Happy Onam Greetings 2021: ओणम (Onam) केरल (Keral) के लोगों द्वारा मनाया जाने वाला एक हिंदू त्योहार है. यह राज्य में सबसे लोकप्रिय त्योहार है और हर साल अगस्त और सितंबर में मनाया जाता है, और यह एक प्रमुख फसल उत्सव भी है. इस साल यह त्योहार 21 अगस्त को मनाया जाएगा, जिसमें उत्सव 12 अगस्त से शुरू होकर 23 सितंबर तक चलेगा. ओणम मलयालम कैलेंडर का पहला महीना है जिसे चिंगम के नाम से जाना जाता है. यह त्योहार विष्णु के वामन अवतार की उपस्थिति और पौराणिक राजा महाबली की बाद में घर वापसी की याद में मनाया जाता है. ओणम का उत्सव अथम दिन (जिस दिन अथम नक्षत्र प्रबल होता है) से शुरू होता है और थिरुवोनम दिवस तक 10 दिनों तक जारी रहता है. यह वर्ष का वह समय है जब केरल तुरही, ढोल, हाथी, नाव दौड़, नृत्य, कला, संगीत, फूलों की सजावट, रोशनी, रंग, अनुष्ठान और स्वादिष्ट ओणसाद्य के साथ प्रसन्न होता है, इन सब के बिना उत्सव अधूरा है. आप मलयाली हों या न हों, ओणम की भावना सार्वभौमिक है. यह भी पढ़ें: Happy Onam Wishes 2021: ओणम पर ये विशेज Whatsapp Stickers, Quotes और HD Images के जरिये भेजकर दें शुभकामनाएं
ओणम केरल राज्य से उत्पन्न मलयाली लोगों का पारंपरिक त्योहार है. ओणम एक धार्मिक, सांस्कृतिक त्योहार है जिसे दुनिया भर में मलयाली समुदाय द्वारा मनाया जाता है. मलयालम कैलेंडर में चिंगम के महीने में पड़ने वाला त्योहार ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार अगस्त या सितंबर के महीने में पड़ता है. इस दिन लोग मैसेजेस और ग्रीटिंग्स भेजकर अपने प्रियजनों और रिश्तेदारों को शुभकामनाएं देते हैं. आप भी नीचे दिए गए Wishes, Messages, Quotes, Shayari, Images, Photos के जरिये भेजकर बधाई दे सकते हैं.
1. हैप्पी ओणम
2. ओणम की शुभकामनाएं
3. ओणम की हार्दिक बधाई
4. ओणम की शुभकामनाएं
5. आपको और आपके परिवार को हैप्पी ओणम
ओणम का स्वागत विविध प्रकार की गतिविधियों के साथ किया जाता है और इसे बहुत धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया जाता है. त्योहार का जीवन इसकी सांस्कृतिक प्रथाओं में निहित है जिसमें नाव रेसिंग, नृत्य, फूलों की सजावट, रंगीन कला, भोजन और पारंपरिक कपड़े पहनकर कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. ओणम की शुरुआत कोच्चि के त्रिपुनिथरा के जूलूस शुरू होती है. इस जूलूस में हाथी मार्च, ड्रम बीट्स, त्यौहार का ध्वजारोहण, लोक कला रूपों, रंगीन ढंग से सजाए गए फ्लोट्स के माध्यम से केरल की संस्कृति को दिखाया जाता है, जो महाभारत और रामायण के दृश्यों को दर्शाते हैं. ऐतिहासिक रूप से जुलूस पथ त्रिपुनिथरा से मंदिर की ओर जाता है जो विष्णु के अवतार वामन को समर्पित है.