महानगरों से होते हुये कोरोना वायरस देश के कई ऐसे हिस्सों तक पहुंच गया है जहां एक भी केस पिछले 5 महीने में नहीं आया था। ऐसे में कोरोना से जुडे़ कई नये सवाल लोगों को जहन में आ रहे हैं, जिसका जवाब प्रसार भारती के विशेष कार्यक्रम में सफदरजंग अस्पताल, नई दिल्ली की डॉ. रूपाली मलिक ने दिया.
इम्युनिटी बढ़ाने के लिए सेल्फ मेडिकेशन कितना सही है?
कोई भी दवाई केवल इम्युनिटी नहीं बढ़ा सकती है, इसके लिये सबसे अच्छा है खाने का ध्यान रखें, ताजा, हेल्दी खाना खायें. योग, एक्सरसाइज करें. आयुर्वेद में इम्युनिटी बढ़ाने के लिये कई चीजे बताई गई हैं. संतरा, नींबू, आवला ताजे फल खायें. हल्दी दूध का सेवन करें. अमेरिका में लोग इसका काफी प्रयोग कर रहे हैं.
डिस्पोजेबल मास्क को कैसे उतारना चाहिए?
मास्क पहनने से ज्यादा उसे उतारना अहम है, क्योंकि उतारते वक्त ही संक्रमण का खतरा रहता है. अगर दो डोरियां लगी हैं, तो पहले नीचे की डोरी खोलें, ऊपर की डोरी पहले खोल दी तो मास्क पलट कर चेहरे या गर्दन पर लग जाएगा. अगर इलास्टिक है तो ध्यान से खींच कर उतारें. ध्यान रहे मास्क का रिबन या इलास्टिक पकड़ कर ही उतारना है.
क्या पैरालिसिस भी कोरोना के लक्षण है?
कोरोना के सामान्य लक्षण बुखार, खांसी, जुकाम, गले में खराश, स्मैल (smell) या टेस्ट नहीं आना हैं. कई लोगों में वायरस के बढ़ने पर सीने में दर्द होता है, यानी कहीं न कहीं फेफड़े पर वायरस का असर होता है. इसके अलावा कई कोरोना पॉजिटिव लोगों में लूज़ मोशन की शिकायत मिली है. कुछ मामले आये हैं, जिनमें पैरालिसिस हुआ. चूंकि ऐसे मामले बहुत कम आये हैं, इसलिए यह कहना मुश्किल है कि ये कोरोना के लक्षणों में से एक है.
आइसोलेशन पीरियड पूरा होने के बाद भी लोग दूरी बना रहे हैं, ऐसे में क्या करें?
इस तरह की सोच से बाहर आने की जरूरत है, यह सोशल स्टिग्मा है. कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति को अगर 14 दिन के आइसोलेशन के बाद कोई परेशानी नहीं आती है तो वो ठीक है. अगर अस्पताल एडमिट हुए हैं तो उसके बाद एक हफ्ते के लिए क्वारनटाइन किया जाता है. वह भी पूरा कर लिया है तो व्यक्ति के अंदर वायरस खत्म हो चुका है. अब इनसे किसी को संक्रमण का खतरा नहीं है, अपने मन से डर निकाल दें. अगर देखें तो देश के कई नेता, अभिनेता संक्रमित हुए और ठीक होने के बाद अपना काम कर रहे हैं.