनी में एडोल्फ हिटलर सत्ता में आया और एक साल में जर्मनी ने अपनी सीमाओं के बाहरी क्षेत्र में आक्रामक दावे करने शुरू कर दिए. 1938 में हिटलर ने आस्ट्रिया को अपनी होम कंट्री में जोड़ लिया. उसके तुरंत बाद वो चेकोस्लोवाकिया को अपने क्षेत्रों के हिस्सों को देने के लिए मजबूर कर दिया. चेकोस्लोवाकिया को विभाजित कर उसके साथ 'सैटलाइट स्टेट' की तरह बर्ताव किया जाने लगा. 28 अक्टूबर 1939 को प्राग के चार्ल्स विश्वविद्यालय में छात्रों ने चेकोस्लोवाकिया गणराज्य की स्वतंत्रता की 21 वीं वर्षगांठ मनाने के लिए एक प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन को नाजी कब्जे वाली ताकतों ने क्रूरता से दबा दिया था, इस प्रदर्शन में 15 छात्र गंभीर रूप से घायल हो गए और उनमें से एक की दो हफ्ते बाद गोली लगने से मौत हो गई.

15 नवंबर 1939 को मृत छात्र के अंतिम संस्कार के लिए दुखी प्राग के छात्रों ने जुलूस के लिए अनुमति का अनुरोध किया, जो कि रक्षात्मक रूप से सरकार की ओर से प्रदान किया गया था. इस जुलूस ने हजारों छात्रों को आकर्षित किया, जो नाजी ताकतों के खिलाफ प्रदर्शन का बहुत बड़ा हिस्सा बन गया. जिसके बाद नाजी ताकतों ने छात्रों पर बड़ी क्रूरता और हिंसा की. हिंसक परिणामों की वजह से सभी चेक विश्वविद्यालयों को बंद कर दिया गया. विद्रोही शैक्षणिक कार्यकर्ताओं को कमजोर कर रहे थे. उन्होंने न केवल विश्वविद्यालयों को बंद कर दिया, बल्कि 1200 से अधिक छात्रों को भी गिरफ्तार कर लिया और उन्हें सैक्सनसेन कैम्प में भेज दिया. 17 नवंबर 1939 को, प्रदर्शनकारियों ने आठ से नौ छात्रों और एक प्रोफेसर को मार दिया. कैम्प ले जाए गए 1200 छात्रों में से कम से कम 20 ने अपने कारावास में ही दम तोड़ दिया.

इस घटना के दो साल बाद 1941 में यूनाइटेड किंगडम में आयोजित हुई अंतर्राष्ट्रीय छात्र परिषद में, जिसमें कई शरणार्थी छात्र भी शामिल थे, उन्होंने मिलकर इस दिन को मनाने का फैसला किया और  17 नवंबर को अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस लागू करने का निर्णय लिया गया. इस दिन दिए गए विद्यार्थियों के बलिदान की याद में  17 नवंबर को अंतर्राष्ट्रीय स्टूडेंट्स डे मनाया जाता है.

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