Health Benefits of Kalonji: आपकी सेहत बताती है कि आप किस स्तर के पौष्टिक वस्तुओं का सेवन करते हैं. खासकर यह कि आप खाना बनाने के लिए किन-किन चीजों का इस्तेमाल करते हैं. अच्छा स्वास्थ्य और संतुलित भोजन आपको लंबे समय तक सेहतमंद रखता है, और यह आपको तमाम छोटी-बड़ी बीमारियों से लंबे समय तक दूर रख सकता है. यही नहीं कई वस्तुएं तो आपके वजन को भी नियंत्रित करती हैं, ताकि आप सदाबहार जीवन जीएं. ऐसी ही एक वस्तु है कलौंजी, काले रंग के इस बीज जिसे मंगरैल भी कहते हैं और अंग्रेजी में इसे निगेला (सौंफ का फूल) के बीज के रूप में भी जाना जाता है. यकीनन इस छोटे-छोटे काले रंग के बीजों में बड़े-बड़े गुण छिपे होते हैं, जो आपको चिरकाल तक स्वस्थ बना सकते हैं. यह वजन घटाने से लेकर मुंहासों पर नियंत्रण तथा इम्यून को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाता है.
उत्तर भारत में कलौंजी को और भी कई अलग अलग नामों से जाना जाता है. कुछ जगहों पर इसे काला तिल कहते हैं तो बंगाली भाषी इसे कलजीरा कहते हैं. दक्षिण भारत में तेलुगू में निगेला सातिवा, जबकि तमिल में नाला जिलकर्रा के नाम से मशहूर है. कलौंजी के बीजों का इस्तेमाल कई भारतीय व्यंजनों मसलन समोसा, पापड़ी, कचौड़ी और पराठे आदि बनाने में किया जाता है. सौंफ के फूल का उपयोग नमकीन व्यंजनों को सुगंधित और स्वादिष्ट बनाने के लिए किया जाता है. इसके बीज विटामिन, क्रिस्टलीय निगेलोन, अमीनो एसिड, सैपोनिन, कच्चे फाइबर, प्रोटीन और फैटी एसिड जैसे लिनोलेनिक और ओलिक एसिड से भरे होते हैं. इसलिए यह शरीर के लिए कई मायनों में फायदेमंद साबित हो सकता है.
कलौंजी सेहत के लिए कैसे हैं लाभदायक
1. वजन कम करने में सहायकः कलौंजी के पोषक तत्व शरीर के बढ़े हुए वजन को कम करते हैं. शरीर की अतिरिक्त चर्बी को खत्म करने के लिए इसे शहद, नींबू और गरमपानी के साथ लें.
2. कोलेस्ट्रॉल कम करती हैः साल 2016 में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ में प्रकाशित एक शोध के अनुसार निगेला सैटाइवा खराब एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है. निगेला के बीज न केवल खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करता है, बल्कि अच्छे एचडीएल कोलेट्रॉल को बढ़ाता भी है.
3. इम्युनिटी को बढ़ाता हैः कलौंजी में एंटीऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में होती है, जो शरीर में फ्री रेडिकल से लड़ सकती है, जो ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस का कारण भी बनती है. इसीलिए इसे अपने व्यंजनों में शामिल करने से आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा मिल सकता है.
4. ब्लड शुगर को नियंत्रित करता हैः कलौंजी ब्लड शुगर के स्पाइक को रोकती है और इसलिए भोजन में ये काले बीज शामिल करने से शरीर को लंबे समय तक के लिए सेहतमंद और निरोग बना सकता है.
5. पेट के अल्सर पर नियंत्रण रखता हैः साल 2011 में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ में प्रकाशित एक शोध से यह निष्कर्ष निकला कि पेट के अल्सर को ठीक करने में कलौंजी का प्रयोग लाभकारी साबित हो सकता है. जब पेट में उत्पन्न एसिड पेट की सुरक्षा पर्तों को क्षतिग्रस्त करते हैं तो यह कष्टकारी साबित होने लगता है, इसे गले के अल्सर के रूप में जाना जाता है.
यूं तो कलौंजी यानी मंगरैल में विभिन्न किस्म के औषधीय गुण निहित होते हैं, इसके बावजूद इसका जरूरत से ज्यादा सेवन नहीं करना चाहिए. गर्भवती महिलाओं को किसी भी रूप में इसका सेवन करने से पूर्व अपने चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए, क्योंकि गर्भावस्था के दौरान यह गर्भाशय के संकुचन को प्रभावित कर सकता है. जो गर्भ में पल रहे शिशु के लिए अच्छा नहीं कहा जा सकता.