Vidyarthi Divas 2024: विद्यार्थी दिवस क्यों मनाया जाता है? जानें इसके पीछे का उद्देश्य, डॉ. आंबेडकर से जुड़ा है ये खास दिन

Maharashtra Student Day: आज 7 नवंबर को विद्यार्थी दिवस (Vidyarthi Divas 2024) पूरे देश में विशेष उत्साह के साथ मनाया जा रहा है. यह दिन भीमराव आंबेडकर के विद्यालय प्रवेश दिवस के रूप में मनाया जाता है, जो शिक्षा के क्षेत्र में उनके महत्वपूर्ण योगदान का प्रतीक है. महाराष्ट्र सरकार के शिक्षा विभाग ने 27 अक्टूबर 2017 को इस दिन को विद्यार्थी दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया था.

विद्यार्थी दिवस का उद्देश्य छात्रों को शिक्षा के प्रति प्रेरित करना और उन्हें अपने जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरणा देना है. महाराष्ट्र के विभिन्न स्कूलों में इस दिन विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. इनमें निबंध लेखन, भाषण और डिबेट प्रतियोगिताएं प्रमुख होती हैं, जो छात्रों को उनके विचार व्यक्त करने और संवाद कौशल में सुधार करने का अवसर प्रदान करती हैं.

इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य छात्रों को उनकी शिक्षा और उज्जवल भविष्य के प्रति जागरूक करना है. विद्यार्थी दिवस छात्रों को यह समझने का अवसर देता है कि शिक्षा केवल एक व्यक्तिगत लाभ नहीं, बल्कि समाज और राष्ट्र की प्रगति में भी महत्वपूर्ण योगदान है.

इस दिन को मनाते हुए, छात्रों को यह प्रेरणा दी जाती है कि वे सिर्फ पढ़ाई पर ध्यान न दें, बल्कि अपने समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को भी समझें. यह दिन न केवल विद्यार्थियों के लिए एक उत्सव है, बल्कि यह हमें डॉ. भीमराव आंबेडकर की विचारधारा और उनकी शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को भी याद दिलाता है.

डॉ. बी. आर. अम्बेडकर को बाबासाहेब अम्बेडकर के नाम से जाना जाता है. सभी जानते हैं कि वे भारतीय संविधान के रचयिता हैं. वह एक बहुत प्रसिद्ध राजनीतिक नेता, प्रख्यात न्यायविद, बौद्ध कार्यकर्ता, दार्शनिक, मानवविज्ञानी, इतिहासकार, लेखक, अर्थशास्त्री, विद्वान और संपादक थे. डॉ. अम्बेडकर ने अपने पूरे जीवन में दलितों और अन्य सामाजिक रूप से पिछड़े वर्गों के अधिकारों के लिए अस्पृश्यता जैसी सामाजिक बुराइयों को मिटाने के लिए संघर्ष किया. उन्हें जवाहरलाल नेहरू के मंत्रिमंडल में भारत के पहले कानून मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था. 1990 में उन्हें मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया.

भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश में हुआ था. वह अपने माता-पिता की चौदहवीं संतान थे. अम्बेडकर के पिता रामजी भारतीय सेना में सूबेदार थे और महू छावनी, मप्र में तैनात थे. अम्बेडकर को समाज के हर कोने से भारी भेदभाव का सामना करना पड़ा क्योंकि उनके माता-पिता हिंदू महार जाति से थे. महार जाति को उच्च वर्ग द्वारा "अछूत" के रूप में देखा जाता था.

ब्रिटिश सरकार द्वारा चलाए जा रहे आर्मी स्कूल में भी अंबेडकर के साथ भेदभाव और अपमान हुआ. 1908 में अम्बेडकर मुंबई के एलफिंस्टन कॉलेज में अध्ययन करने गए. अम्बेडकर ने बड़ौदा के गायकवाड़ शासक सयाजी राव तृतीय से पच्चीस रुपये प्रति माह की छात्रवृत्ति प्राप्त की. उन्होंने 1912 में बॉम्बे विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान और अर्थशास्त्र में स्नातक किया. बाबा साहेब अम्बेडकर उच्च अध्ययन के लिए यूएसए भी गए.