नई दिल्ली, 19 अप्रैल: आयरन, जिंक और फाइबर से भरपूर भारतीय आहार, चाय के नियमित सेवन और भोजन में हल्दी के इस्तेमाल से देश में कोविड के कारण गंभीरता और मृत्यु में कमी आई है. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) द्वारा इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च में यह जानकारी दी गई है.
कोविड-19 महामारी के दौरान, कम आबादी वाले पश्चिमी देशों की तुलना में घनी आबादी वाले भारत में मृत्यु दर कथित तौर पर 5-8 गुना कम थी. भारत, ब्राजील, जॉर्डन, स्विटजरलैंड और सऊदी अरब सहित वैज्ञानिकों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम द्वारा किए गए इस अध्ययन का उद्देश्य यह जांचना था कि क्या आहार संबंधी आदतें कोविड-19 की गंभीरता और पश्चिमी और भारतीय आबादी के बीच मौतों में भिन्नता से जुड़ी थीं. Health Tips: प्रचंड गर्मी से राहत ही नहीं कोलेस्ट्रॉल भी कंट्रोल करती हैं ये हरी सब्जियां एवं रसीले फल!
Indian diet, tea and turmeric lowered #Covid severity, deaths: ICMR study
Read: https://t.co/mbK0LrWUJo pic.twitter.com/0vD4owMpMa
— IANS (@ians_india) April 19, 2023
भारतीय आहार के घटक ने कार्बन डाइऑक्साइड (सीओ2) और लिपोपॉलीसेकेराइड (एलपीएस)-मध्यस्थता वाले कोविड-19 गंभीरता को रोकने में भूमिका निभाई. इसके अलावा, भारतीयों द्वारा चाय के नियमित सेवन से उच्च एचडीएल (उच्च घनत्व वाले लिपोप्रोटीन) को बनाए रखने में मदद मिली, जिसे "अच्छा" कोलेस्ट्रॉल भी कहा जाता है. चाय में कैटेचिन रक्त में ट्राइग्लिसराइड को कम करने में एक प्राकृतिक एटोरवास्टेटिन (हृदय रोगों को रोकने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली स्टैटिन दवा) के रूप में भी काम करता है.
भारतीयों द्वारा दैनिक भोजन में हल्दी के नियमित सेवन से एक मजबूत प्रतिरक्षा बनी रही. शोधकर्ताओं ने कहा कि हल्दी में मौजूद करक्यूमिन ने SARS-CoV-2 संक्रमण और कोविड-19 की गंभीरता से जुड़े रास्ते और तंत्र को रोका और मृत्यु दर को कम किया. दूसरी ओर, रेड मीट, डेयरी उत्पादों और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों की बढ़ती खपत के परिणामस्वरूप पश्चिमी आबादी में कोविड के कारण गंभीरता और मृत्यु में वृद्धि हुई.