World Hijab Day 2019: दुनिया भर की मुस्लिम महिलाएं (Muslim Women) और लड़कियां हर साल 1 फरवरी (1st February) को विश्व हिजाब दिवस (World Hijab Day) मनाती हैं. हिजाब डे मनाकर इस्लाम धर्म की महिलाएं अपने धर्म के प्रति एकजुटता दिखाती है और महिलाएं हिजाब की अहमियत बताकर इस धर्म की अन्य महिलाओं को जागरूक करती हैं. हर महिला हिजाब को इस्लाम का गर्व बताती हैं, यही वजह है कि हिजाब डे (Hijab Day) के अवसर पर दुनिया भर की मुस्लिम महिलाएं हिजाब (Hijab) पहनकर अपने उज्जवल भविष्य की तरफ बढ़ने के लिए प्रेरित होती हैं. यह वो खास दिन है जो महिलाओं को यह एहसास दिलाता है कि हिजाब उनके लिए कोई बंदिश नहीं, बल्कि सबसे बेशकीमती तोहफा है.
विश्व हिजाब दिवस के मौके पर मुस्लिम महिलाएं हिजाब पहनकर अपने आप को खूबसूरत, आत्मविश्वास से भरपूर और सशक्त समझती हैं. सोशल मीडिया के इस दौर में दुनिया भर की तमाम मुस्लिम महिलाएं हिजाब दिवस पर हिजाब पहनकर एकजुट होती नजर आती हैं.
कैसे हुई इस दिवस की शुरुआत?
विश्व हिजाब दिवस की शुरुआत 1 फरवरी साल 2013 से हुई और इसका श्रेय नजमा खान को जाता है. दरअसल नजमा ने सामाजिक बदलाव के लिए मुस्लिम महिलाओं को प्रेरित करने के मकसद से इस दिन को मनाने की शुरुआत की थी. इस दिवस को मुस्लिम महिलाओं के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए मनाया जाता है.
हर साल दुनिया भर की मुस्लिम महिलाएं हिजाब डे के दिन हिजाब पहनकर सेल्फी लेती है और अन्य महिलाओं को प्रेरित करने के लिए खास संदेशों के साथ अपनी तस्वीरों को सोशल मीडिया पर पोस्ट करती हैं. वो इस दिन को अपनी ताकत के तौर पर मनाती है. इस दिन अभियान चलाए जाते हैं, जिनमें महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए उन्हें प्रेरित किया जाता है.
मुस्लिम महिलाएं क्यों पहनती है हिजाब?
अक्सर आपने मुस्लिम महिलाओं को बुर्का और हिजाब पहने हुए देखा होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर मुस्लिम धर्म की महिलाएं इसे क्यों पहनती हैं? दरअसल, इसका उल्लेख मुस्लिम धर्म के पवित्र पुस्तक 'कुरान' में मिलता है. इसमें बताया गया गया है कि मुस्लिम धर्म की महिलाओं और पुरुषों का लिबास कैसा होना चाहिए? यह भी पढ़ें: February 2019 Calendar: फरवरी का महीना है बेहद खास, जानें इस माह पड़ने वाले व्रत और त्योहारों की पूरी लिस्ट
कुरान के मुताबिक, मुस्लिम महिलाओं का लिबास ऐसा होना चाहिए, जिसे पहनने के बाद उनकी आंखे, चेहरा, हाथ और पैर किसी पराये आदमी को न दिखाई दे. यही वजह है कि मुस्लिम महिलाएं बुर्का और हिजाब पहनकर अपने शरीर और चेहरे को ढंककर रखती हैं.
बात करें हिजाब की तो अरबी भाषा में इसका अर्थ है सिर ढंकना. जिसे पहनने के बाद महिला का चेहरा तो नजर आता है, लेकिन बाल और गर्दन छुपे होते हैं. दरअसल, पश्चिमी देशों में हिजाब पहनने का चलन ज्यादा दिखाई देता है, जबकि एशियाई देशों में बुर्का का इस्तेमाल ज्यादा किया जाता है.