Yashoda Jayanti 2021: भगवान श्रीकृष्ण की माता यशोदा जी की आज (4 मार्च 2021) जयंती (Yashoda Jayanti) मनाई जा रही है, जिसका हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. उत्तर भारतीय चंद्र कैलेंडर के अनुसार, फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को हर साल यशोदा जयंती मनाई जाती है, जबकि गुजरात, महाराष्ट्र और दक्षिण भारतीय राज्यो में अमांता चंद्र कैलेंडर के अनुसार माघ महीने यशोदा जयंती मनाई जाती है. हालांकि दोनों कैलेंडर पर यशोदा जयंती की तिथि एक ही दिन पड़ती है. यशोदा जयंती के दिन माता यशोदा (Maa Yashoda) और भगवान श्रीकृष्ण (Lord Shri Krishna) की पूजा की जाती है. चलिए जानते हैं यशोदा जयंती के लिए शुभ मुहूर्त, मां यशोदा-भगवान श्रीकृष्ण की पूजा विधि और इस दिवस का महत्व.
यशोदा जयंती 2021 शुभ मुहूर्त
शुभ तिथि- 4 मार्च 2021 (गुरुवार)
षष्ठी तिथि प्रारंभ- 3 मार्च 2021 को दोपहर 13.51 बजे से,
षष्ठी तिथि समाप्त- 4 मार्च 2021 को सुबह 11.28 बजे तक.
यशोदा जयंती का इतिहास और महत्व
यशोदा जयंती को बड़े ही जोश और उत्साह के साथ मनाया जाता है. इसकी धूम विशेष तौर पर भगवान श्रीकृष्ण के गांव गोकुल में देखने को मिलती है. हिंदू धर्म में प्रचलित किंवदंतियों के अनुसार, मां यशोदा श्रीकृष्ण की पालने वाली मां और नंद बाबा की पत्नी हैं. श्रीकृष्ण को जन्म देने वाली माता का नाम देवकी और पिता वासुदेव हैं. मथुरा के राजा कंस की कालकोठरी में कृष्ण का जन्म हुआ था, लेकिन माता देवकी के भाई कंस से अपने पुत्र की रक्षा व उनकी परवरिश के लिए वासुदेव उन्हें गोकुल में नंद बाबा और माता देवकी के पास छोड़ आए. यह भी पढ़ें: March 2021 Festival Calendar: मार्च में मनाएं जाएंगे महाशिवरात्रि और होली जैसे बड़े पर्व, देखें इस महीने पड़ने वाले व्रत व त्योहारों की लिस्ट
यशोदा जयंती पूजा विधि
यशोदा जयंती के दिन भक्त सुबह जल्दी उठते हैं और ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करते हैं. स्नान के बाद माता यशोदा और भगवान श्रीकृष्ण की फल, फूल, धूप, दीप, हल्दी, चंदन, कुमकुम, नारियल और तुलसी दल इत्यादि से विधिवत पूजा की जाती है. माता यशोदा की पूजा भगवान कृष्ण के बाल अवतार के साथ की जाती है और इस पर्व को धूमधाम से मनाया जाता है. मान्यता है कि इस दिन मां यशोदा और श्रीकृष्ण की पूजा साथ करने से भक्तों को दोनों का आशीर्वाद प्राप्त होता है.