Idli Google Doodle: इडली के लिए गूगल ने समर्पित किया खास डूडल, इस दक्षिण भारतीय व्यंजन के सांस्कृतिक और पाककला संबंधी महत्व को किया उजागर

विश्व इडली दिवस यानी वर्ल्ड इडली डे आधिकारिक तौर पर 30 मार्च को मनाया जाता है, लेकिन 11 अक्टूबर 2025 को गूगल का डूडल इस प्रिय दक्षिण भारतीय व्यंजन का एक अलग उत्सव प्रतीत होता है. गूगल के आधिकारिक डूडल पेज के अनुसार, सर्च इंजन इडली को उसके सांस्कृतिक और पाककला संबंधी महत्व के सम्मान में ही चिह्नित कर रहा है.

इडली गूगल डूडल (Photo Credits: Google)

Idli Google Doodle: वैसे तो विश्व इडली दिवस यानी वर्ल्ड इडली डे (World Idli Day) आधिकारिक तौर पर 30 मार्च को मनाया जाता है, लेकिन 11 अक्टूबर 2025 को गूगल (Google) का डूडल (Doodle) इस प्रिय दक्षिण भारतीय व्यंजन (South Indian Disha) का एक अलग उत्सव प्रतीत होता है. गूगल के आधिकारिक डूडल पेज के अनुसार, सर्च इंजन इडली को उसके सांस्कृतिक और पाककला संबंधी महत्व के सम्मान में ही चिह्नित कर रहा है. इडली के लिए एक खास डूडल समर्पित करते हुए गूगल ने इस दक्षिण भारतीय व्यंजन के सांस्कृतिक और पाककला संबंधी महत्व को उजागर किया है.

दरअसल, इडली एक लोकप्रिय दक्षिण भारतीय व्यंजन है, जो चावल और उड़द दाल के बैटर को भाप में पकाकर बनाया जाता है. यह नरम, हल्का और पौष्टिक होता है, और आमतौर पर नारियल की चटनी, सांभर और विभिन्न मसालेदार चटनी के साथ परोसा जाता है. इसे नाश्ते या हल्के भोजन के रूप में खाया जाता है. यह भी पढ़ें: Google’s 27th Birthday Doodle: 27 साल का हुआ गूगल, कलरफुल डूडल के जरिए इस दिन को बनाया यादगार

इडली का इतिहास

इडली का इतिहास दक्षिण भारत से गहराई से जुड़ा है और इसे एक प्राचीन व्यंजन माना जाता है. इतिहासकारों और खाद्य विशेषज्ञों के अनुसार, इडली की उत्पत्ति लगभग 800-1200 ईस्वी के बीच दक्षिण भारत में हुई. कुछ स्रोतों का मानना है कि इडली का उल्लेख प्राचीन तमिल साहित्य और ग्रंथों में मिलता है.

कुछ विद्वानों का कहना है कि इडली का विचार इंडोनेशिया से भारत आया हो सकता है, क्योंकि वहां चावल आधारित भाप में पके व्यंजन प्रचलित थे. दक्षिण भारत में विशेष रूप से तमिलनाडु और कर्नाटक में, इसे स्थानीय सामग्री और स्वाद के साथ विकसित किया गया.

920 ईस्वी के एक तमिल ग्रंथ में ‘इड्डालिगे’ नामक व्यंजन का उल्लेख है, जिसे इडली का प्रारंभिक रूप माना जाता है. 12वीं शताब्दी के कन्नड़ ग्रंथ ‘मानसोल्लास’ में भी इडली जैसे व्यंजन का वर्णन है.

समय के साथ इडली को बनाने की तकनीक में सुधार हुआ और यह दक्षिण भारत का एक प्रमुख नाश्ता बन गया. 19वीं और 20वीं शताब्दी में, रेस्तरां और होटलों ने इसे पूरे भारत और विश्व में लोकप्रिय बनाया. आज इडली विश्व स्तर पर भारतीय व्यंजनों का एक प्रतीक है. यह भी पढ़ें: Independence Day 2025 Google Doodle: भारत का 79वां स्वतंत्रता दिवस, गूगल ने राष्ट्रीय उपलब्धियों को दर्शाती टाइल कलाकृति वाला डूडल किया समर्पित

इडली के सेहतमंद फायदे

इडली में चावल और उड़द दाल का मिश्रण होता है, जो कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और फाइबर का अच्छा स्रोत है. इसमें विटामिन बी, आयरन और अन्य सूक्ष्म पोषक तत्व भी मौजूद होते हैं. इडली को भाप में पकाया जाता है, जिससे यह तेल-मुक्त और हल्का होता है. यह पाचन तंत्र के लिए आसान होता है और बच्चों, बुजुर्गों या पेट की समस्याओं वाले लोगों के लिए आदर्श है.

इडली में वसा और कैलोरी की मात्रा कम होती है, जिससे यह वजन नियंत्रण करने वालों के लिए एक अच्छा विकल्प है. इडली का बैटर किण्वन प्रक्रिया से बनता है, जो प्रोबायोटिक्स को बढ़ाता है. यह आंत के स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है और पाचन में सुधार करता है. इडली स्वाभाविक रूप से ग्लूटेन-मुक्त होती है, जो ग्लूटेन असहिष्णुता वाले लोगों के लिए उपयुक्त है. इडली को विभिन्न चटनी और सांभर के साथ परोसा जा सकता है, जो इसे स्वादिष्ट और विविध बनाता है.

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