International Mother Language day 2020: बच्चे के विकास का सशक्त माध्यम है मातृभाषा! जानें क्या कहते हैं शोध और वैज्ञानिक!

पूर्व राष्ट्रपति एवं विश्वविख्यात वैज्ञानिक स्वर्गीय डॉ. अब्दुल कलाम ने मातृभाषा के संदर्भ में पूछे जाने पर कहा था, ‘मैं सफल वैज्ञानिक इसीलिए बन सका क्योंकि मैंने गणित और विज्ञान की शिक्षा अपनी मातृभाषा में दी थी.

लाइफस्टाइल Rajesh Srivastav|
International Mother Language day 2020: बच्चे के विकास का सशक्त माध्यम है मातृभाषा! जानें क्या कहते हैं शोध और वैज्ञानिक!
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Pixabay)

International Mother Language day 2020: पूर्व राष्ट्रपति एवं विश्वविख्यात वैज्ञानिक स्वर्गीय डॉ. अब्दुल कलाम ने मातृभाषा के संदर्भ में पूछे जाने पर कहा था, ‘मैं सफल वैज्ञानिक इसीलिए बन सका क्योंकि%3A+%E0%A4%AC%E0%A4%9A%E0%A5%8D%E0%A4%9A%E0%A5%87+%E0%A4%95%E0%A5%87+%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B8+%E0%A4%95%E0%A4%BE+%E0%A4%B8%E0%A4%B6%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%A4+%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%A7%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%AE+%E0%A4%B9%E0%A5%88+%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%A4%E0%A5%83%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%B7%E0%A4%BE%21+%E0%A4%9C%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A5%87%E0%A4%82+%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%BE+%E0%A4%95%E0%A4%B9%E0%A4%A4%E0%A5%87+%E0%A4%B9%E0%A5%88%E0%A4%82+%E0%A4%B6%E0%A5%8B%E0%A4%A7+%E0%A4%94%E0%A4%B0+%E0%A4%B5%E0%A5%88%E0%A4%9C%E0%A5%8D%E0%A4%9E%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A4%BF%E0%A4%95%21&via=LatestlyHindi ', 650, 420);" title="Share on Twitter">

लाइफस्टाइल Rajesh Srivastav|
International Mother Language day 2020: बच्चे के विकास का सशक्त माध्यम है मातृभाषा! जानें क्या कहते हैं शोध और वैज्ञानिक!
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Pixabay)

International Mother Language day 2020: पूर्व राष्ट्रपति एवं विश्वविख्यात वैज्ञानिक स्वर्गीय डॉ. अब्दुल कलाम ने मातृभाषा के संदर्भ में पूछे जाने पर कहा था, ‘मैं सफल वैज्ञानिक इसीलिए बन सका क्योंकि मैंने गणित और विज्ञान की शिक्षा अपनी मातृभाषा में दी थी. मातृभाषा के संदर्भ में कुछ ऐसी ही रिपोर्ट स्वामीनाथ अय्यर ने भी लिखा था कि बच्चों को सीखने के लिए सर्वाधिक सरल भाषा वही है जो वे घर में सुनते हैं और यही उनकी मातृभाषा है. भारत में हिंदी, गुजराती, मराठी, बंगाली, तमिल, तेलुगू कन्नड़ और मलयालम आदि सभी भाषाएं मातृभाषा ही हैं. यहां हिंदी की बात करें तो हिंदी का विकास बोली जानेवाली भाषाओं के कारण हुआ.

मसलन खड़ी बोली, ब्रज बोली, अवधी, भोजपुरी, मैथिली, मारवाड़ी, छत्तीसगढ़ी जैसी बोली जानेवाली हिंदी को मातृभाषा के रूप में स्वीकारते हैं. यही स्थिति हर भाषा की बोलियों पर लागू होती है. हम बात करेंगे कि एक बच्चे के विकास में मातृभाषा की क्या भूमिका होती है.

