Coronavirus Outbreak: क्या बढ़ती गर्मी के साथ COVID-19 खत्म होगा? जानिए इसके दोनों पहलू क्या कहते हैं
पिछले दिनों नोवेल कोरोना वायरस पर हुए अध्ययन और शोध से पता चलता है कि तापमान में वृद्धि और आर्द्रता (humidity) कोरोना वायरस के मामले को कम कर सकता है. लेकिन इसका आशय यह भी नहीं है कि यह कोविड-19 को पूरी तरह से खत्म कर देगा.
Coronavirus Outbreak: कोरोनावायरस का प्रकोप दुनिया भर में फैल चुका है. COVID-19 से लोग इतने भयाक्रांत हो चुके हैं कि निमोनिया जैसी दिखनेवाली इस बीमारी के संक्रमण से बचने के लिए लोगों ने लोगों से ही नहीं बल्कि स्वयं से दूरी बनाना शुरू कर दिया है. इस अनजाने भय का एक कारण COVID-19 के वायरस सें संबंधित पर्याप्त साहित्य का अभाव है. कोरोनावायरस से संबंधित टीका, इस पर नियंत्रण एवं उपचार के शोध कार्य पूरा नहीं होने के कारण चिकित्सक एवं एक्सपर्ट्स फिलहाल आम लोगों को निरंतर हाथ धोते रहने एवं भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचने की सलाह दे रहे हैं.
हांलाकि वर्तमान में COVID-19 के विभिन्न पहलुओं पर शोध कार्य जारी है, वैज्ञानिक भी इस संक्रामक बीमारी से निपटने के सर्वोत्तम तरीकों का पता लगाने की कोशिश में लगे हुए हैं. लेकिन कतिपय भ्रामक खबरें फैलाने वाले कोरोनावायरस के बारे में तमाम गलत जानकारी फैलाकर स्थिति बिगाड़ने की कोशिश भी कर रहे हैं. यद्यपि वर्तमान में अधिकांश लोगों के मन में यह धारणा बनी हुई है कि गर्म वातावरण कोरोनावायरस को खत्म कर दुनिया को इस महामारी से बचाने में अहम भूमिका निभा सकती है. यह भी पढ़ें: Coronavirus: संक्रमित होने के कितने दिन बाद दिखते हैं लक्षण , कितने दिन तक शरीर में रहता है वायरस - यहां जानें
हालिया रिपोर्ट के अनुसार संपूर्ण विश्व में अब तक कोरोनावायरस के 2,13,541 मरीज कोरोनावायरस से ग्रस्त पाये गये हैं. इनमें 7987 मरीजों की मृत्यु हो चुकी है, जबकि लगभग 82,763 मरीज स्वस्थ होकर अपने घरों में लौट चुके हैं. लेकिन अगर इस खबर में सच्चाई है कि बढ़ते तापक्रम के साथ COVID-19 का प्रकोप क्रमशः शांत हो सकता है तो आनेवाले दिनों में कुछ अच्छी खबरें आ सकती हैं. हालांकि इस संदर्भ में पिछले दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की इस बात की लोगों ने खूब आलोचना की थी, जब उन्होंने ट्विट करके कहा था कि COVID-19 अप्रैल खत्म हो जायेगा, क्योंकि तब तक अमेरिका का तापमान बढ़ चुका रहेगा.
पिछले दिनों COVID-19 वायरस पर हुए अध्ययन और शोध से पता चलता है कि तापमान में वृद्धि और आर्द्रता (humidity) कोरोना वायरस के मामले को कम कर सकता है. लेकिन इसका आशय यह भी नहीं है कि यह COVID-19 को पूरी तरह से खत्म कर देगा. एक अन्य अध्ययन के अनुसार SARS-CoV-2 कोरोनोवायरस के कैप्शन स्प्रेड को जलवायु सर्वर द्वारा Miguel B द्वारा प्रेशर डाला जा सकता है. मेडरक्सिव पर प्रकाशित Araújo1 और Babak Naimi के अनुसार गर्म मौसम कोरोना वायरस को फैलने से रोक सकता है. वहीं एक और अध्ययन के अनुसार अगर मौसम बहुत ठंडा अथवा गरम है और साथ ही नम भी तो भी इसके वायरस लगभग अनुपस्थित रहते हैं.
बीजिंग स्थित शोधकर्ताओं द्वारा COVID-19 के प्रसारण के संदर्भ में उच्च तापमान (high temperature) एवं उच्च आद्रता (High humidity ) को कम करने वाली एक और रिपोर्ट सामने आयी है, जिसमें पाया गया है कि उच्च तापमान और उच्च सापेक्ष आद्रता (High relative humidity) COVID-19 के प्रसार की क्षमता को कम करता है. शहरों की जनसंख्या घनत्व और GDP प्रति व्यक्ति को नियंत्रित करने के बावजूद किसी को क्या ध्यान रखना चाहिए कि किसी भी अध्ययन को अन्य विशेषज्ञों द्वारा क्रास शोध अथवा समीक्षा नहीं की गयी है, इसलिए इसे संभावनाओं के रूप में लिया जाना चाहिए. जो लोग नहीं जानते हैं, उन्हें यह समझ लेना चाहिए कि COVID-19 तभी फैलता है जब कोई व्यक्ति खांसता अथवा छींकता है जिससे संक्रमित बूंदे हवा फैलती है और सामने वाले को प्रभावित करती है.
हावर्ड महामारी विशेषज्ञ डॉ मार्क लिपस्टिच (Dr Marc Lipsitch) के अनुसार गर्म मौसम में वायरस की संक्रामकता में मामूली गिरावट की उम्मीद की जा सकती है, लेकिन जिस रफ्तार से कोरोना वायरस फैल रहा है, उसमें बड़ी सफलता हासिल करने के लिए यह गिरावट पर्याप्त नहीं होगी. इसके अलावा जबकि शोधों से पता चलता है कि गर्म एवं आर्द जलवायु कोरोना वायरस के प्रसार की रफ्तार को कुछ हद तक कम कर सकता है, लेकिन इसे पर्याप्त नहीं कहा जा सकता. कई दक्षिण-एशियाई उष्णकटिबंध देश जहां गर्म जलवायु है, वहां कोरोनावायरस के रोगियों की संख्या काफी बढ़ी हुई है. यह भी पढ़ें: कोरोना वायरस का प्रकोपः ये दो ग्रह दिला सकते हैं COVID-19 महामारी से मुक्ति, जानें क्या कहती है भारत की कुंडली?
इंडोनेशिया, थाईलैंड, मलेशिया, फिलीपींस जैसे देशों के साथ ही भारत के भी कुछ हिस्सों में तापमान 30 डिग्री सेल्सियस से अधिक रहता है, इसके बावजूद यहां संक्रमण की घटनाओं की संख्या प्रतिदिन बढ़ रही है. इससे उन लोगों की यह धारणा कि गर्म प्रदेशों में बढ़ती गर्मी के साथ कोरोनावायरस के प्रसार में क्रमशः कमी आयेगी, आधारहीन साबित होती है.
अब तक ये साबित नही हो सका है कि किसी तापक्रम विशेष पर यह वायरस नष्ट हो सकता है. इसलिए उपुयक्त बातों के प्रमाण के लिए ज्यादा शोध की जरूरत है. WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) का भी यही कहना है कि अब तक ऐसा कोई प्रमाण नहीं मिला है कि कोरोनावायर तापक्रम से खत्म हो सकते हैं, लेकिन इस सोच को फिलहाल प्रयोग में लेने में कुछ गलत नहीं है.