Coronavirus: देश में देश स्वास्थ्य कर्मियों (Health Workers) और अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं को कोविड टीका (COVID-19 Vaccine) लगाने के मामले में नया कीर्तिमान स्थापित कर रहा है. अब तक एक करोड़ 17 लाख 45 हजार से अधिक लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है. हालांकि वैक्सीन के साथ-साथ कोरोना वायरस (Coronavirus) से बचने के लिए नियमों का पालन करना अनिवार्य है. खासकर तक तब जब छोटे-छोटे बच्चों का भी स्कूल खुल गया है, हालांकि कई लोग अभी भी बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है. ऐसे में स्वास्थ्य विशेषज्ञों (Health Experts) ने आम लोगों के कुछ सवालों के जवाब दिए.
लोगों के सवाल और अहमदाबाद आईएमए की अध्यक्ष डॉ. मोना देसाई के जवाब
इस समय बच्चों को लेकर किस प्रकार की सावधानी रखनी है?
बड़ों के मुकाबले छोटे बच्चों को कोरोना का इंफेक्शन जल्दी होता है और उनमें वायरल लोड बड़ों के मुकाबले ज्यादा होता है, लेकिन उनमें लक्षण नहीं दिखाई देते हैं. वो संक्रमित होकर ठीक भी हो जाते हैं, उन्हें न बुखार आता है, न सर्दी-जुकाम न डायरिया. लक्षण नहीं होने के चलते वो सबके करीब आते-जाते रहते हैं और देखते ही देखते संक्रमित बच्चे सुपर स्प्रेडर बन जाते हैं, इसलिए अगर घर में कोई कोरोना पॉजिटिव है तो घर के बच्चों का भी टेस्ट जरूर करवायें. बच्चे का भी उपचार कराने की जरूरत है.
बच्चों को कोरोना से बचाने के लिए क्या करें?
बच्चे जब संक्रमित होते हैं तो कई बार उनमें लक्षण नहीं दिखते हैं, इस वजह से वे सुपरस्प्रेडर बन जाते हैं, लिहाजा बच्चों को वायरस से बचाने के लिए उन्हें कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर सिखायें और साथ ही मल्टीविटामि, विटामिन-सी की गोलियां बच्चों को हर रोज देनी चाहिए, ताकि उनकी रोगप्रतिरोधक क्षमता बरकरार रहे.
क्या कोरोना पॉजिटिव मां अपने नवजात बच्चे को स्तनपान करा सकती हैं?
जी हां बिलकुल, अगर कोई महिला स्तनपान करा रही है और वो कोरोना पॉजिटिव हो जाती है, तो घबराने की जरूरत नहीं है. यह वायरस कन्ट्राइंडिकेटेड नहीं है, यानी ब्रेस्ट फीडिंग कराते वक्त बच्चे में वायरस नहीं जायेगा. बस इतना ध्यान रखना है कि बच्चे को गोद में लेते वक्त मास्क लगाया हो और ग्लव्स पहने हों. एक बात और, अगर गर्भवती महिला भी कोविड पॉजिटिव हो जाती है, तो भी जरूरी नहीं है कि गर्भ में पल रहा बच्चा भी संक्रमित हो.
क्या वैक्सीन लेने के बाद कोरोना का संक्रमण नहीं होगा?
ऐसा नहीं है, वैक्सीन लेने के बाद भी कोरोना का संक्रमण हो सकता है, बस फर्क इतना है कि अगर आप दोनों डोज ले चुके हैं तो आपको लक्षण नहीं आयेंगे और अगर लक्षण आयेंगे भी तो वो इतने हल्के होंगे कि घर पर ही साधारण दवाइयों से ठीक हो जाएंगे. आपको फेफड़ों से संबंधी बीमारी नहीं होगी और अस्पताल में भर्ती नहीं होना पड़ेगा. यह भी पढ़ें: अजीबो-गरीब इलाज! WhatsApp पर फेक COVID Cure वीडियो देखने के बाद मां और बच्चों ने चार दिन किया पेशाब का सेवन
कोरोना से जुड़े सवालों पर चिकित्सा शिक्षा, गुवाहाटी के निदेशक डॉ. अनूप बर्मन के जवाब
अगर किसी को हृदय रोग के अलावा भी कई बीमारियां हैं तो क्या वैक्सीन लगवा सकते हैं?
जी हां, अगर हृदय रोग या कोई अन्य बीमारी है और उसकी नियमित दवा ले रहे हैं, तो वैक्सीन लगवाने में कोई समस्या नहीं है. इसके लिए एक बार डॉक्टर से जांच करा सकते हैं. बीपी कंट्रोल (BP Control) हो, थायरॉयड (thyroid) बढ़ा न हो या कोई गंभीर समस्या न हो तो वैक्सीन जरूर लगवाएं.
क्या किडनी के मरीजों को वैक्सीन लगवानी चाहिए?
कोई अगर किडनी के किसी रोग से पीड़ित है या डायलिसिस करवा रहा है तो उन्हें कोविड का ज्यादा खतरा रहता है, इसलिए ऐसे लोगों को वैक्सीन जरूर लगवानी चाहिए. जैसे सब लोग वैक्सीन लगवा रहे हैं वैसे ही उन्हें भी लगवानी है.
कैसे पता चलेगा कि वैक्सीन की वजह से वायरस से सुरक्षित हैं या मास्क (mask) लगाने से?
वैक्सीन लगने के बाद भी आप पूरी तरह से सुरक्षित नहीं हैं क्योंकि 45 दिन के बाद ही शरीर में इम्यूनिटी पूरी तरह से बनती है. उससे पहले तक पूर्ण सुरक्षा का दावा नहीं कर सकते, इसलिए उस बीच मास्क लगाना होगा. इसके अलावा मास्क अगर नियमित तौर पर लगाएंगे तो वैक्सीन के बाद भी अगर कभी शरीर में एंटीबॉडी कम हो जाते हैं तो मास्क और सुरक्षित दूरी ही वायरस से बचायेगी.