COVID-19- हर स्टेज के साथ कैसे खतरनाक होता जाता है कोरोनावायरस! क्या कहता है भारत का भविष्य?
कोरोना वायरस का कहर (Photo Credits: IANS)

ताजे आंकड़ों के अनुसार संपूर्ण विश्व में कोविड-19 के लगभग 186 देशों में कुल 2,79,320 व्यक्ति संक्रमित पाये गये हैं, जिसमें 11,587 मरीज मौत के शिकार हो चुके हैं, और लगभग 92,906 मरीज इलाज करवाकर घर जा चुके हैं. सूत्रों के अनुसार अभी भी कोविड-19 से संक्रमित 8044 मरीज जीवन-मृत्यु से संघर्ष कर रहे हैं. कोविड-19 का ताजा शिकार 186वां देश तिमोर लेस्टे है, जहां एक व्यक्ति कोरोनावायरस से ग्रस्त पाया गया है. ये आंकड़े इस बात का गवाह हैं, इससे पूर्व दुनिया में इससे बड़ी महामारी वाली बीमारी ना देखी गयी और ना सुनी गयी.

कोविड-19 के शिकार चोटी के पांच देश चीन (81008 केस/ मृत्यु 3255), इटली (47021 केस/ मृत्यु 4032), स्पेन (21,571 केस/ मृत्यु 1093), ईरान (20,610/ मृत्यु 1556) और जर्मनी (20,099/ मृत्यु 70) इस खौफनाक बीमारी की सारी दास्तां कह जाते हैं. अब प्रश्न उठता है आखिर कोविड-19 विभिन्न स्टेजों पर कैसे अपना खौफ बढ़ाता जाता है.

खौफ से बचने के लिए क्या-क्या कर रहे हैं देश

भारत समेत दुनिया के कई देश कोरोनावायरस के तीसरे स्टेज में प्रवेश कर रहे हैं. वैज्ञानिकों ने इस स्टेज को हर दृष्टिकोण से खौफनाक माना है. कोविड-19 से मौत की बढ़ती रफ्तार को ब्रेक लगाने के लिए हर देश प्रयासरत है. अमेरिका ने अधिकांश राज्यों में कर्फ्यू लगा दिया है जबकि इटली और फ्रांस लॉकडाउन हैं. स्पेन और रूस ने अपनी असीमाएं सील कर दी हैं, वहीं भारत ने पूरे देश में धारा 144 के साथ संक्रमण प्रभावित शहरों में लॉक डाऊन करने के साथ ही 22 मार्च को जनता कर्फ्यू का आह्वान किया है. अगली सूचना आने तक बाहर से आनेवाली सभी फ्लाइट्स को कैंसिल कर दिया है. ऐसे में यह समझना हर देश के नागरिकों को जरूरी है कि कोरोनावायरस फैलने के कितने स्टेज होते हैं और उनसे जनजीवन किस तरह से प्रभावित होता है?

कोरोनावायरस के कितने स्टेज हैं

वैज्ञानिकों के अनुसार कोरोनावायरस चार विभिन्न चरणों में आगे बढ़ता है और हर अगला चरण पिछले चरण से ज्यादा घातक होता जाता है. ऐसे में बेहतर यही होता है कि जितना जल्दी इस संक्रामक महामारी पर रोकथाम कर ली जाए, इसकी विभत्सता से पार पाया जा सकता है. आइये जानें इन चार चरणों के बारे में.

पहला स्टेज- कोविड-19 की शुरुआत चीन से हुई और देखते ही देखते लगभग 200 सौ देशों को इस महामारी ने अपनी चपेट में ले लिया. भारत में भी कोरोनोवायरस विदेश से आने वाले यात्रियों से ही संक्रमित हुई. इसे कोरोनोवायरस स्टेज प्रथम का नाम दिया गया.

दूसरा स्टेज-

भारत दूसरे स्टेज के अंतिम चरण अथवा तीसरे स्टेज के प्रवेश द्वार पर बताया जा रहा है. यहां अभी तक उन्हीं लोगों में कोरोना वायरस हुआ है, जो किसी कोरोना संक्रमित देश से घूमकर आए हैं. यानी अभी यह बीमारी स्थानीय स्तर पर एक इंसान से दूसरे इंसान में नहीं फैला है. इसके संक्रमित होने की गति अन्य देशों की तुलना में काफी कम है. यहां तक कि भारत पाकिस्तान से भी काफी बेहतर स्थिति में है.

तीसरा स्टेज-

वैज्ञानिकों का मानना है कि थर्ड स्टेज में यह बीमारी स्थानीय संक्रमित लोगों से ही फैलना शुरू हो जायेगा. यह स्थिति किसी भी जनसंख्या बहुल देश के लिए इतनी घातक है कि इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती. तथापि भारत के स्वास्थ्य विशेषज्ञ एवं सरकार इस दिशा में काफी मुस्तैदी से कार्य कर रही है. अमेरिका और भारत सहित सभी देश इस दिशा में हर संभव कोशिश कर रहा है कि थर्ड स्टेज की नौबत ना आये. क्योंकि इसमें यह वायरस स्थानीय स्तर पर ही खुद को तेजी से विकसित कर लेता है. इसके बाद स्थानीय स्तर पर फैलना शुरू कर देता है. तीसरे स्टेज का आशय यह कि वायरस देश के वातावरण के हिसाब से खुद को ढाल लेता है. इस स्टेज पर आने से पूर्व देश भर में सरकार बड़े पैमाने पर मॉल, दुकानें, बाजार, स्कूल आदि बंद करवा देती है. इसे लॉकडॉउन या शटडाउन कहते हैं. इस स्टेज में यह बीमारी भारत के अंदर मौजूद संक्रमित लोगों से यहीं के दूसरे लोगों में फैलने लगेगी. यह बेहद खतरनाक स्थिति हो सकती है.

चौथा स्टेज होता है सबसे खतरनाक

कोरोनावायरस के चौथे स्टेज की स्थिति पर प्रकाश डालते हुए दिल्ली के विश्वविख्यात चिकित्सक डॉ रणदीप गुलेरिया कहते हैं कि यह स्टेज पांडेमिक स्टेज होता है, जहां पर हम इसे रोक नहीं पाते, बस जितना कंट्रोल कर पाते हैं, वही करते हैं. इस स्टेज का मतलब है महामारी. यानी जब देश के अंदर ही बड़े भौगोलिक स्तर पर बीमारी अपने पैर जमा ले तो मान लीजिए यह चौथा स्टेज है. चीन के बाद इटली इस खतरनाक मंजर से गुजर चुका है. इसके पीछे ईरान और स्पेन भी कमोबेस इसी स्टेज से गुजर रहे हैं.

मानें डॉक्टर की सलाह

डॉ. रणदीप गुलेरिया के अनुसार आगे आने वाले 2 सप्ताह तक लोगों को काफी हद तक सावधानियां बरतनी होंगी. जिन्हें सर्दी- जुखाम- बुखार- खांसी है वह घर पर रहें. लोगों से 1 मीटर का फासला बना कर रखें. अपने हाथ निरंतर धोते रहें. लोगों को खुद सोचना होगा कि वे घर से बाहर न निकलें, बहुत आवश्यक हो तभी अस्पताल जाएं.