सावन मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को हरियाली तीज मनाई जाती है. ये त्योहार खासकर राजस्थान, मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश में मनाई जाती है. ये त्योहार माता पार्वती और भगवान शिव के पुनर्मिलन के उपलक्ष्य के रूप में मनाया जाता है. कहा जाता है कि माता सटी के आत्मदाह करने के बाद भगवान् शिव और माता पार्वती का विवाह सावन के महीने में ही हुआ था. इसलिए हरियाली तीज सावन में ही मनाई जाती है. सावन में चारों और हरियाली होती है इसलिए इसे हरियाली तीज कहते हैं. तीज का त्योहार वास्तव में महिलाओं को सच्चा आनंद देता है. इस दिन वे रंग-बिरंगे कपड़े और सोने से लदकर तैयार होती हैं. नवविवाहित महिलाएं इस दिन अपने शादी का जोड़ा भी चाव से पहनती हैं. वैसे तीज के मुख्य रंग गुलाबी, लाल और हरा है. तीज पर हाथ-पैरों में मेहँदी भी जरूर लगाई जाती है. पार्वतीजी का आशीष पाने के लिए महिलाएं कई रीति-रिवाजों का पालन करती हैं. विवाहित महिलाएं अपने मायके जाकर ये त्योहार मनाती हैं. बहुत जगहों पर तीज के लिए खास थीम पार्टी का आयोजन किया जाता है. जिसमें थीम आउटफिट्स के साथ डैकोरेशन का भी खास ख्याल रखा जाता है. अगर आपको भी हरियाली तीज पर डेकोरेशन के कुछ आईडियाज चाहिए तो आइए आपको बताते हैं.
तीज की सजावट: पार्वती मां की मूर्ति को तीज कहा जाता है, इस दिन माता पार्वती को लाल रंग का जोड़ा पहनाया जाता है. उनका सोलह श्रृंगार किया जाता है. हरियाली तीज पूजन के लिए काली मिट्टी से भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश की प्रतिमा बनाई जाती है उसके बाद सबको बड़े प्यार से सजाया जाता है. घर के अंदर पूजा स्थान पर रंगोली बनाई जाती है, रंगोली के ऊपर भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा रखी जाती है इसके बाद कलश की हल्दी और कुमकुम से पूजा की जाती है बाद में भगवान शिव और गौरी की पूजा कर उनका संपूर्ण श्रृंगार किया जाता है.
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पूजा विधि:महिलाएं अपने पास सुहाग का सारा सामान रखकर माता पार्वती को अर्पित कर अपने सुहाग की लंबी उम्र की कामना करती हैं. भगवान शिव को धोती अर्पित कर जाता है उसके बाद हरियाली तीज की कथा पढ़ी जाती है और कथा समाप्त होने के बाद भगवान शिव, पार्वती और गणेश की आरती की जाती है पूजा के बाद भगवान की परिक्रमा भी की जाती है.
हरियाली पूजा की रात में जागरण भी करा सकते हैं. और सुबह खीर, हल्वे और मालपुए का भोग करें. हरियाली पूजा खत्म होने के बाद सरी चीजों को किसी नदी या तालाब में प्रवाहित करें.