Vaikuntha Ekadashi 2020: वैकुंठ एकादशी एक महत्वपूर्ण एकादशी है, ये हिंदू कैलेंडर के अनुसार शुक्ल पक्ष की एकादशी के 11वें दिन पड़ता है. ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार यह त्योहार दिसंबर से जनवरी महीने में पड़ता है. वैकुंठ एकादशी का दिन वैष्णव धर्म के अनुयायियों के लिए शुभ होता है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस दिन 'वैकुंठ द्वारम' यानी भगवान विष्णु के निवास स्थान वैकुण्ठ धाम का प्रवेश द्वार खुलता है, इसलिए ऐसा माना जाता है कि इस दिन जो व्रत रखता है उसे मृत्यु के बाद वैकुंठ धाम की प्राप्ति होती है. पूरे देश भर में हिंदू भक्त वैकुंठ एकादशी को पूरे उत्साह के साथ मनाते हैं. भारत के दक्षिणी राज्यों में इस एकादशी को अक्सर 'मुकोटि एकादशी' (Mukkoti Ekadashi) के रूप में जाना जाता है और इसे तमिलियन कैलेंडर में 'मार्गाज़ी' (Margazhi) के महीने में मनाया जाता है. केरल में वैकुंठ एकादशी को 'स्वर्गाथिल एकादशी' (Swargavathil Ekadashi) के रूप में मनाया जाता है.
इस दिन दुनिया के विभिन्न हिस्सों में भगवान विष्णु के मंदिरों में विशेष प्रार्थना, प्रवचन, भाषण और यज्ञ का आयोजन किया जाता है. दक्षिण भारत कम मंदिरों में इस एकादशी के दिन विशेष पूजा आयोजित की जाती है.
व्रत और पूजा विधि:
वैकुंठ एकादशी के दिन कठोर व्रत रखा जाता है, इस दिन अन्न और जल ग्रहण नहीं करते हैं. एकादशी पर पूर्ण व्रत का पालन किया जाता है. जो लोग पूरी तरह से उपवास करने में सक्षम नहीं हैं वे फल और दूध भी खा सकते हैं. किसी भी एकादशी पर चावल और अनाज खाने की अनुमति नहीं है. वैकुंठ एकादशी के दिन भगवन विष्णु की विशेष पूजा की जाती है. एकादशी की रात जागरण कर भगवान विष्णु की कथा और भजन किया जाता है. वैकुंठ एकादशी के दिन वैकुंठ धाम के द्वार खुल जाते हैं, इसलिए शाम को बड़ी संख्या में भक्त भगवान विष्णु मंदिरों में जाते हैं.
शुभ मुहूर्त:
सूर्योदय 06 जनवरी, 2020 सुबह 7 बजकर 13 मिनट पर
सूर्यास्त 06 जनवरी, 2020 शाम 5 बजकर 51 मिनट पर
द्वादशी समाप्ति: 08 जनवरी, 2020 सुबह 4 बजकर 14 मिनट पर
एकादशी तीथि 06 जनवरी, 2020 सुबह 3 बजकर 2 मिनट पर
एकादशी तृतीया 07 जनवरी, 2020 सुबह 4 बजकर 2 मिनट पर
हरि वासरा अंत क्षण 07 जनवरी, 2020 सुबह 10 बजकर 5 मिनट पर
पारण समय 07 जनवरी, दोपहर 1 बजकर 36 मिनट पर और 07 जनवरी, 3 बजकर 44 मिनट पर
वैकुंठ एकादशी हिंदुओं के लिए एक शुभ और महत्वपूर्ण दिन है. इस पवित्र दिन की महानता को कई हिंदू धार्मिक ग्रंथों जैसे 'पद्म पुराण' में वर्णित किया गया है. किंवदंतियों के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि वैकुंठ एकादशी के दिन उपवास करने से हिंदू कैलेंडर में शेष 23 एकादशियों के उपवास का पुण्य मिलता है. भक्त वैकुंठ एकादशी का व्रत अपने पापों से मुक्त होने और मोक्ष प्राप्त करने के लिए करते हैं.