Close
Search

सावधान दिल्ली ! बच्चों से लेकर बूढ़ों तक सभी पी रहे रोजाना 7 सिगरेट

देश की राजधानी में धूम्रपान न करने वाले बच्चों, बूढ़ों और महिलाओं के लिए बुरी खबर है। यहां धूम्रपान नहीं करने वाले लोग भी रोजाना छह से सात सिगरेट पी रहे हैं

सेहत IANS|

सावधान दिल्ली ! बच्चों से लेकर बूढ़ों तक सभी पी रहे रोजाना 7 सिगरेट

देश की राजधानी में धूम्रपान न करने वाले बच्चों, बूढ़ों और महिलाओं के लिए बुरी खबर है। यहां धूम्रपान नहीं करने वाले लोग भी रोजाना छह से सात सिगरेट पी रहे हैं

सेहत IANS|
सावधान दिल्ली ! बच्चों से लेकर बूढ़ों तक सभी पी रहे रोजाना 7 सिगरेट
(File Photo)

नई दिल्ली: देश की राजधानी में धूम्रपान न करने वाले बच्चों, बूढ़ों और महिलाओं के लिए बुरी खबर है। दिल्ली के चिकित्सकों, वैज्ञानिकों और पर्यावरणविदों का कहना है कि राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण का स्तर इस हद तक खतरनाक स्थिति पर पहुंच चुका है कि यहां धूम्रपान नहीं करने वाले लोग भी रोजाना छह से सात सिगरेट पी रहे हैं, यानी धुआं निगल रहे हैं। पर्यावरणविद् और निरवाना बीइंग के संस्थापक जयधर गुप्ता ने आईएएनएस को यहां बताया, "पीएम2.5 नैनो पार्टिकल होते हैं जो 2.5 माइक्रोन से छोटे होते हैं। यह किसी चीज के जलने, औद्योगिक प्रदूषण, वाहनों से निकलने वाले धुएं से पैदा होते हैं। पंखे पर जो काला कार्बन चिपक जाता है वह पीएम2.5 होता है। यह हमारी हवा में भरा हुआ है।"

उन्होंने कहा, "डब्लूएचओ के मानकों के मुताबिक, इसका सुरक्षित स्तर 15 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर है। जबकि 2016 में पूरे साल का औसत था 143 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर, जो कि 90 फीसदी से भी ज्यादा था। वैज्ञानिकों ने कहा कि पर्यावरण में जब पीएम2.5 का स्तर 22 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर हो तो वह एक सिगरेट के बराबर होता है। उस हिसाब से 143 से जब इस संख्या को भाग करते हैं तो दिन की करीब 6 से सात सिगरेट बनती हैं। इतनी सिगरेट केवल हम सांस लेकर फूंक रहे हैं।"

जयधर गुप्ता ने कहा, "सर्दियों में जब पाली जलाने की शुरुआत होती है और उसका धुआं जब यहां पहुंचता है तो राष्ट्रीय राजधानी में पीएम2.5 का स्तर 1000 से लेकर 1200 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर तक पहुंच जाता है, तब यह संख्या बढ़कर 40 से 50 सिगरेट के बराबर पहुंच जाती है।"

इस खतरनाक वायु प्रदूषण से सुरक्षा के सवाल पर पर्यावरणविद् ने कहा, "इससे बचने का एकमात्र उपाय है एन-95 मास्क, इसके अलावा लोगों के पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है। इसके अलावा सरकार पर दबाव बनाया जा रहा। जिस चीज से धुआं पैदा होता है हमें उसे खत्म करना होगा तभी इसी स्थिति से निपटा जा सकता है।"

उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले लंग केयर फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. अरविंद कुमार ने कहा था कि 10 साल पहले तक मैं देखता था कि जो 90 प्रतिशत फेफेड़ों के कैंसर के मामले आते थे वो धूम्रपान करने वाले लोगों के होते थे। लेकिन अब इसकी संख्या 50 फीसदी हो गई है। क्योंकि 50 फीसदी मामले अब धूम्रपान नहीं करने वालों के आ रहे हैं जिन्हें फेफड़ों का कैंसर हो रहा है।

डॉ. कुमार ने आईएएनएस के साथ बातचीत में कहा, "हाल ही में अमेरिका के बर्कले अर्थ संगठन ने एक स्टडी की है, जिसमें फेफड़ों और शरीर के अन्य हिस्सों को नुकसान पहुंचाने वाले पीएम2.5 की क्षमता को सिगरेट के धुएं के साथ सह-संबंधित किया गया था, उनका निष्कर्ष था कि 22 माइक्रोग्राम क्यूबिट मीटर पीएम2.5 एक सिगरेट के बराबर है। अगर आप 24 घंटे तक 22 माइक्रोग्राम के संपर्क में आते हैं तो आपके शरीर को एक सिगरेट से होने वाला नुकसान हो रहा है।"

उन्होंने कहा, "अगर हम दिल्ली के एक साल का औसत देखें तो यह 140 से 150 माइक्रोग्राम क्यूबिक मीटर रहा, जिसे भाग करने पर यह छह से सात सिगरेट बनता है। इसलिए हम सब दिल्ली वासियों ने रोजाना कम से कम छह से सात सिगरेट तो पी ही हैं, जबकि सर्दियों में इसकी संख्या 10 से 40 सिगरेट तक पहुंच जाती है। पिछले साल पीएम2.5 का स्तर काफी उपर चला गया था तो धूम्रपान नहीं करने वाले लोगों ने भी 40 से 50 सिगरेट पी।"

सरकार द्वारा इस मामले में किसी प्रकार की सहायता मिलने के सवाल पर उन्होंने कहा, "सरकार क्या करेगी इसके बारे में मुझे कुछ नहीं पता, लेकिन वह जो भी करेगी गलत ही करेगी। दो-तीन साल पहले दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने मुझे अपने कार्यालय बुलाया और कहा कि मुझे पांच लाख मास्क उपलब्ध करा दीजिए, जब मैंने पूछा कि वह इतने मास्क का क्या करेंगे तो उन्होंने कहा कि हम इसे लोगों के बीच बांटेंगे।"

उन्होंने कहा, "इसपर मैंने कहा कि कितने रुपये वाले मास्क चाहिए तो उन्होंने कहा 10 से 15 रुपये वाले। फिर मैंने उनसे कहा कि ठीक है, लेकिन आप जो कर रहे हो वह सिर्फ वोट बैंक की राजनीति है, क्योंकि 10 से 15 रुपये वाला मास्क किसी की सेहत नहीं बचाएगा, उसके बाद उसे कूड़े में फेंका जाएगा, और उसे किसी ढलाव घर में डालकर आग लगा दी जाएगी, जिससे और प्रदूषण होगा इसलिए मैंने उनसे मना कर दिया।"

शहर पेट्रोल डीज़ल
New Delhi 96.72 89.62
Kolkata 106.03 92.76
Mumbai 106.31 94.27
Chennai 102.74 94.33
View all
Currency Price Change