गुड फ्राइडे (Good Friday) को लेकर तमाम तरह की कहानियां प्रचलित हैं. क्रिश्चियन समाज के अनुसार प्रभु यीशु प्रेम और शांति के मसीहा थे. जब लोगों के बीच उनकी लोकप्रियता एक महान संत के रूप में बढ़ने लगी तो कुछ धार्मिक कट्टरपंथियों ने उनके साथ षड़यंत्र रच कर उन्हें प्रताड़ित करते हुए सूली पर चढ़ा कर मार डाला. यीशु के मरने की खबर से उनके अनुयायी निराश हो गये थे. लेकिन तीसरे ही दिन जब यीशु जीवित होकर वापस लौटे तो उनके अनुयायियों को बहुत खुशी हुई. उनके पुनर्जीवन के बाद उनके भक्तों ने उन्हें प्रभु का पुत्र मानते हुए उनका महान प्रभु यीशु के नाम से स्वागत किया. यहां बात करेंगे कि अगर गुड फ्राइडे के दिन यीशु की मृत्यु हुई थी, तो इसे ‘गुड’ शब्द क्यों दिया गया, साथ ही गुड फ्राइडे मनाने के छह तरीकों के बारे में भी बात करेंगे.
गुड फ्राइडे में ‘गुड’ क्या है?
ईसाई समाज के पवित्र ग्रंथ बाइबिल के अनुसार गुड फ्राइडे के दिन प्रभु यीशु को नृशंस तरीके से प्रताड़ित करके मारा गया था, इस नजरिये से ईसाई समाज के लिए यह गुड नहीं बैड फ्राइडे कहा जाना चाहिए, फिर गुड फ्राइडे में ऐसी क्या बात है कि इसे ‘गुड’ फ्राइडे के नाम से मनाया जाता है? हालांकि कुछ ईसाई परंपराओं के अनुसार जर्मनी में इसे ‘शोकपूर्ण शुक्रवार’ कहा जाता है, लेकिन जहां तक ‘गुड’ शब्द की बात है तो मान्यता है कि इस शब्द की उत्पत्ति गॉड्स फ्राइडे से हुई है. एक अन्य मान्यता के अनुसार यह दिन यीशु के पुनरुत्थान और मृत्यु तथा पाप पर उनकी जीत और ईस्टर के उत्सव का कारण बना, इसलिए इसे गुड फ्राइडे कहा जाता है. यह भी पढ़ें : Hanuman Jayanti 2023 HD Images: शुभ हनुमान जयंती! इन मनमोहक WhatsApp Stickers, GIF Greetings, Photo SMS, Wallpapers के जरिए दें बधाई
* गुड फ्राइडे के दिन ईसाई समाज के बहुत सारे लोग यरुशलम में उस स्थान में जा कर प्रभु यीशु को याद करते हैं, जहां उन्हें सूली पर चढ़ाया गया था.
* इस दिन लोग निकटतम चर्च में जाते हैं. वहां प्रभु यीशु के सामने प्रार्थना करते हैं
* इस दिन ईसाई समुदाय के कुछ कैथोलिक पैशन प्ले का आयोजन करते हैं, जिसमें लोग शिरकत करते हैं. इस आयोजन में दोपहर की चाय, हॉट क्रॉस बन्स आदि परोसा जाता है. इस दिन विशेष रूप से चिपचिपे फ्रूट बन्स, जो आटे का बना होता है, इस पर क्रॉस बना होता है. यह प्रभु यीशु की स्मृति स्वरूप होता है.
* बहुत से ईसाई परिवार में गुड फ्राइडे के दिन विशेष रूप से उपवास रखते हैं, जबकि कुछ लोग निर्जल उपवास भी रखते हैं, जबकि कुछ लोग हलका-फुलका भोजन करते हैं. वैसे गर्मी का मौसम होने के कारण कुछ हल्की-फुल्की चीजें जरूर खाते रहना चाहिए.
* अगर आप चर्च नहीं जा पा रहे हैं, तो दोपहर 3 बजे के करीब जहां भी हों, वहीं पर शांति पूर्वक प्रार्थना करें. क्योंकि प्रभु यीशु ने क्रूज पर लटकाये जाने के पश्चात इसी समय प्राण त्यागा था.
* चर्च से वापस आने के पश्चात भी क्रिश्चियन लोग प्रभु यीशु की मृत्यु पर चिंतन करें. यह गुड फ्राइडे का मुख्य कांसेप्ट है.