Vijaya Ekadashi 2023 Messages: विजया एकादशी की शुभकामनाएं, अपनों संग शेयर करें ये हिंदी WhatsApp Wishes, GIF Greetings, Quotes और Images
विजया एकादशी 2023 (Photo Credits: File Image)

Vijaya Ekadashi 2023 Messages in Hindi: एकादशी तिथि भगवान विष्णु (Lord Vishnu) को अत्यंत प्रिय है और हर एकादशी (Ekadashi) का अपना एक अलग महत्व है. वहीं हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को विजया एकादशी (Vijaya Ekadashi) के नाम से जाना जाता है. इस साल 16 फरवरी 2023 को विजया एकादशी मनाई जा रही है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने से भक्तों को हर कार्य में सफलता और शत्रुओं पर विजय की प्राप्ति होती है. इस एकादशी से जुड़ी प्रचलित कथा के अनुसार, लंकापति रावण से युद्ध करने से ठीक पहले भगवान राम ने स्वयं इस व्रत को किया था और इस व्रत के प्रभाव से उन्हें लंकापति रावण पर विजय मिली थी.

विजया एकादशी का व्रत व्यक्ति को मोक्ष की ओर ले जाता है और अगर आप शत्रुओं से परेशान हैं तो आपको विधिवत विजया एकादशी का व्रत अवश्य करना चाहिए. इसके साथ ही आप इसकी बधाई भी दे सकते हैं. इस अवसर पर आप इन मैसेजेस, वॉट्सऐप विशेज, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, कोट्स और इमेजेस को अपनों संग शेयर कर विजया एकादशी की शुभकामनाएं दे सकते हैं.

1- विष्णु जिनका नाम है,

बैकुंठ जिनका धाम है,

जगत के उस पालनहार को,

हमारा शत-शत प्रणाम है.

विजया एकादशी की बधाई

विजया एकादशी 2023 (Photo Credits: File Image)

2- ताल बजेमुदंग बजे,

और बजे हरी की वीणा,

जय रामजय राम,

जय श्री कृष्ण हरी.

हैप्पी विजया एकादशी

विजया एकादशी 2023 (Photo Credits: File Image)

3ॐ श्री विष्णवे नम:

विजया एकादशी की शुभकामनाएं

विजया एकादशी 2023 (Photo Credits: File Image)

4- ॐ नमो नारायण नम:

विजया एकादशी हार्दिक बधाई

विजया एकादशी 2023 (Photo Credits: File Image)

5-ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम:

शुभ विजया एकादशी

विजया एकादशी 2023 (Photo Credits: File Image)

गौरतलब है कि एकादशी व्रत के नियम दशमी तिथि से ही प्रारंभ हो जाते हैं और द्वादशी की सुबह पारण से पहले तक इसका पालन करना चाहिए. एकादशी के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नानादि से निवृत्त होकर व्रत का संकल्प लें. इसके बाद पीले फूल, अक्षत, चंदन, रोली, मौसमी फल, मिठाई, पंचामृत, पान, सुपारी, हल्दी धूप-दीप, तुलसी इत्यादि से भगवान विष्णु का विधिवत पूजन करना चाहिए. इस दिन भगवत गीता का पाठ, विष्णु सहत्रनाम का पाठ और 'ओम् नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जप करना चाहिए, फिर अगले दिन यानी द्वादशी तिथि को व्रत का पारण करना चाहिए.