मातृभाषा के दम पर ग्रामीण बच्चे ज्यादा टैलेंटेड होते हैं:

मातृभाषा के संदर्भ में डॉक्टर कलाम की बातों को भारतीय वैज्ञानिक सी. वी. श्रीनाथ शास्त्री ने भी दोहराया था. उन्होंने कहा था कि अंग्रेजी मीडियम से इंजीनियर बने शहरी बच्चों की तुलना में भारतीय भाषाओं के माध्यम से शिक्षित ग्रामीण बच्चे वैज्ञानिक अनुसंधान कार्यों को ज्यादा सहजता और सफलता से कर लेते हैं. इसकी मुख्य वजह यही है कि मानसिक विकास का संबंध महज किताबी कीड़ा बनकर नहीं बल्कि पर्यावरण से होता है. मैंने अपने अनुभवों से पाया है कि शुरु से ही अंग्रेजी में अध्ययन करने वाले बच्चों की तुलना में बाद में अंग्रेजी सीखने वाले बच्चे विज्ञान विषयों अधिक उपलब्धि दिखाते हैं. जाने माने वैज्ञानिक, शिक्षाविद प्रोफेसर यशपाल, होमी जहांगीर भाभा, सत्येन्द्रनाथ बोस, मेघनाथ साहा, रामानुजन, प्रफुल्लचंद्र राय आदि का भी यही कहना है कि एक बच्चा मातृभाषा के माध्यम से ही अपने पर्यावरण से सही तरीके से जुड़ पाता है. इन सभी शख्सियतों की प्रारंभिक शिक्षा मातृभाषा में ही हुई थी.

यह भी पढ़ें- जन्मदिन विशेष: मिसाइलमैन डॉ. अब्दुल कलाम जो युवाओं के लिए बने प्रेरणा, जानें उनके जीवन से जुड़ी 10 रोचक बातें

गर्भस्थ ज्ञान और मातृभाषा:

भारत में अति प्राचीन वैदिक शिक्षा के दिनों से ही मान्यता रही है कि बच्चे की प्रारंभिक शिक्षा गर्भकाल में ही शुरू हो जाती है. महाभारत में अभिमन्यु द्वारा मां के गर्भ में चक्रव्यूह भेदने की कला सीखने की कहानी से दुनिया वाकिफ है. पुराने दौर की महिलाओं का मानना है कि गर्भवती स्त्री को भजन एवं सुमधुर संगीत आदि इसीलिए सुनाया जाता है ताकि गर्भ में पल रहे शिशु पर सकारात्मक असर पड़े. कुछ लोग इसे अंधविश्वास मानते हैं, मगर वैज्ञानिक अनुसंधानों के बाद इस सोच की पुष्टि होती है कि गर्भाशय में पल रहे बच्चे की माँ को सात्विक माहौल देने से शिशु पर उसका काफी असर पड़ता है. कुछ वर्षों पूर्व दो ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने भी गर्भवती महिलाओं को कुछ संगीत सुनाने के बाद उनके गर्भस्थ शिशु पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन किया. उन्होंने पाया कि नवजात शिशु उसकी माँ के गर्भ धारण के पांचवें माह में सुनाए गए संगीत को समझता है. इससे पता चलता है कि कि 5 माह के भ्रूण में सुनने व सीखने की क्षमता उत्पन्न हो जाती है.

भाषा बच्चे के पर्यावरण का प्रमुख भाग होती है:

मातृभाषा के संदर्भ में हुए विभिन्न अनुसंधानों से एक और बात सामने आई है कि मातृभाषा का सही ज्ञान होने के बाद बच्चा अन्य भाषा आसानी से सीख लेता है. पिछले कुछ सालों में हुए कुछ अनुसंधान दर्शाते हैं कि बच्चे का मस्तिष्क एक नए कम्प्यूटर की तरह होता है, जिसमें अपना हार्ड वेयर तो होता है मगर सॉफ्ट वेयर नहीं होता. मस्तिष्क को अपना सॉफ्ट वेयर स्वयं विकसित करना होता है. सॉफ्ट वेयर विकास में बच्चे का पर्यावरण महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। भाषा उसके पर्यावरण का प्रमुख भाग होती है.

img
शहर पेट्रोल डीज़ल
New Delhi 96.72 89.62
Kolkata 106.03 92.76
Mumbai 106.31 94.27
Chennai 102.74 94.33
View all
Currency Price Change
img