आज के दौर में महिलाएं हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा रही हैं. भारत में भी महिलाएं करियर को लेकर बहुत सजग हो गई हैं. आज की लड़कियां शादी और बच्चों से पहले करियर को प्राथमिकता देती हैं. जब तक करियर में स्थिरता नहीं आती, तब तक वह शादी और बच्चे नहीं करना चाहती हैं. कई मामलों में शादी अगर हो भी जाए तो महिलाएं मां बनने के लिए वेट करती हैं. करियर, लाइफस्टाइल और स्ट्रेस के कारण महिलाओं की फर्टिलिटी भी प्रभावित हो रही है. भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर की स्थिति यही है. इसी कारण है कि आजकल दुनियाभर में कुवांरी महिलाएं एग फ्रीजिंग करवा रही. भारत में भी यह ट्रेंड बढ़ रहा है. भारत में भी शादी से पहले कई लड़कियां एग फ्रीज करवा रही हैं. Heart Attack in Young People: युवाओं में क्यों बढ़ रहे हैं हार्ट अटैक के मामले? ये चीजें हैं जिम्मेदार.
एग फ्रीजिंग को मेडिकल भाषा में उसाइट क्रायोप्रिजर्वेशन (ocyte cryopreservation) कहते हैं. यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें महिलाओं में गर्भधारण की वास्तविक उम्र में उनसे अंडे निकाल लिए जाते हैं और इन्हें सुरक्षित रख लिया जाता है. आंकड़ों के मुताबिक भारत में जो महिलाएं अपने अंडों को फ्रीज करने का विकल्प चुन रही हैं, वे शहरी भारत की इंडिपेंडेंट महिलाएं हैं, जिनकी उम्र मिड 30 से लेट 30 के बीच है.
क्या होती है एग फ्रीजिंग
एग फ्रीजिंग का सीधा मतलब ही अंडों को फ्रीज करके भविष्य के लिए स्टोर करना. अंडों को विट्रीफिकेशन नामक प्रक्रिया का उपयोग करके फ्रीज किया जाता है, जो उनकी गुणवत्ता को बनाए रखने में मदद करता है. जमे हुए अंडों को लिक्विड नाइट्रोजन टैंक में तब तक स्टोर करके रखा जाता है जब तक उनकी आवश्यकता न हो. इस प्रकिया से महिलाएं गर्भधारण की सही उम्र बित जाने के बाद भी प्रेग्नेंट हो सकती हैं.
एग फ्रीजिंग एक मेडिकल प्रक्रिया है. इस प्रक्रिया में डॉक्टर महिला की पूरी जांच पड़ताल करते हैं. एक महिला में प्रत्येक महीने एक अंडे का निर्माण होता है. लेकिन प्रत्येक महीने का अंडा फ्रीजिंग के लिए सही नहीं होता, इसलिए जांच के बाद यह पता चलता है कि किस महीने के अंडे को सुरक्षित रखा जाए. जब अंडे पूरी तरह से स्वस्थ्य और गर्भधारण के योग्य होते हैं तब डॉक्टर बहुत ही बारीकी से अंडे को निकालते है. यह प्रक्रिया बहुत ही सूक्ष्म होती है जिसके कारण छोटी सी सर्जरी भी की जा सकती है. इसके तहत बहुत ही पतली नीडिल से अंडे को निकाला जाता है और इसे सबजीरो टेंपरेचर पर फ्रीज कर दिया जाता है.
एग फ्रीजिंग से कैसे प्रेग्नेंट होती हैं महिलाएं
एग फ्रीजिंग से महिलाएं अंडो को 10-15 साल के लिए भी फ्रीज करवा सकती है. ये एग तब तक उसी अवस्था में रहते हैं, जैसे अंडाशय में थे. भविष्य में जब महिला मां बनना चाहेगी तब IVF तकनीक से अंडे को निषेचित किया जाएगा और इस निषेचित अंडाणु को महिला के शरीर में प्रवेश कराया जाता है.